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'गैस चैंबर' की गैस कम करने के लिए एक्शन में पीसीबी

देश में सबसे प्रदूषित शहर होने का दाग लगने के बाद हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का क्षेत्रीय कार्यालय हरकत में आ गया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Mar 2019 07:59 PM (IST)Updated: Wed, 13 Mar 2019 07:59 PM (IST)
'गैस चैंबर' की गैस कम करने के लिए एक्शन में पीसीबी
'गैस चैंबर' की गैस कम करने के लिए एक्शन में पीसीबी

आदित्य राज, गुरुग्राम

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देश में सबसे प्रदूषित शहर होने का दाग लगने के बाद हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का क्षेत्रीय कार्यालय हरकत में आ गया है। कार्यालय ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, गुरुग्राम महानगरीय विकास प्राधिकरण, नगर निगम, हुडा, पुलिस उपायुक्त (ट्रैफिक) एवं लोक निर्माण विभाग (बीएंडआर) को पत्र लिखकर पूछा है कि वायु प्रदूषण का स्तर कम करने के लिए वे क्या प्रयास कर रहे हैं? जवाब 15 दिनों के भीतर सभी को देना है। इसके साथ ही सुझाव दिया है कि कहीं भी हाथ से सफाई कराने की बजाय मशीन से सफाई कराई जाए। क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण को प्रदूषण जांच केंद्रों की समय-समय पर जांच करने को कहा गया है। सभी विभाग को अलग-अलग पत्र एक मार्च से पांच मार्च के बीच भेजा गया है।

पिछले कुछ वर्षों से गुरुग्राम में वायु प्रदूषण का स्तर दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। इसके पीछे कई कारण हैं। इनमें ट्रैफिक जाम, अधिकतर सड़कों की हाथ से सफाई, निर्माण कार्यों के दौरान पानी का छिड़काव न करना, वाहनों के मेंटिनेंस के ऊपर ध्यान न देना आदि प्रमुख हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सभी संबंधित विभागों से कहा है कि जहां कहीं भी निर्माण कार्य चल रहा है वहां पर पानी का छिड़काव इस तरह होना चाहिए कि धूल मिट्टी न उड़े। बोर्ड की जांच में यह सामने आया है कि निर्माण कंपनियां पानी के छिड़काव के ऊपर गंभीरता से ध्यान नहीं दे रही हैं। यही नहीं अधिकतर सड़कों की सफाई मशीन से की जाती है।

दिल्ली इलाके में दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे की सफाई मशीन से कराई जाती है जबकि गुरुग्राम इलाके में हाथ से सफाई कराई जाती है। इस बारे में बोर्ड ने कहा है कि एक्सप्रेस-वे के ऊपर वाहनों का दबाव काफी अधिक है। सफाई के दौरान कर्मचारी के साथ हादसा भी हो सकता है। मशीन से सफाई कराने के बारे में तर्क यह दिया गया है कि इससे जहां वायु प्रदूषण नहीं बढ़ेगा वहीं कम से कम समय में सफाई हो सकेगा। बंद होंगे चार प्रदूषण जांच केंद्र

हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने जांच में पाया कि शहर में चार प्रदूषण जांच केंद्र सही नहीं हैं। कागजों में ही जांच की जा रही है। इन सभी को बंद करने के बारे में क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण गुरुग्राम को लिखा गया है। साथ ही सुझाव दिया गया है कि सभी जांच केंद्रों की समय-समय पर जांच करें। 10 साल पुराने डीजल एवं 15 साल पुराने पेट्रोल आधारित वाहनों को सड़कों से हटाने का काम शुरू करने के बारे में भी कहा गया है। ट्रैफिक पुलिस से कहा गया है कि कहीं भी जाम न लगने दें। जाम लगने से वायु प्रदूषण ही नहीं बल्कि ध्वनि प्रदूषण का स्तर भी बढ़ता है। बोर्ड ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से एक्सप्रेस-वे पर लगे जनरेटरों की रिपोर्ट भी मांगी है।

. शहर को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए कई स्तर पर प्रयास करने की आवश्यकता है। इसी दिशा में कई विभागों से जवाब मांगे गए हैं। सबसे अधिक हाथ से सफाई की जगह मशीनों से सफाई कराने के ऊपर जोर दिया गया है। 15 दिनों के भीतर सभी से अलग-अलग जवाब मांगे गए हैं।

- कुलदीप सिंह, क्षेत्रीय अधिकारी, हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, गुरुग्राम


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