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सोलर पैनल से हुई सालाना 33 लाख रुपये की बचत

गुरुग्राम में विकास कार्यों के कारण पेड़ों की कटाई बहुत हुई है। हवा में प्रदूषण में भी अपना शहर अव्वल है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 04 Dec 2019 06:23 PM (IST)Updated: Thu, 05 Dec 2019 06:21 AM (IST)
सोलर पैनल से हुई सालाना 33 लाख रुपये की बचत
सोलर पैनल से हुई सालाना 33 लाख रुपये की बचत

पूनम, गुरुग्राम

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डीएलएफ फेज-5 की वेलिगटन एस्टेट सोसायटी के लोगों ने सोलर पैनल लगाकर हर साल लाखों की बचत की है। यही नहीं बिजली जाने पर उन्हें जनरेटर भी नहीं चलाना पड़ता जिससे पर्यावरण प्रदूषण की समस्या भी नहीं होती है। साढ़े छह एकड़ में बनी सोसायटी में 555 अपार्टमेंट हैं। यहां पर दो चरणों में छत पर रूफ टॉप सोलर पैनल लगाए गए। इसकी क्षमता 350 किलोवाट की है और सोसायटी के प्रबंधन का दावा है कि किसी आवासीय परिसर में लगा यह सबसे बड़ा सोलर पैनल है।

पहले चरण में यहां वर्ष 2017 में 200 किलोवाट क्षमता का पैनल लगाया गया। फरवरी 2019 में इसकी क्षमता बढ़ाकर 350 किलोवाट कर दी गई। दोनों चरणों में पैनलों को लगाने में सोसायटी का एक करोड़ 85 लाख रुपया खर्च आया। इसमें 43 लाख रुपये उन्हें सौर ऊर्जा प्रयोग के लिए सरकार से सब्सिडी मिली है। अब इसके प्रयोग से सोसायटी में बिजली का बिल कम आ रहा है। बिजली के बिल की दर, निगम के लोअर स्लैब के अनुसार आ रही है। सोसायटी के कॉमन एरिया में प्रयोग की जाने वाली 70 फीसद बिजली सौर ऊर्जा के प्रयोग से आ रही है। हम लोगों ने 350 किलोवाट क्षमता का रूफटॉप सोलर पैनल लगाया है। किसी रिहायशी क्षेत्र में लगा यह सबसे बड़ा सोलर पैनल है। दो चरणों में लगाए गए इस पैनल से हम सालाना करीब 33 लाख रुपये का बिजली बिल बचा रहे हैं। जितनी बिजली बनाने में 500 टन कोयला जलता है, हम सोलर पैनल से उतनी बिजली बना रहे हैं। इससे करीब 16 सौ पेड़ों से अवशोषित होने वाले कार्बन डाई ऑक्साइड के बराबर प्रदूषण को रोका जा रहा है। सौर ऊर्जा के प्रयोग से पहले साल के दस महीने हम डीएचबीवीएन के अपर स्लैब में यानी 6.30 रुपये प्रति यूनिट बिजली बिल दे रहे थे। अब 10 महीने में लोअर स्लैब यानी 5.30 रुपये प्रति यूनिट बिजली का बिल दे रहे हैं।

- विनीत बग्गा, आरडब्ल्यूए प्रतिनिधि, वेलिगटन एस्टेट


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