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पार्कों में जॉगर्स दे रहे हैं चुनावी नतीजों के पूर्वानुमान

पहले चुनाव और अब एग्जिट पोल को लेकर हर वर्ग के लोगों में एक उत्कंठा बनी हुई है। हर जगह केवल पार्टियों के चौके छक्के लगाने की बातें। गली के मोड़ पर चाय वाला हो या फिर पार्कों में सुबह के समय लोगों की बातचीत हो। हर वर्ग में हर जगह केवल एग्जिट पोल का ही फ्लेवर है। सुबह सवेरे एक पार्क में कुछ इसी तरह का नजारा दिखाई दिया। कोई वॉक करते हुए तो कोई कसरत करते हुए कोई मोदी की सरकार के प्रति आश्वस्त है तो कोई अभी भी बदलाव की उम्मीद लगाए है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 20 May 2019 06:51 PM (IST)Updated: Mon, 20 May 2019 06:51 PM (IST)
पार्कों में जॉगर्स दे रहे हैं चुनावी नतीजों के पूर्वानुमान
पार्कों में जॉगर्स दे रहे हैं चुनावी नतीजों के पूर्वानुमान

प्रियंका दुबे मेहता, गुरुग्राम

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पहले चुनाव और अब एग्जिट पोल को लेकर हर वर्ग के लोगों में उत्कंठा बनी हुई है। हर जगह केवल पार्टियों के चौके-छक्के लगाने की बातें। गली के मोड़ पर चाय वाला हो या फिर पार्कों में सुबह के समय लोगों की बातचीत हो, हर वर्ग में हर जगह केवल एग्जिट पोल का ही फ्लेवर है। सुबह-सवेरे एक पार्क में कुछ इसी तरह का नजारा दिखाई दिया। कोई वॉक करते हुए तो कोई कसरत करते हुए, कोई मोदी की सरकार के प्रति आश्वस्त है तो कोई अभी भी बदलाव की उम्मीद लगाए है।

समाचार चैनलों व पत्रों के दावों और आंकड़ों को गलत बताते हुए लोगों के तथ्य और अधिक प्रभावी ढंग से रखी बातें सुनकर कदम ठहर जाते हैं। किसी बेंच पर बैठे शर्मा जी को लगता है कि बच्चे-बच्चे के मुंह पर अगर मोदी का नाम है तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि किसकी लहर है। तेजी से वॉक कर रहे कोठारी जी को उनकी बातों में दम नहीं लगा। उनका कहना था कि एग्जिट पोल अक्सर गलत साबित होते हैं। ऐसे में सच की धरातल पर उतरकर सोचना होगा।

शर्मा जी का कहना था कि आलोचकों ने भी आखिर थक हारकर उसी को वोट दिया है। अवस्थी जी इन दोनों के आपसी सियासी मतभेदों को समझते हुए बोले कि केवल दो ही पार्टियां नहीं हैं मैदान में। उनका कहना था कि स्थानीय नेताओं को तो किसी ने देखा ही नहीं, लोगों ने केवल एक ही नेता के नाम पर वोट दिया है।

दहिया जी की बातें सुनकर तो लग रहा था कि वे किसी भी नेता या पार्टी की जय या पराजय से खुश नहीं हैं। उन्हें बेहतर विकल्प नहीं मिला, ऐसे में एग्जिट पोल से भी खुश या नाखुश नहीं हैं। हालांकि उन्हें लगता है कि जो लहर है उसी को लेकर उम्मीद है। उनका कहना था कि इस बार पहले से भी अधिक वोटों से विजय मिलेगी। लोग वॉक करते हुए एक-दूसरे के साथ एग्जिट पोल पर चर्चा करते जा रहे थे। सभी की बातों में चिता और परिणाम की प्रतीक्षा की उत्सुकता और जिज्ञासा साफ नजर आ रही थी।

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