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हमारा कर्तव्य है जनता की आकांक्षा को पूरा करना

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: आज का दिन सिविल सेवा के अधिकारियों के लिए आत्ममंथन का दिन है अ

By JagranEdited By: Published: Sat, 21 Apr 2018 07:27 PM (IST)Updated: Sat, 21 Apr 2018 07:27 PM (IST)
हमारा कर्तव्य है जनता की आकांक्षा को पूरा करना
हमारा कर्तव्य है जनता की आकांक्षा को पूरा करना

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: आज का दिन सिविल सेवा के अधिकारियों के लिए आत्ममंथन का दिन है और सभी अधिकारी यह मंथन करें कि किस भावना, नीयत तथा आकांक्षा से हमें जनता के बीच काम करना है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में हम प्रशासक नहीं बल्कि जनसेवक हैं और जनता की इच्छा तथा आकांक्षा को पूरा करना ही हमारा कर्तव्य है। उक्त बातें प्रदेश के राज्यपाल प्रो. कप्तान ¨सह सोलंकी ने कही। वो गुरुग्राम जिला प्रशासन द्वारा हरियाणा लोक प्रशासन संस्थान (हिपा) में 12वें सिविल सर्विसिज डे पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। उन्होंने तुलसीदास और महात्मा गांधी का उदाहरण देते हुए यह भी कहा कि जब भी कोई व्यक्ति आपके पास काम के लिए आता है तो सोचे कि यह मेरा पहला कर्तव्य है कि मुझे उनकी तकलीफ दूर करनी है। मुख्य वक्ता के संबोधन से पहले कार्यक्रम का शुभारंभ भारत निर्वाचन आयोग के निर्वाचन आयुक्त अशोक लवासा द्वारा किया गया था। उनके साथ मंच पर प्रदेश सरकार के पूर्व मुख्य सचिव तथा भारत सरकार में सचिव पद पर रहे एमसी गुप्ता व हिपा के महानिदेशक डॉ. जी प्रसन्ना कुमार भी उपस्थित रहे। संविधान के प्रति आस्था रखने की जरूरत

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राज्यपाल ने कहा कि अधिकारी चार 'आ' अर्थात आस्था, आत्मसंयम, आत्मीयता तथा आध्यात्मिकता को अपनाएंगे तो अवश्य सफल होंगे। आत्मसंयम का अर्थ है कि आप स्वयं अनुशासन में रहें और इसके लिए आत्मसंयम की भी जरूरत होती है। आत्मीयता के बिना समाज से जुड़ना संभव नहीं है, इसी प्रकार अधिकारियों को अपनी इच्छाओं पर नियंत्रण रखना चाहिए क्योंकि इच्छाओं का अंत नहीं है और यही आध्यात्मिकता है। उन्होंने बताया कि अधिकारी की संविधान के प्रति आस्था यानि देश के प्रति आस्था हो। योजना बनाते समय यह ध्यान रखना अतिआवश्यक है कि उसका समाज में अंतिम व्यक्ति पर क्या प्रभाव पड़ेगा, यही संविधान की मूल भावना भी है। वहीं अशोक लवासा ने अपने संबोधन में देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने सिविल सेवाओं को 'स्टील फ्रेम' के समान बताया था। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद अब तक देश में काफी उन्नति हुई है, लोगों मे उत्साह बढ़ा है और साथ ही लोगों की उम्मीदें भी ज्यादा हो गई हैं। उन्होंने कहा कि अब अधिकारियों को ड्यूल रोल अदा करना होता है, एक तो रेगुलेट करना तथा दूसरा बदलाव का वातावरण पैदा करना है। यह एक चुनौती भरा कार्य है। एमसी गुप्ता ने भी अपना अनुभव साझा करते हुए अधिकारियों को भागवत गीता तथा भारतीय संविधान की प्रस्तावना को ध्यान में रखकर अपने कर्तव्यों के निर्वहन करने के लिए प्रेरित किया। विभिन्न योजनाओं पर हुई चर्चा

कार्यक्रम का केंद्र ¨बदु चार योजनाएं रही, जिसमें प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, डिजिटल पेमेंट तथा पंडित दीन दयाल उपाध्याय कौशल विकास योजना पर विस्तार से चर्चा की गई। कार्यक्रम में जिले के विभिन्न क्षेत्रों मे सराहनीय कार्य करने वाले 21 अधिकारियों को सम्मानित भी किया गया। इस अवसर पर उपायुक्त विनय प्रताप ¨सह, हिपा के प्रवर निदेशक एमडी सिन्हा, डीसीपी मुख्यालय दीपक गहलावत समेत कई लोग मौजूद रहे।


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