लाकडाउन के एक साल: आपदा के साथ कुछ अवसर भी लेकर आया कोविड-19
वैश्विक महामारी कोविड-19 अपने साथ सिर्फ आपदा ही नहीं कुछ अवसर भी लेकर आई। लाकडाउन के दौरान सिर्फ उन्हीं औद्योगिक इकाइयों को काम करने की अनुमति दी गई थीं जो जरूरी चीजों का उत्पादन कर रही थीं।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: वैश्विक महामारी कोविड-19 अपने साथ सिर्फ आपदा ही नहीं कुछ अवसर भी लेकर आई। लाकडाउन के दौरान सिर्फ उन्हीं औद्योगिक इकाइयों को काम करने की अनुमति दी गई थीं, जो जरूरी चीजों का उत्पादन कर रही थीं। बाकियों को काम बंद करना पड़ा था। इसे देखते हुए जिले के विभिन्न औद्योगिक हब वस्त्र उद्योग से जुड़ी कुछ औद्योगिक इकाइयों के संचालकों ने मौके की नजाकत को देखते हुए पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट्स (पीपीई) किट और मास्क बनाना शुरू किया। इन कंपनियों द्वारा पहली बार पीपीई किट और मास्क बनाने का काम शुरू किया था। इन्हीं कंपनियों के कारण देखते ही देखते देश मास्क और पीपीई किट के मामले में देश आत्मनिर्भर बन गया।
कोरोना काल में वस्त्र उद्योग से संबंधित उद्यमियों ने अपनी इकाइयों ने अपने काम के ट्रेंड को बदल दिया। उन्होंने यह तय किया कि वह अपने यहां उन चीजों को बनाएंगे जिनका दूसरे देशों से आयात करना पड़ता है। उद्योग विहार स्थित शिव एक्सपोर्ट के एमडी संजीव केडिया ने अपने पीपीई किट और मास्क बनाने का काम शुरू किया। इसका फायदा यह हुआ कि संकट काल में लोगों का रोजगार कायम रहा और पीपीई किट और मास्क की कमी नहीं होने पाई। लाकडाउन के दौरान जिले की 20 औद्योगिक इकाइयों में रोजाना 40,000 से ज्यादा किट तैयार की जा रही थीं। मोडलामा, काटन क्राफ्ट के आइएमटी मानेसर सेक्टर-4 व उद्योग विहार के फेज-1 स्थित प्लांट में पीपीई किट को तैयार किया जा रहा था। कादीपुर, बसई और सेक्टर-37 औद्योगिक क्षेत्रों में स्थित इकाइयों में पीपीई किट, मास्क और सैनिटाइजर को तैयार किया गया। इस मामले में देश के साथ-साथ गुरुग्राम आत्मनिर्भर बन गया।
यही नहीं उद्योग विहार फेज-6 सेक्टर-37 स्थित डा. मान लाइफ साइंसेज प्राइवेट लिमिटेड एवं इगोन ब्ल्यू एलएलपी द्वारा लाकडाउन में पूर्ण स्वदेशी तकनीक से वेंटिलेटर तैयार किया गया। कोरोना आपदा के समय में गुरुग्राम ने देश को पीपीई किट, वेंटिलेटर और मास्क के मामले में आत्मनिर्भर बनाने का काम किया।