सिर्फ वरिष्ठ नागरिकों की देखभाल करने वाले घरेलू सहायकों के बनेंगे पास
उपायुक्त अमित खत्री के फेसबुक लाइव के दौरान कुछ लोगों द्वारा घरेलू सहायक केलिए मूवमेंट पास बनवाने संबंधी कई प्रश्न पूछे गए।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: उपायुक्त अमित खत्री के फेसबुक पर लाइव के दौरान कुछ लोगों ने उनसे घरेलू सहायक के लिए मूवमेंट पास बनवाने संबंधी प्रश्न पूछे। इसे लेकर उपायुक्त ने स्पष्ट किया कि लॉकडाउन के दौरान सिर्फ उन्हीं वरिष्ठ नागरिकों व जरूरतमंदों के घरेलू सहायक के पास बनाए जाएंगे, जो पूर्ण रूप से सहायक पर निर्भर हैं। इस अवधि में शारीरिक दूरी का विशेष ध्यान रखना बहुत जरूरी है। उपायुक्त ने यह भी कहा कि जब तक कारण वाजिब या अति आवश्यक नहीं हो, तब तक प्रदेश की सीमाओं से लगते दूसरे राज्यों में किसी को प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
बुधवार को फेसबुक लाइव के दौरान उपायुक्त से किसी ने सवाल पूछा कि जिले में बनने वाले मूवमेंट पास को क्या दिल्ली, गाजियाबाद या प्रदेश की सीमा से लगते अन्य राज्यों में जाने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। इस पर उपायुक्त ने स्पष्ट किया कि यदि व्यक्ति द्वारा दिया गया कारण बहुत जरूरी है तो ही उसे प्रदेश की सीमा से बाहर जाने की भी अनुमति दी जाएगी। यदि इस दौरान व्यक्ति द्वारा किसी प्रकार का झूठ बोला जा रहा है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। उन्होंने बताया कि ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में कोई भी गरीब व्यक्ति खाली पेट न सोए, इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा रोजाना 60 से 65 हजार फूड पैकेट बंटवाए जा रहे हैं। मूवमेंट पास बनाने संबंधी प्रश्न का जवाब देते हुए उपायुक्त ने बताया कि मूवमेंट पास का रिस्पांस टाइम छह घंटे रखा गया है। इस अवधि के दौरान जिला प्रशासन द्वारा मूवमेंट करने वाले व्यक्ति से संपर्क किया जाता है। यदि 24 घंटे के दौरान व्यक्ति से कोई रिस्पांस नहीं मिलता तो उसका मूवमेंट पास रिजेक्ट कर दिया जाता है। मूवमेंट पास को रिजेक्ट करने के कई कारण हो सकते हैं। कई बार व्यक्ति जल्दबाजी में मूवमेंट पास के लिए अप्लाई कर देता है और आवश्यक दस्तावेज अटैच करना भूल जाता है। इसके अलावा यदि व्यक्ति द्वारा दिया गया कारण उपयुक्त नहीं है तो भी पास का आवेदन रिजेक्ट कर दिया जाता है। कालाबाजारी और जमाखोरी को रोकने के लिए जिले के चारों जोन में अलग-अलग टीमों का गठन किया गया है।