सौ फीसद पास हुए पर सौ फीसद अंक लेने वाले जीरो
शिक्षा बोर्ड ने इस बार बारहवीं कक्षा का परिणाम तैयार करने के लिए 30-10-60 का फार्मूला अपनाया था। इनमें से 30 अंक दसवीं के आधार पर 10 अंक ग्यारहवीं व 60 बारहवीं कक्षा के अंक जोड़कर परिणाम तैयार किया गया है।
बलवान शर्मा, नारनौल
एक ओर जहां दसवीं कक्षा में प्रदेश के 62 हजार छात्रों को 100 फीसद अंक मिले थे, वहीं बारहवीं कक्षा में एक भी छात्र को 100 फीसद अंक नहीं मिल सके। बेशक मेरिट में आने वालों की संख्या लाखों में रही हो। शिक्षा बोर्ड ने इस बार बारहवीं कक्षा का परिणाम तैयार करने के लिए 30-10-60 का फार्मूला अपनाया था। इनमें से 30 अंक दसवीं के आधार पर, 10 अंक ग्यारहवीं व 60 बारहवीं कक्षा के अंक जोड़कर परिणाम तैयार किया गया है। इस फार्मूले पर हरियाणा का एक भी छात्र सौ फीसद अंक हासिल नहीं कर सका। यहां बता दें कि हाल ही में शिक्षा बोर्ड द्वारा घोषित किए गए दसवीं कक्षा के परिणाम में प्रदेश के 62 हजार छात्रों ने सौ फीसद अंक हासिल किए थे। बारहवीं कक्षा में सौ फीसद अंक लेने वालों की संख्या जीरो रही है।
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प्रदेश के 4814 छात्रों का डाटा का नहीं हुआ मिलान, रिजल्ट रोका
नारनौल: हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड प्रशासन ने प्रदेश के 4814 बच्चों का परिणाम रोक लिया है। इनमें अधिकांश बच्चे वो हैं, जिन्होंने दसवीं कक्षा पंजाब बोर्ड से पास की है या फिर गुरुकुल कांगड़ी से पढ़े हैं। हरियाणा में छह विषयों के छह सौ अंकों के हिसाब से फार्मूला बनाया गया था। पंजाब व गुरुकुल कांगड़ी में अधिकतम अंक 650 है और इस वजह से डाटा मिलान नहीं हो सका है। हालांकि इन विद्यार्थियों का बाद में डाटा मिलान किया जाएगा और परिणाम घोषित कर दिया जाएगा।
---वर्जन-----
इस बार पास फार्मूला ऐसा अपनाया गया है, जिसकी वजह से कोई भी छात्र सौ फीसद अंकों के साथ पास नहीं हो सका है। दसवीं में पास फार्मूला अलग था, जिसकी वजह से प्रदेश के 62 हजार छात्र सौ फीसद अंकों के साथ पास हुए थे।
--डा. जगबीर सिंह,
चेयरमैन,
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड।