कृषि कानून से किसान को नहीं कोई नुकसान, केवल चाहिए एमएसपी की गारंटी
आम किसान इस समय बड़ी दुविधा में है। एक तरफ तो किसानों के आंदोलन को देखकर वह असमंजस में है कि आखिर हाल ही में बनाए गए कानूनों से किस तरह से किसान का नुकसान हो रहा है।
महावीर यादव, बादशाहपुर (गुरुग्राम)
आम किसान इस समय बड़ी दुविधा में है। एक तरफ तो किसानों के आंदोलन को देखकर वह असमंजस में है कि आखिर हाल ही में बनाए गए कानूनों से किस तरह से किसान का नुकसान हो रहा है, दूसरी तरफ यह भी सोच रहे हैं कि आखिर कुछ राजनीतिक लोग अपने स्वार्थों के लिए किस तरह से लोगों को बरगला रहे हैं। किसानों का कहना है कि जो कानून केंद्र सरकार ने बनाए हैं। वे पूरी तरह से किसानों के हित में ही हैं। इन कानूनों से किसान का कहीं से कोई नुकसान नहीं है। इससे पहले कृषि क्षेत्र में किसी प्रकार के कानून नहीं थे। केंद्र और राज्य सरकारें बस इतना सा तय कर दें कि किसान की फसल का वाजिब मूल्य उनको मिलेगा। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी मिलने से किसान अपनी फसल बेचने के प्रति पूरी तरह से सुरक्षित हो जाएंगे।
खेती की जमीन किसानों के पास लगातार कम होती जा रही है। जैसे-जैसे शहर विकसित हो रहे हैं। खेती योग्य जमीन भी कम हो रही है। कम जमीन होने के कारण अब किसानों ने परंपरागत खेती गेहूं, जौ, बाजरा आदि बोने के बजाय बागवानी की तरफ रुझान कर लिया है। बागवानी अपनाने से किसानों को काफी फायदा भी हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की किसानों की आय दोगुनी करने की सोच भी बागवानी और सब्जी लगाने के प्रति प्रेरित होने से साकार हो रही है।
सांपका गांव के कृष्ण कुमार अपने भाइयों के साथ मिलकर न केवल अपनी पैतृक जमीन में सब्जी उगा रहे हैं, बल्कि जटोला गांव के कई किसानों की जमीन उगाही-बटाई पर लेकर भी उस में पैदावार ले रहे हैं। कृष्ण कुमार का कहना है कि वह अपने खेतों में काफी मात्रा में सब्जी उगा रहे हैं। सब्जी उगाने के साथ ही वे फूलों की खेती भी करते हैं। उनको सब्जी उगाने में काफी फायदा भी होने लगा है। सब्जी की बिक्री में उनको किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आती है। मांग के अनुसार जिस तरह के भाव होते हैं, मंडी में वह भाव भी मिल जाते हैं।
कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन को लेकर कृष्ण कुमार की अलग ही राय है। उनका कहना है कि केंद्र सरकार ने जो कृषि कानून बनाए हैं, उनसे किसान को किसी प्रकार का नुकसान नहीं हो रहा है। किसान को केवल अपने फसल की बिक्री की चिता रहती है। सरकार फसल की बिक्री के लिए न्यूनतम राशि निर्धारित कर दें। जब किसान को अपनी फसल की बिक्री की गारंटी मिल जाएगी तो किसान को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर लगातार इस बात को कह रहे हैं कि किसानों की एमएसपी के साथ किसी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं की जाएगी। ना मंडी खत्म होगी ना एमएसपी खत्म होगा। सरकार एमएसपी के लिए लिखित में गारंटी दे दें। किसान के लिए वही सबसे बड़ी सौगात होगी।