300 करोड़ के डिफाल्टर बिल्डर एरिया में बिजली कनेक्शन देने की प्रक्रिया शुरू
पिछले छह महीने से बिजली कनेक्शन पर पाबंदी लगाए जाने से परेशानी झेल रहे बिजली उपभोक्ताओं के लिए अछी खबर है।
महावीर यादव, बादशाहपुर:
पिछले छह महीने से बिजली कनेक्शन पर पाबंदी लगाए जाने से परेशानी झेल रहे बिजली उपभोक्ताओं के लिए अच्छी खबर है। बिल्डर बिजली निगम के डिफाल्टर हुए तो बिजली निगम ने इन बिल्डर एरिया में बिजली कनेक्शन बंद कर दिए। सरकार ने अब इन बिल्डर एरिया में कनेक्शन देने की मंजूरी दे दी है। सोमवार से बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन करने वाले उपभोक्ताओं को राशि जमा कराने के लिए नोटिस देने का काम शुरू हो जाएगा। हरियाणा बिजली विनियामक आयोग (एचइआरसी) इस मामले में 24 जनवरी को सुनवाई करेगा। दैनिक जागरण ने भी आमजन की इस समस्या को प्रमुखता से प्रकाशित किया। गुरुग्राम होम डेवलपर्स एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल तथा दैनिक जागरण का इस समस्या के निवारण के लिए आभार व्यक्त किया है। बिल्डर को रिहायशी कालोनी विकसित करने के साथ ही सोसायटी में रहने वाले उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति के लिए बिजली निगम को बिजली का इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर देना होता है। 16 बिल्डरों ने बिजली का इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार नहीं किया। इन 16 बिल्डरों पर बिजली निगम की 900 करोड़ रुपये इंडीक्वेशी खड़ी हो गई। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बिल्डरों को राहत देकर इस 900 करोड़ राशि को घटाकर तीन सौ करोड़ कर दिया। उसके बाद बिल्डरों ने 300 करोड़ रुपये की राशि भी जमा नहीं कराई। बिजली निगम के अधिकारियों ने बिल्डरों पर लगातार दबाव बनाया तो तीन बिल्डरों ने कई सोसायटी में बिजली के ट्रांसफार्मर आदि लगाने का काम करा दिया। अब बिजली निगम के 13 बिल्डर डिफाल्टर हैं। बिजली निगम ने इन बिल्डर एरिया में दो जुलाई को कनेक्शन देने बंद कर दिए। निगम अधिकारियों ने तैयार किए दो तरह के प्रस्ताव बिजली कनेक्शन बंद होने के बाद उपभोक्ताओं की परेशानी बढ़ गई। मामला मुख्यमंत्री के दरबार में पहुंचा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बिजली उपभोक्ताओं के दर्द को समझा। उन्होंने बिजली निगम के अधिकारियों को 17 अक्टूबर को इस मामले में पालिसी बनाने के निर्देश दिए। उसके बाद से ही बिजली निगम के अधिकारी इस प्रक्रिया में जुटे हुए थे। बिजली निगम 300 करोड़ रुपये जुटाने के लिए दो तरह के प्लान पर काम कर रहे थे। दो प्रस्ताव सरकार को भेजे गए। एक प्रस्ताव में यह सुझाव दिया गया कि इन बिल्डर एरिया में जितने भी उपभोक्ता हैं उन सभी पर बिल्डर पर बकाया राशि को बराबर-बराबर कर वसूला जाए। दूसरा प्रस्ताव यह रहा कि जो नए उपभोक्ता बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन करेंगे। उन उपभोक्ताओं से बिजली कनेक्शन देने की एवज में करीब 20 हजार प्रति किलो वाट की राशि जमा कराई जाए। ताकि इस 300 करोड़ रुपये के नुकसान की बिजली निगम को भरपाई हो सके। सभी उपभोक्ताओं से राशि वसूले जाने के प्रस्ताव को सरकार ने ही नामंजूर कर दिया। एचइआरसी लोगों की आपत्तियों पर सुनवाई करेगा 24 को
बिजली निगम ने नए कनेक्शन लेने के लिए आवेदन करने वाले उपभोक्ताओं से 20 हजार रुपये प्रति किलो वाट की राशि जमा कराने की शर्त रखी है। इसके साथ ही बिजली निगम का यह भी दावा है कि अगर बिल्डर डिफाल्टर राशि जमा करा देगा तो यह राशि उपभोक्ताओं को वापस लौटा दी जाएगी। बिजली निगम ने इस संबंध में एचइआरसी में भी एक याचिका दायर की है। बिजली निगम ने इस याचिका में बिजली के लिए आवेदन करने वाले उपभोक्ताओं से प्रति किलो वाट विकास शुल्क लिए जाने की बात कही है। एचइआरसी ने इस संबंध में संबंधित उपभोक्ताओं से किसी भी प्रकार की आपत्ति या सुझाव मांगने के लिए पब्लिक नोटिस जारी कर दिया। सुझाव और आपत्तियां आने के बाद आयोग इस संबंध में 24 फरवरी को सुनवाई करेगा।
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जिन बिल्डर एरिया में कनेक्शन बंद किए थे। उनमें नए कनेक्शन जारी करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। सरकार ने कनेक्शन दिए जाने की मंजूरी दे दी है। सोमवार से आवेदकों को विकास शुल्क की राशि जमा कराए जाने के लिए नोटिस भेजने की तैयारी की जा रही है।
--प्रदीप कुमार चौहान, अधीक्षण अभियंता, सर्किल-टू, दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम।
-------- बिजली कनेक्शन बंद होने की वजह से उपभोक्ताओं को काफी परेशानी हो रही थी। इस संबंध में हमारी एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल तथा पूर्व मंत्री राव नरबीर सिंह से कई बार मुलाकात कर बिजली कनेक्शन जारी करने की मांग की थी। दैनिक जागरण ने भी लोगों की पीड़ा प्रकाशित की। मुख्यमंत्री ने आम जनता कि इस पीड़ा को समझा, हम मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हैं।
--नरेंद्र यादव, अध्यक्ष, गुरुग्राम होम डेवलपर्स एसोसिएशन।