कोरोना के बढ़ते मामले खड़ी कर रहे चुनौती की नई दीवार
औद्योगिक पहिए को आगे बढ़ाने में लगे जिला प्रशासन को कोरोना ग्रस्त मरीजों की संख्या नई चुनौती दे रही है। हालांकि मरीजों के स्वास्थ्य सुधार की दर बेहतर होती जा रही पर बढ़ते मरीज स्वास्थ्य विभाग के लिए परेशानी खड़ी कर रहे हैं।
सत्येंद्र सिंह, गुरुग्राम
औद्योगिक पहिए को आगे बढ़ाने में लगे जिला प्रशासन को कोरोना ग्रस्त मरीजों की संख्या नई चुनौती दे रही है। हालांकि मरीजों के स्वास्थ्य सुधार की दर बेहतर होती जा रही पर बढ़ते मरीज स्वास्थ्य विभाग के लिए परेशानी खड़ी कर रहे हैं। गुरुग्राम ऑरेंज जोन में है। डर यह बनता जा रहा है कि बढ़ते मामलों के चलते कहीं रेड जोन में न आए जाए। अगर ऐसा हुआ तो धीरे-धीरे पटरी पर आ रहे उद्योगों के लिए नियमत: नई बंदिश झेलनी पड़ सकती हैं।
जिले में कोरोना संक्रमण तीन तरह से फैला। पहले विदेश से आने वाले लोगों के संपर्क में आकर उनके परिजन हुए। उसके बाद तब्लीगी जमात से जुड़े लोगों ने कोरोना संक्रमण को बढ़ाया। हालांकि उसके बाद भी स्थित अत्यंत खराब नहीं हुई थी। मगर दिल्ली की आजादपुर मंडी से कोरोना कैरियर बनकर आए सब्जी कारोबार से जुड़े लोगों ने हालात खराब कर दिए।
लॉकडाउन-2 तक कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या पचास थी। लॉकडाउन-3 में उम्मीद की जा रही थी कि केस कम आएंगे पर हुआ उल्टा। अब रोजाना औसतन चार से पांच मामले सामने आ रहे हैं। बुधवार को कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 174 पहुंच गई। इनमें से 68 लोग ठीक होकर भी घर जा चुके हैं। विगत मगर पांच दिन में ही पचास से नए मरीज आने से प्रशासन को कंटेनमेंट जोन बनाने के लिए नए सिरे से मेहनत करनी पड़ रही है। इसके बाद भी लोग नहीं रख रहे ध्यान
मरीज लगातार मिल रहे हैं। ऐसे इलाकों में केस सामने आए जहां से उम्मीद भी नहीं की जा रही थी। कुछ गांवों में भी संक्रमण पहुंच चुका है इसके बाद भी लोग शारीरिक दूरी बनाए रखने का ध्यान नहीं रख रहे हैं। जबकि सभी जानते हैं कि कोरोना से जंग बार-बार साबुन से हाथ धुलने, चेहरा ढकने या मास्क पहनने तथा शारीरिक दूरी बनाकर ही जीती जा सकती है।