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बंधवाड़ी लैंडफिल साइट से वैज्ञानिकों ने लिए हवा,पानी और मिट्टी के सैंपल

नेशनल एनवायरमेंट इंजीनियरिग रिसर्च इंस्टीट्यूट (नीरी) ने बंधवाड़ी लैंडफिल साइट (कचरा भराव क्षेत्र) में स्टडी शुरू कर दी है। वैज्ञानिकों ने बंधवाड़ी बालियावास मांगर और दिल्ली के मांडी गांव के क्षेत्र से पानी हवा व मिट्टी के सैंपल लेने शुरू कर दिए हैं। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के निर्देशों की पालना में नगर निगम गुरुग्राम द्वारा नेशनल एनवायरमेंट इंजीनियरिग रिसर्च इंस्टीट्यूट (नीरी) से करवाई यह स्टडी करवाई जा रही है। स्टडी में यह पता लगाया जाएगा कि बंधवाड़ी में पिछले कई सालों से लगे कूड़े के पहाड़ और लीचेट से पर्यावरण को नुकसान हुआ है या नहीं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 Jun 2019 08:02 PM (IST)Updated: Tue, 11 Jun 2019 06:36 AM (IST)
बंधवाड़ी लैंडफिल साइट से वैज्ञानिकों ने लिए हवा,पानी और मिट्टी के सैंपल
बंधवाड़ी लैंडफिल साइट से वैज्ञानिकों ने लिए हवा,पानी और मिट्टी के सैंपल

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम : नेशनल एनवायरमेंट इंजीनियरिग रिसर्च इंस्टीट्यूट (नीरी) ने बंधवाड़ी लैंडफिल साइट (कचरा भराव क्षेत्र) में स्टडी शुरू कर दी है। वैज्ञानिकों ने बंधवाड़ी, बालियावास, मांगर और दिल्ली के मांडी गांव के क्षेत्र से पानी, हवा व मिट्टी के सैंपल लेने शुरू कर दिए हैं। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के निर्देशों के तहत नगर निगम गुरुग्राम द्वारा नेशनल एनवायरमेंट इंजीनियरिग रिसर्च इंस्टीट्यूट (नीरी) से यह स्टडी करवाई जा रही है। स्टडी में यह पता लगाया जाएगा कि बंधवाड़ी में पिछले कई सालों से लगे कूड़े के पहाड़ और लीचेट से पर्यावरण को नुकसान हुआ है या नहीं। इस स्टडी पर 25 लाख रुपये खर्च होंगे और स्टडी छह माह में पूरी कर ली जाएगी। जागरण ने इस पर खबर भी लिखी थी।

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बता दें कि पर्यावरण से संबंधित एक केस एनजीटी में चल रहा है, जिसको लेकर कई बार गुरुग्राम नगर निगम को कूड़े के ढेर का निपटान करने और अरावली क्षेत्र में स्थित बंधवाड़ी लैंडफिल साइट के आसपास पर्यावरण का विशेष ध्यान रखने की हिदायतें कई बार जारी हो चुकी हैं। बंधवाड़ी में 2013 से बंद पड़े सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट की साइट पर 12 लाख टन से ज्यादा कूड़े का पहाड़ बन गया है। कूड़े का निपटान नहीं हो पा रहा है, जिससे काफी समस्याएं पैदा हो रही हैं। 2017 में इको ग्रीन कंपनी ने शहर में काम शुरू किया था। इको ग्रीन एनर्जी गुरुग्राम-फरीदाबाद के लिए कचरा प्रबंधन का काम संभालने वाली निजी कंपनी है। गत दिनों एनजीटी की फटकार के बाद नगर निगम अधिकारियों ने भी भागदौड़ शुरू की थी, जिसके बाद इको ग्रीन ने बंधवाड़ी साइट पर लीचेट के लिए तालाब बनाने का काम शुरू किया था।

नीरी की ओर से बंधवाड़ी में स्टडी शुरू कर दी गई है। वैज्ञानिकों द्वारा हवा, पानी और मिट्टी के सैंपल लिए जा रहे हैं।

सौरभ नैन, एक्सईएन नगर निगम गुरुग्राम।


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