लाइफस्टाइल : प्रदूषण का असर कम करने को ब्रीदेबल परिधान पहनें
इन दिनों दिल्ली एनसीआर की हवा में घुले जहर के कारण लोग न तो विंटरवियर पहन पा रहे हैं और न ही हल्के कपड़े।
गुरुग्राम [प्रियंका दुबे मेहता]। मौसम में जरा सा बदलाव होते ही फैशन पर असर दिखने लगता है। इन दिनों दिल्ली एनसीआर की हवा में घुले जहर के कारण लोग न तो विंटरवियर पहन पा रहे हैं और न ही हल्के कपड़े। लोग विशेषज्ञों की सलाह ले रहे हैं, कि उन्हें इस मौसम में किस तरह के परिधान पहनने चाहिए ताकि प्रदूषण से भी बचा जा सके और स्टाइल में बरकरार रहें। इसके अलावा स्कार्फ और मैचिंग स्टॉल और मास्क भी फैशन का पर्याय बन रहे हैं।
सांस लेने वाले फैब्रिक की सलाह
फैशन डिजाइनर ज्योति के मुताबिक इस दौरान लोगों को सलाह दे रही हैं कि वे ब्रीदेबल यानी कि सांस ले सकने वाले परिधान पहनें। इनमें कॉटन, लिनन और सिल्क सबसे उपयुक्त हैं। इनके अलावा ऑर्गेनिक फैब्रिक भी प्रदूषण के दुष्प्रभावों को त्वचा तक नहीं पहुंचने देंगे। उनके मुताबिक इस दौरान सिंथेटिक फैब्रिक बिलकुल न पहनें।
धूल-मिट्टी खींचने वाले परिधानों से दूरी
इन दिनों सर्दी की शुरुआत होने लगी है और लोग हल्का-फुल्का ऊनी पहनने लगे हैं लेकिन विशेषज्ञों की सलाह के बाद प्रदूषण के माहौल में लोग कॉटन व खादी की तरफ जा रहे हैं। पूजा सिंह का कहना है कि भले ही विंटर परिधानों की मांग शुरू हो गई है लेकिन इस प्रदूषण में लोग गरमाहट देने वाले स्किन फ्रेंडली परिधानों की मांग कर रहे हैं। ऐसे में उन्हें लाइट डेनिम, खादी और लिनन की सलाह दी जा रही है। ऊनी पहनने से पहले थोड़ा कॉटन की परत पहनने को कहा जाता है।
फैशनेबल मास्क बने स्टाइल का पर्याय
फैशन डिजाइनर मिहिका राव का कहना है कि इस समय लोग मास्क में भी स्टाइल तलाश रहे हैं। उनके मुताबिक लोग अब परिधानों के र्मैंचग रंगों में मास्क रंगवा रहे हैं या एसेसरीज लगवा रहे हैं।
मेडिसन विशेषज्ञ डॉ. प्रतिभा डोगरा ने बताया कि प्रदूषण के प्रभाव में इस समय सांस संबंधी बीमारियां बढ़ रही हैं। ऐसे में बाहर निकलते समय अपने आप को पूरी तरह कवर करके और बेहतर ऑर्गेनिक फैब्रिक के परिधान पहनकर निकलें तो बचाव हो सकता है। कुछ ऐसे कपड़े पहनने की सलाह देते हैं कि जिनसे प्रदूषण के कण आकर्षित न हों। ऐसे में ऊनी कपड़ों के विकल्प के रूप में ऐसे कपड़े पहनें जिनपर प्रदूषण के कण चिपक न सकें।
फैशन एक्सपर्ट ज्योति बडमुंडा का कहना है कि सबसे पहले सिंथेटिक कपड़ों को छोड़ने की सलाह दी जा रही है। ऊनी कपड़ों को कुछ समय के लिए पहनने से मना किया जा रहा है क्योंकि रेशेदार ऊनी कपड़ों पर हवा में घुले नुकसानदायक कण चिपक कर स्किन में दिक्कत और सांस संबंधी बीमारियां पैदा कर सकते हैं। लोग इसकी सलाह ले रहे हैं क्योंकि प्रदूषण से हर किसी की जीवनशैली प्रभावित हुई है और लोग हर कदम पर बचाव चाहते हैं।