उद्यमी का अपहरण कर फिरौती मांगने के तीन आरोपित गिरफ्तार, एक फरार Gurugram News
एक कंपनी के मालिक का अपहरण कर फिरौती मांगने के मामले में तीन आरोपितों को क्राइम ब्रांच सेक्टर-17 की टीम ने बुधवार शाम लेजर वैली पार्क के नजदीक से गिरफ्तार कर लिया।
गुरुग्राम (आदित्य राज)। सेक्टर-37 औद्योगिक क्षेत्र में संचालित एक कंपनी के मालिक का अपहरण कर फिरौती मांगने के मामले में तीन आरोपितों को क्राइम ब्रांच सेक्टर-17 की टीम ने बुधवार शाम लेजर वैली पार्क के नजदीक से गिरफ्तार कर लिया। उनकी पहचान उत्तरप्रदेश के आगरा जिले के दयालबाग निवासी सौरभ राणा, हरियाणा के सिरसा जिले के गांव भूना निवासी कुलवंत एवं विकास के रूप में की गई। एक अन्य आरोपित फरार है। तीनों को बृहस्पतिवार दोपहर अदालत में पेश करने के बाद पूछताछ के लिए चार दिन की रिमांड पर लिया गया है। उनके कब्जे से एक स्कॉर्पियो बरामद की गई।
यह मामला तब सामने आया जब आरोपित कंपनी मालिक को छोड़ने के बाद पैसे की मांग को लेकर बार-बार परेशान करने लगे। अपहरण मार्च के महीने में ही किया गया था। आरोपितों में से एक उनकी कंपनी में ही पहले काम करता था।
कंपनी मालिक द्वारा बुधवार को सेक्टर-37 थाने में दी गई शिकायत के मुताबिक पांच मार्च की रात लगभग सवा नौ बजे वह अपनी से निकले थे। कुछ दूरी पर उनकी फॉच्र्यनर के सामने एक गाड़ी आकर रुकी। उसमें दो युवक उतरे और उनकी कार में आकर बैठ गए और मारपीट शुरू कर दी। फिर न केवल आंखों पर पट्टी बांध दी बल्कि हाथ भी बांध दिए। इसके बाद उनका पर्स एवं तीनों मोबाइल छीन लिए। लगभग एक घंटे बाद आरोपित नें उन्हें अपनी कार में बैठा लिया। पहले एक फैक्ट्री में ले गए।
वहां से अगले दिन सुबह पानीपत लेकर पहुंचे। वहां पर एक कमरे में रखा। कुछ देर बाद एक व्यक्ति पहुंचा और जिंदा छोड़ने की एवज में तीन करोड़ रुपये मांगे। हाथ-पैर जोड़ने पर 20 लाख रुपये 20 मार्च तक देने पर सहमति बन गई। इसके बाद उन्हें दिल्ली के नरेला इलाके में यह कहते हुए छोड़ा कि यदि किसी को बताया तो अंजाम बुरा होगा। एक मोबाइल भी लौटा दिया। इधर उनकी पत्नी ने सेक्टर-10ए थाने में गुम होने की शिकायत दे दी थी। 20 मार्च तक पैसे की व्यवस्था न होने पर आरोपितों ने फोन नहीं किया। 19 जून को उनके घर के नजदीक एक कागज फेंका। उनकी पत्नी ने उसे उठाया।
अंग्रेजी में 20 जून को सुबह 10 बजे तक पैसे पहुंचाने के बारे में लिखा था। निर्धारित स्थान पर वे पहुंचे और 10 लाख रुपये दे दिए। एक आरोपित ने पिस्टल दिखाते हुए कहा कि यदि बाकी पैसे नहीं दिए जो अंजाम बुरा होगा। इसके बाद बाकी राशि के लिए आरोपितों ने 21 जुलाई का समय निर्धारित कर दिया। इस बीच उनकी पत्नी सहित परिवार के सदस्यों को लेकर भी विभिन्न माध्यमों से उद्यमी को धमकी दी गई। पत्नी को फोन करके गालियां दी गईं। हिम्मत करके उद्यमी ने बुधवार को सेक्टर-37 थाने में शिकायत की। इसके बाद आरोपितों की पहचान के लिए क्राइम ब्रांच की टीम को लगाया गया।
सहायक पुलिस आयुक्त (क्राइम) प्रीतपाल ने बताया कि शिकायत सामने आते ही तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया। एक अन्य आरोपित फरार है। उसकी तलाश जारी है। आरोपितों में से एक शिकायतकर्ता की ही कंपनी में नौकरी करता था। उसी ने अन्य साथियों को बताया कि कंपनी मालिक को डराने-धमकाने से मोटी रकम मिल सकती है। रिमांड के दौरान आरोपितों से वसूली गई राशि बरामद की जाएगी।