अब जगह का मोहताज नहीं Bihar-बंगाल का स्वादिष्ट खाना, पढ़िए- फ्यूजन डिशेज के बारे में
दो डिशेज के मिक्चर से फ्यूजन डिशेज बनती है लेकिन तरुण फ्यूजन से कुछ अलग हटकर करते हैं। इसके लिए उन्होंने ‘कोलाब्रेटिव क्यूजीन’ का कॉन्सेप्ट इजाद किया है।
गुरुग्राम [प्रियंका मेहता दुबे]। जैसे-जैसे भौगोलिक-सांस्कृतिक परिवर्तन आते गए, अलग-अलग प्रांत के लोग शहर...राज्यों की सीमाओं से निकल दूसरी जगहों पर बसने लगे तभी से खानपान के प्रयोग भी निरंतर बढ़ गए। स्वाद की भी बेड़ियां टूटने लगीं। अब जरूरी नहीं बिहार का खाना वहीं के निवासियों को पसंद आए...वो दिल्ली को भी भाता है। अपने नए आइडियाज के साथ फूड इंडस्ट्री में आ रहे लोग इसे और बेहतर बना रहे हैं। ऐसे ही एक शेफ हैं तरुण सिबल। तरुण विभिन्न भारतीय व विदेशी रेस्त्रां व होटल्स का अनुभव लेने के बाद व्यंजनों के साथ प्रयोग कर रहे हैं। साधारण तरीके व हेल्दी सामग्री के साथ हेल्दी फूड बनाना उनकी प्राथमकिता है।
इंडिया हैबिटेट सेंटर से हुई थी शुरुआत
दिल्ली में पूसा संस्थान से डिग्री करने के बाद इंडिया हैबिटेट सेंटर से अपने करियर की शुरुआत की और फिर फ्रेंच एग्रीकल्चर मिनिस्ट्री की तरफ से इंटरनेशनल फूड और वेबरेज बोर्ड में काम किया। इसके अलवा आयरलैंड और ऑस्ट्रेलिया फूड बोर्ड में काम किया। देश-विदेश की यात्राओं के बाद नए-नए व्यंजनों पर काम किया और लोगों तक पहुंचाया। कोलाब्रैटिव क्यूजीन के नाम से व नई-नई डिशेज बना रहे हैं। कई रेस्त्रां के शेफ सलाहकार भी रहे हैं।
केटरिंग के पारिवारिक व्यवसाय के कारण जुड़ा किचन से नाता
केटरिंग के व्यवसायी परिवार से आने वाले तरुण खान-पान को लेकर बचपन से ही विशेष शौक रखते थे। उन्होंने शुरुआती दौर में ही सोच लिया था कि भारतीय लोगों तक बेहतरीन स्वाद पहुंचाया जाए। तमाम शोधों के बाद उन्होंने अपनी नई डिशेज क्रिएट की। खाने के लिए केवल डिग्री काफी नहीं थी, उन्होंने खूब भ्रमण किया और हर तरह की डिश के स्वाद चखा और उसमें बदलाव किए।
फ्यूजन से एक कदम आगे
दो डिशेज के मिक्चर से फ्यूजन डिशेज बनती है, लेकिन तरुण फ्यूजन से कुछ अलग हटकर करते हैं। इसके लिए उन्होंने ‘कोलाब्रेटिव क्यूजीन’ का कॉन्सेप्ट इजाद किया है। वे भारतीय लोगों के स्वाद को ध्यान में रखते हुए डिशेज को बनाते हैं। तरुण का कहना है कि फ्यूजन में दो प्रकार के डिशेज को इंफ्यूज किया जाता है जबकि वे अपनी डिशेज में एक क्यूजीन की बेसिक डिश लेकर अन्य क्यूजीन की डिशेज के साथ एक प्लेट पर लाते हैं। जैसे वे इंडियन बटर चिकन डिश के साथ इटालियन ब्रेड या मैक्सिकन रोटी के विकल्प के साथ परोसते हैं। इससे भारतीय स्वाद के साथ विदेशी जायका मिल सकता है। वन फाइन मील के निदेशक तरुण ने सर्दी के मौसम को देखते हुए विशेष डिशेज की रेसिपी बताई ताकि लोग इस मौसम में इन चीजों का स्वाद नए अंदाज में ले सकें।
ये दो डिशेज हैं लाजवाब
चार पत्तों का साग
सामग्री : सरसो पत्तों, बथुआ, पालक पत्तों का एक एक गुच्छा, एक कप कटे हुए मेथी के पत्ते, दो मध्यम आकार के प्याज, तीन मध्यम आकार के टमाटर, दो इंच का अदरक कटा हुआ, दो कटी हरी मिर्च, एक चम्मच लाल मिर्च पाउडर, हींग, दो से तीन कप पानी, दो चम्मच मक्के का आटा, नमक स्वादानुसार। इसके अलावा बारीक कटा हुए एक प्याज, एक से दो चम्मच तेल, तीन कटोरियां उबला साग लेते हैं।
घर भी ऐसे करें तैयार
सभी पत्तों को साफ करके काटकर धो लें। कुकर में मक्के केआटे के अलावा अन्य सभी चीजों को मिक्स कर लें कळ्छ देर पकांए। फिर इसे ठंडा होने पर मिक्सर में पीस लें। इसे अलग कड़ाही में डालकर 15 से बीस मिनट तक पकाएं। एक कड़ाही में तेल गरम करके तेल या घी डालकर गरम करें। इसमें साग डालकर बटर, अदरक और हरी मिर्च से सजाएं।
चिकन कॉर्न सूप
सामाग्री : ग्रिल्ड चिकन स्लाइस (250 ग्राम), दो अंडे, पांच ग्राम कटे प्याज, एक ग्राम लहसुन, पांच एमएल एलापीनो ब्राइन, बटर, नमक, काली मिर्च, फेनल पिकल, 200 ग्राम उबला हुआ ताजा कॉर्न।
विधि: ऑलिव ऑइल में कटे हुए प्याज व लहसुन को भुनें। इसमें ताजा कॉर्न, नमक, काली मिर्च, एलापीनो डालिए। अब इसे ठंडा होने दें। इसके बाद इसे पीस लें। इसे दोबारा से गरम करके इसमें बटर डालें। इसमें ग्रिल्ड चिकन को मिलाएं। और फ्राइड अंडे, फनल पिकल (नमक, चीनी, सिरका व नमक डालकर बनाया गया) डालें।