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Gurugram Serial killer: अपराध की दुनिया में पहचान बनाने के लिए दे रहा था वारदात को अंजाम

मामले में जांच अधिकारी रहे वर्तमान सहायक पुलिस आयुक्त (ट्रैफिक) संजीव बल्हारा कहते हैं कि सीरियल किलर कांड जैसी वारदात शायद ही देश में कहीं हुई होगी। कुल नौ आरोपित थे। जिनमें तीन नाबालिग थे। नाबालिगों को छोड़कर अन्य उम्रकैद की सजा भुगत रहे हैं।

By Mangal YadavEdited By: Published: Fri, 04 Dec 2020 06:35 PM (IST)Updated: Fri, 04 Dec 2020 06:35 PM (IST)
Gurugram Serial killer: अपराध की दुनिया में पहचान बनाने के लिए दे रहा था वारदात को अंजाम
सीरियल किलर के बारे में पत्रकारों को जानकारी देते सहायक पुलिस आयुक्त (क्राइम) प्रीतपाल

गुरुग्राम [आदित्य राज]। एक के बाद एक तीन लोगों की हत्या करने का आरोपित 22 वर्षीय मोहम्मद रजी अपराध की दुनिया मेें अपनी पहचान बनाना चाहता था। वह चाहता था कि लोग उसके नाम से खौफ खाएं। उसे उम्मीद नहीं थी कि वह इतनी जल्द पुलिस की गिरफ्त में आ जाएगा क्योंकि हत्याकांड को अंजाम देने के बाद मौके पर कोई साक्ष्य नहीं छोड़ता था।

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 प्रारंभिक पूछताछ के मुताबिक वह एक महीने पहले दिल्ली में रहता था। वहां एक गेस्ट हाउस में सफाई का काम करता था। बचपन से ही वह देखने में शारीरिक रूप से काफी कमजोर है। इस वजह से उसके परिवार के लोग ही नहीं बल्कि जानकार भी उसे चिढाते थे। परिवार के लोग उससे कहा करते थे कि वह किसी काम का नहीं है। यह बात उसे अंदर ही अंदर खाए जा रही थी। एक महीने पहले दिल्ली से वह गुरुग्राम पहुंचा था। फुटपाथ पर कहीं भी सो जाता था।

इसी बीच उसके दिमाग में अपराध की दुनिया में पहचान बनाने की बात आई। उसने सोचा कि अब समाज में उसका भी वजूद होना चाहिए। उसके नाम से लोग खौफ खाएं, ऐसा सोचकर ही उसने लूटपाट के इरादे से हत्या करने का सिलसिला शुरू किया। वह रात में घूमता रहता था। चलते-चलते तय करता था कि किसके साथ वारदात को अंजाम देना है। तय करने के बाद उस व्यक्ति के साथ बातचीत शुरू कर देता था। फिर शराब पीने की बात करता था। शराब पीने के दौरान वारदात को अंजाम देता था। उसने यह भी स्वीकार किया है कि यदि उसे गिरफ्तार नहीं किया जाता तो वह न जाने कितने लोगों की हत्या कर देता। हत्या करने के बाद जेब में हाथ डालकर देखता था या बैग खोलकर देखता था।

 डराने के लिए सिर ले गया था कन्हई

आरोपित की निशानदेही पर सिर कटी लाश का सिर गांव कन्हई की झाड़ियों से शुक्रवार को बरामद किया गया। पोस्टमार्टम करा दिया गया है। डीएनए रिपोर्ट आने का इंतजार है। आरोपित ने बताया कि उसने राकेश की हत्या करने के बाद उसका सिर एक कपड़े में बांधकर गांव कन्हई ले गया था। गांव में रह रहे एक युवक से उसकी रंजिश है। उसे डराने के लिए वह सिर लेकर गया था। जिससे रंजिश है वह जब कमरे में नहीं मिला फिर आरोपित ने सिर को झाड़ियों में फेंक दिया था। राकेश से आरोपित की पहले से जान-पहचान थी लेकिन लूटपाट के इरादे से उसकी भी हत्या कर दी। आरोपित की पहचान के लिए जिस व्यक्ति को जांच टीम ने भेजा था, उसकी भी वह हत्या कर देता।

 किसी की जेब या बैग से पैसे नहीं मिले थे

24 नवंबर की सुबह सेक्टर-29 स्थित लेजर वैली पार्क के नजदीक एक युवक का शव मिला था। शव की पहचान नहीं हो पाई है। इसके बाद 25 नवंबर की शाम दिल्ली-जयपुर हाईवे के किनारे गांव झाड़सा के नजदीक पार्क से एक शव बरामद किया गया था। सेक्टर-40 थाना पुलिस ने शव की पहचान मूल रूप से उत्तरप्रदेश के कानपुर देहात जिले के गांव जसवापुर निवासी 29 वर्षीय अखिलेश के रूप में की थी। सेक्टर-29 थाना इलाके में जिस युवक की हत्या की थी वह रेहड़ी चलाता था। हत्या करने के बाद आरोपित रेहड़ी व उसमें रखी एक साइकिल लेकर वह फरार हो गया था। सेक्टर-40 थाना इलाके में जिस युवक की हत्या की थी, उसके पास से कुछ भी नहीं मिला था। सदर थाना इलाके में जिसकी हत्या की थी उसके पास से फोन मिला था। इस तरह उसे पैसे किसी के पास नहीं मिले।

सहायक पुलिस आयुक्त (क्राइम) प्रीतपाल ने कहा कि आरोपित का आपराधिक इतिहास क्या है, इस बारे में बिहार पुलिस से जानकारी हासिल की जाएगी। दिल्ली में उसने वारदात को अंजाम दिया था या नहीं, इस बारे में जानकारी हासिल की जा रही है। रिमांड के दौरान पूछताछ में भी काफी जानकारी सामने आने की उम्मीद है। निश्चित रूप आरोपित को गिरफ्तार नहीं किया जाता तो न जाने वह कितने लोगों की हत्या कर देता।

सीरियल किलर कांड से सन्न रह गया था देश

वर्ष 2006 के दौरान भी साइबर सिटी में सीरियल किलर कांड सामने आया था। आरोपित कैब में पहले सवारी को बैठाते थे। फिर बेल्ट से गला घोंटकर हत्या कर देते थे। इसके बाद जेब की तलाशी लेते थे। 20 से अधिक लोगों की हत्या की गई थी। कई ऐसे थे जिनकी जेब से 100 रुपये भी नहीं मिले थे। एक की जेब से केवल दो रुपये मिले थे। हत्या करके आरोपित शव गटर में डाल देते थे। आरोपित मैक्सी कैब में चार से पांच की संख्या में चलते थे।

मामले में जांच अधिकारी रहे वर्तमान सहायक पुलिस आयुक्त (ट्रैफिक) संजीव बल्हारा कहते हैं कि सीरियल किलर कांड जैसी वारदात शायद ही देश में कहीं हुई होगी। कुल नौ आरोपित थे। जिनमें तीन नाबालिग थे। नाबालिगों को छोड़कर अन्य उम्रकैद की सजा भुगत रहे हैं। वर्ष 2018 के दौरान भी एक सीरियल किलर का मामला सामने आया था। आरोपित नाबालिग बच्चियों को अपना शिकार बनाता था। दुष्कर्म करने के बाद वह हत्या कर देता था। गुरुग्राम के अलावा उसने ग्वालियर एवं झांसी इलाके में 10 अधिक वारदात को अंजाम दिया था।

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