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राफेल के पायलट रोहित के दादा को पोते पर गर्व, कहा- पोते के करतब को दुनिया ने देखा

Rafal Pilot Rohit फ्रांस से राफेल जेट विमान उड़ाकर लाने वाले पायलट रोहित कटारिया का पैतृक गांव गुरुग्राम का बसई गांव है। रोहित के गांव में जश्न का माहौल है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Wed, 29 Jul 2020 08:31 PM (IST)Updated: Wed, 29 Jul 2020 09:46 PM (IST)
राफेल के पायलट रोहित के दादा को पोते पर गर्व, कहा- पोते के करतब को दुनिया ने देखा
राफेल के पायलट रोहित के दादा को पोते पर गर्व, कहा- पोते के करतब को दुनिया ने देखा

गुरुग्राम [सत्येंद्र सिंह]। Rafal Pilot Rohit : युद्धक विमान राफेल को लाने में गुरुग्राम का एक लाडला भी शामिल है। पायलट रोहित कटारिया गांव बसई के रहनेवाले हैं। इससे न केवल गांव बसई बल्कि पूरे गुरुग्राम में उत्साह का माहौल है। सभी अपने लाडले के ऊपर गर्व महसूस कर रहे हैं।

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छुट्टी में दादा से मिलने आते हैं रोहित

गांव निवासी 85 वर्षीय नारायण सिंह के बड़े भाई के पांच पुत्रों में सबसे बड़े रोहित कटारिया के पिता कर्नल (रिटा.) सतबीर सिंह हैं। वे परिवार सहित सेक्टर-56 के जलवायु विहार में रहते हैं। वह समय-समय पर गांव आते रहते हैं। रोहित भी छुट्टी से आने पर दादा सहित परिवार के अन्य सदस्यों से मिलने पहुंचते हैं। जबसे परिवार के लोगों को जानकारी मिली है कि उनका लाडला उन चुनिंदे पायलटों में शामिल है जो फ्रांस से युद्धक विमान राफेल लेकर आ रहे हैं, तबसे सभी की खुशी का ठिकाना नहीं है।

देश का नाम किया रोशन

दादा नारायण सिंह कहते हैं कि पोते ने परिवार, समाज व देश का नाम रोशन कर दिया। उसके ऊपर बहुत गर्व है। गांव निवासी ओमदत्त कटारिया कहते हैं कि रोहित ऐसी खुशी है जिसकी कोई सीमा नहीं। पूरा गांव गौरवान्वित है। उसने गांव का नाम पूरी दुनिया में रोशन कर दिया। बचपन से ही वह बहुत ही तेज था। उसके भीतर देशप्रेम की भावना कूट-कूट कर भरी है। उसकी बातों से हर कोई प्रेरित होता था। आज उसने वह खुशी दी है जिसके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता था। गांव के लोगों ने मिठाइयां बांटकर खुशी का इजहार किया।

सैनिक स्कूल तिलैया के छात्र रहे हैं रोहित कटारिया

रोहित कटारिया झारखंड के कोडराम जिले के तिलैया सैनिक स्कूल के छात्र रहे हैं। वैसे जहां-जहां उनके पिता की पोस्टिंग रही वहां रहे। इस वजह से पढ़ाई के दौरान गांव आना कम हो गया था। वायु सेना में जाने के बाद से फिर गांव आना तेज हो गया।


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