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Prince murder case: प्रिंस हत्याकांड मामले में एक दिसंबर को होगी बहस, CBI ने सेशन कोर्ट के सामने रखा अपना पक्ष

Prince murder case मामले में बहस को लेकर सेशन कोर्ट ने एक दिसंबर की तिथि निर्धारित कर दी है। बचाव पक्ष ने जेजे बोर्ड के फैसले को गलत ठहराते हुए कहा है कि आरोपित को नाबालिग ही माना जाना चाहिए था।

By Jagran NewsEdited By: Pradeep Kumar ChauhanPublished: Wed, 23 Nov 2022 05:31 PM (IST)Updated: Wed, 23 Nov 2022 05:31 PM (IST)
Prince murder case: प्रिंस हत्याकांड मामले में एक दिसंबर को होगी बहस, CBI ने सेशन कोर्ट के सामने रखा अपना पक्ष
Prince murder case: जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड का फैसला पूरी तरह सही है।

गुरुग्राम [आदित्य राज] । Prince murder case:बहुचर्चित प्रिंस हत्याकांड मामले में जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड (जेजे बोर्ड) के फैसले के विरुद्ध बचाव पक्ष द्वारा सेशन कोर्ट में दी गई अर्जी को लेकर सीबीआइ ने अपना पक्ष बुधवार को रख दिया। पीड़ित पक्ष भी इस सप्ताह के भीतर अपना पक्ष रख देगा। मामले में बहस को लेकर सेशन कोर्ट ने एक दिसंबर की तिथि निर्धारित कर दी है। बचाव पक्ष ने जेजे बोर्ड के फैसले को गलत ठहराते हुए कहा है कि आरोपित को नाबालिग ही माना जाना चाहिए था।

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एक दिसंबर को मामले में बहस

पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता सुशील टेकरीवाल का कहना है कि सीबीआइ ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि आरोपित को बालिग ही माना जाए। वारदात के समय वह मानसिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ था। साथ ही वारदात को अंजाम देने के लिए शारीरिक रूप से पूरी तरह सक्षम था। पीड़ित पक्ष की ओर से भी इस तरह का जवाब दाखिल किया जाएगा। जवाब दो से तीन दिनों के भीतर दाखिल कर दिया जाएगा ताकि एक दिसंबर को मामले में बहस हो जाए।

जेजे बोर्ड ने दिया आरोपित भोलू को बालिग करार

जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड का फैसला पूरी तरह सही है। पिछले महीने 17 अक्टूबर को जेजे बोर्ड ने फैसला सुनाते हुए आरोपित भोलू को बालिग करार दे दे दिया था। बता दें कि आठ सितंबर 2017 को सोहना रोड स्थित एक नामी स्कूल के बाथरूम में सात वर्षीय प्रिंस (अदालत द्वारा दिया गया नाम) की गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। आरोपित भाेलू (अदालत द्वारा दिया गया नाम) है। वह उस समय स्कूल के ही 11वीं कक्षा का छात्र था। फिलहाल अंतरिम जमानत पर है।

आरोपित ने सुनियोजित तरीके से की हत्या

स्कूल को बच्चों के लिए सबसे सुरक्षित जगह माना जाता है, उसी जगह पर एक मासूम की गला रेतकर हत्या कर दी गई। इससे जघन्य अपराध क्या हो सकता है। आरोपित ने सुनियोजित साजिश के तहत जघन्य अपराध को अंजाम दिया था। ये बातें प्रिंस के पिता के साथ कदम से कदम मिलाकर मामले को यहां तक पहुंचाने में विशेष भूमिका निभाने वाले सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता सुशील टेकरीवाल ने दैनिक जागरण से बातचीत में कही।

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