Gurugram News: वन्य जीवों के लिए वरदान बनी मूसलाधार बारिश, अरावली पहाड़ी में तालाब हुए लबालब; रायसीना में जुटे पर्यटक
Gurugram Newsअरावली पहाड़ी क्षेत्र में काफी संख्या में प्राकृतिक तालाब हैं। वैध और अवैध माइनिंग से क्षेत्र में कई और छोटे-बड़े तालाब बन गए। हर साल बारिश होने के बावजूद कम मात्रा में पानी के कारण क्षेत्र के तालाब और अन्य गड्ढे नहीं भर पाते थे।
गुरुग्राम [आदित्य राज]। पिछले तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश जहां आम लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गए हैं तो दूसरी तरफ ये बारिश वन्य जीवों के वरदान साबित हो रही है। मूसलाधार बारिश से अरावली पहाड़ी क्षेत्र के अधिकतर तालाब लबालब हो गए हैं। तालाबों के भर जाने से आसपास के क्षेत्र में तेजी से हरियाली बढ़ने की उम्मीद है। हरियाली बढ़ने पर वन्य जीवों की संख्या में भी तेजी से बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। बारिश से पहाड़ के ऊपर भी पर्याप्त मात्रा में पानी जमा हो गया है। रायसीना इलाके में वर्षों बाद लोग झरने का आनंद ले रहे हैं।
सालों बाद तालाबों में भरा पानी
अरावली पहाड़ी क्षेत्र में काफी संख्या में प्राकृतिक तालाब हैं। वैध और अवैध माइनिंग से क्षेत्र में कई और छोटे-बड़े तालाब बन गए। हर साल बारिश होने के बावजूद कम मात्रा में पानी के कारण क्षेत्र के तालाब और अन्य गड्ढे नहीं भर पाते थे। नतीजा गर्मी शुरू होते ही क्षेत्र में पानी की कमी हो जाती थी। इस वजह से वन्य जीव अपनी प्यास बुझाने के लिए रिहायशी इलाकों में पहुंचने लगे थे। अनुमान है कि पिछले दिनों हुई बारिश से लगभग 20 साल बाद क्षेत्र के अधिकतर तालाब और गड्ढे पानी से लबालब हुए हैं। ये सभी तालाब और गड्ढे क्षेत्र के बीच में यानी पहाड़ी के बीच में हैं, जहां वन्य जीव रहते हैं।
तीन दिनों से लगातार बारिश से अरावली की बदली तस्वीर
अरावली पहाड़ी क्षेत्र में हर सप्ताह भ्रमण करने वाले पर्यावरण कार्यकर्ता और कृष्णा अरावली फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो केके यादव ने बताया कि वर्षा ने दिल खुश कर दिया। इस वर्षा से अरावली क्षेत्र की तस्वीर बदल जाएगी। वर्षों से ऐसी वर्षा की उम्मीद थी। हर साल बारिश होती है लेकिन लगातार तीन दिन तक लंबे समय बाद तेज वर्षा हुई है। इस तरह की वर्षा से ही हरियाली बढ़ती है। तालाब लबालब होते हैं। हरियाली बढ़ेगी तो वन्य जीवों की संख्या भी बढ़ेगी। भूमिगत जल स्तर भी तेजी से बढ़ेगा।
वन्य जीवों के लिए बनाने पड़े कृत्रिम तालाब
पिछले कई वर्षों से अरावली पहाड़ी क्षेत्र के प्राकृतिक तालाब और गड्ढे नहीं भर पाते थे, इस वजह से क्षेत्र में वन विभाग को जगह-जगह कृत्रिम तालाब बनाने पड़े ताकि उनमें वन्य जीवों के लिए पानी डाला जा सके। गर्मी शुरू होते ही हर साल विभाग कृत्रिम तालाबों में पानी डालता है। बता दें कि अरावली पहाड़ी क्षेत्र में अभी भी कई प्रकार के वन्य जीव हैं। इनमें तेंदुआ, गीदड़, हिरण, लकड़बग्घा, सेहली, बिज्जू, जंगली बिल्ली, लंगूर, भेड़िया, लोमड़ी और नेवला मुख्य रूप से हैं। वर्ष 2017 की गणना के मुताबिक क्षेत्र में 166 गीदड़, 126 लकड़बग्घा और 31 तेंदुए हैं।
वहीं, अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक एसएस मलिक ने कहा कि तीन दिनों के दाैरान बहुत अच्छी वर्षा हुई है। इससे अरावली क्षेत्र की तस्वीर आने वाले समय में बदली हुई दिखाई देगी। हरियाली में तेजी से बढ़ोतरी होगी। वन्य जीवों की संख्या बढ़ेगी। जहां पर भी खनन को लेकर खोदाई की गई थी, वहां पानी भर गया है। रायसीना इलाके में वर्षों बाद झरना दिख रहा है।