लाइफस्टाइल: रेंटल परिधानों से बनाई दूरी, री-स्ट्रक्चरिंग का बढ़ा ट्रेंड
रेंटल क्लो¨दग और ज्वेलरी में लोग कम दिलचस्पी दिखा रहे हैं। इसके बदले अब कम बजट में हल्के ब्राइडल लहंगे बनवा रहे हैं।
गुरुग्राम, प्रियंका दुबे मेहता। शादी में भारी-भरकम महंगे लहंगे खरीदने की जद्दोजहद में समय और पैसा दोनों बर्बाद होते हैं। ऐसे में महानगरों में रेंटल क्लोदिंग (किराए पर ड्रेस लेने) का ट्रेंड आ गया था जिसके बाद शादी की शॉपिंग के बजट का बड़ा हिस्सा बच जाया करता था, लेकिन कोरोनाकाल में स्थितियां बदलीं तो यह ट्रेंड भी प्रभावित हुआ है।
इस बार लोग रेंटल क्लोदिंग में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। फैशन डिजाइनर्स के मुताबिक लोग इस समय लोग हल्के ब्राइडल परिधानों की मांग कर रहे हैं या फिर पुराने पार्टीवियर को ही नया लुक देकर ब्राइडल बना रहे हैं। संक्रमण के डर ने बदला ट्रेंड ग्रीन पार्क स्थित रेंटल क्लोदिंग स्टोर की संचालक वरुणा वरूचा का कहना है कि इस बार उनके पास इस तरह की मांग नहीं आई है। उनका कहना है कि हालांकि वे पूरी तरह से ड्रायक्लीन और सैनिटाइज करवाकर कपड़े रेंट कर रही हैं लेकिन लोग विश्वास नहीं कर पा रहे हैं।
दिल्ली निवासी आइटी कंपनीकर्मी प्रोमिला सूद का कहना है कि उनकी शादी नवंबर में है, उन्होंने सोचा था कि वे लहंगे पर खर्च नहीं करेंगी और अच्छा लहंगा किराए पर लेंगी। अब उन्होंने अपना मन बदल लिया है। उनका कहना है कि जैसी स्थितियां हैं उसमें किसी और के पहने हुए कपड़े रेंट पर लेना ठीक नहीं है। संक्रमण के खतरे के डर से लोग रेंटल क्लोदिंग से तौबा कर रहे हैं। री-स्ट्रक्चरिंग पर जोर फैशन डिजाइनर रितिका अग्रवाल का कहना है कि रेंटल क्लोदिंग और ज्वेलरी में लोग कम दिलचस्पी दिखा रहे हैं।
इसके बदले अब कम बजट में हल्के ब्राइडल लहंगे बनवा रहे हैं। इसके अलावा घर में रखे पुराने पार्टीवियर को भी री-डिजाइन करने का ट्रेंड इस समय जोरों पर है। फैशन डिजाइनर आशिमा का कहना है कि लोग री-स्ट्रक्चरिंग और री-डिजाइनिंग की ऑनलाइन सलाह भी ले रहे हैं।
फैशन डिजाइनर ऋतु अग्रवाल ने कहा कि यह ट्रेंड सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हो रहा है। इस समय न तो ज्यादा लोग इकट्ठे हो रहे हैं और न ही ज्यादा तामझाम कर रहे हैं। पुरानी पार्टीवियर साड़ियों और लहंगों को री-स्ट्रक्चरिंग कर नया रूप दिया जा रहा है। कुछ लोग स्वयं ही यह काम कर रहे हैं तो कुछ विशेषज्ञों का सहारा ले रहे हैं।
फैशन डिजाइनर शीतल श्रीवास्तव ने कहा कि रेंटल क्लोदिंग फिलहाल बेहद कम हो गया है। ऐसे में लोग विकल्प के रूप में हल्के ब्राइडल लहंगे बनवा रहे हैं। इसके अलावा पुराने लहंगे को नया लुक देने के लिए सलाह ले रहे हैं। लोग ऑनलाइन सलाह लेकर भी कपड़ों की डिजाइनिंग करवा रहे हैं।