लाइफस्टाइल : त्वचा को प्राकृतिक सुंदरता देने के लिए फोरेस्ट फेशियल का क्रेज
फोरेस्ट फेशियल थैरेपी के जरिए अब त्वचा को खूबसूरती दी जा रही है साथ ही बैंबू मसाज से तनाव के भी छुटकारा दिलवाया जा रहा है।
गुरुग्राम [प्रियंका दुबे मेहता]। एक समय था जब सौंदर्यवर्धन के लिए लोग प्राकृतिक व जंगली जड़ी बूटियों का सहारा लेते थे। इसी से प्रभावित होकर सौंदर्य के क्षेत्र में कई प्रयोग हुए जिसे हर्बल उपचारों का नाम दिया गया। लेकिन अब लोग इससे भी हटकर उसी जमाने के उपचारों से जुड़े रहे हैं जो प्राचीन समय में हुआ करते थे। ऐसे में जंगली जड़ी बूटियों व बांस का उपयोग सौंदर्य के क्षेत्र में भी किया जाने लगा है। फोरेस्ट फेशियल थैरेपी के जरिए अब त्वचा को खूबसूरती दी जा रही है साथ ही बैंबू मसाज से तनाव के भी छुटकारा दिलवाया जा रहा है।
विशेषज्ञों के मुताबिक इसमें पाए जाने वाले तत्वों से न केवल त्वचा के विकार दूर होते हैं बल्कि इससे मानसिक सुकून भी मिलता है। क्या है फॉरेस्ट थैरेपी ब्यूटी एक्पर्ट रीटा शर्मा के मुताबिक त्वचा पर हल्के गर्म जड़ी बूटियों व बांस से मालिश की जाती है। इस मालिश से त्वचा के टिश्यू सक्रीय होते हैं। जंगली बूटियों और कोमल बांस को पीसकर इसकी मसाज से त्वचा के साथ साथ दिल दिमाग तरोताजा हो जाता है। इससे मिलने वाली ऊर्जा से शांति के साथ साथ मानसिक, शारीरिक भावनात्मक व आध्यात्मिक संतुलन आता है।
ब्यूटी एक्सपर्ट प्रिया के मुताबिक इससे जो सकारात्मक ऊर्जा मिलती है उससे मानसिक सुकून आता है व त्वचा को आंतरिक खूबसूरती भी मिलती है। ऐसे होता है फोरेस्ट फेशियल उपचार इस फेशियल में बांस का अहम रोल होता है। विभिन्न साइज व लंबाई की बांस की लकड़ी को आर्गेनिक ट्रीटमेंट की प्रक्रिया से गुजारने के बाद इसे हल्का गरम किया जाता है। इसे आवश्यकता के अनुसार चेहरे के अलग अलग हिस्सों पर मसाज किया जाता है। इसमें हाथों की उंगलियों की जगह बैंबू स्टिक से मसाज दी जाती है। बांस के कोमल हिस्सों से बनी क्रीम व स्क्रब द्वारा चेहरे पर मसाज की जाती है।
प्रिया के मुताबिक मसाज का यह तरीका प्राचीन समय से अपनाया जा रहा है और अब सौंदर्य के क्षेत्र में नई तकनीक के साथ जुड़ कर क्रांति ला रहा है। लोगों को भा रहा यह उपचार फोरेस्ट फेशियल थैरेपी से त्वचा पर चमक व गोरापन लाती है। आंवला, एलोवेरा, जंगली बूटियां और बैंबू में पाए जाने वाले तत्वों से बाहरी प्रभावों से अधिक आंतरिक प्रभाव पड़ते हैं जिससे त्वचा में अलग ही कांति आती है।
दिल्ली के मेकओवर आर्टिस्ट आंचल के मुताबिक प्राचीन उपचार अब नया रूप लेकर आ रहे हैं व इनके आश्चर्यजनक परिणाम देखने को मिल रहे हैं। उनके मुताबिक बांस में पाया जाने वाला सिलिका त्वचा को खूबसूरती के लिए आवश्यक तत्व कैल्शियम, मैगनीशियम व पोटेशियम को सोखने की क्षमता देता है। इसमें पाए जाने वाले एंटीआक्सीडेंट्स त्वचा को स्वस्थ रखते हैं व त्वचा की झाइयों आदि को दूर करते हैं।
ब्यूटी एक्सपर्ट रीता शर्मा का कहना है कि कॉस्मेटिक क्षेत्र में यह फेशियल कांसेप्ट पुराना है लेकिन यह नए रूप में मार्केट में आया है और उसके बेहतरीन परिणामों की वजह से लोगों में इसके प्रति लोकप्रियता बढ़ रही है। खूबसूरती के साथ तनावमुक्ति के लिए बेहतरीन थैरेपी है।
वहीं ब्यूटी एक्सपर्ट कविता का कहना है कि लोग अब रसायनों के उपयोग से दूर जा रहे हैं। ऐसे में उनका भरोसा नए प्राकृतिक उपायों की तरफ बढ़ रहा है। लोग इसके बारे में जानकारी चाहते हैं। यह देखने को मिल रहा है कि अब लोग पुराने तरीकों को ज्यादा सराह रहे हैं। इस फेशियल के प्रयोग से त्वचा प्रदूषण से लड़ने की क्षमता विकसित हो जाती है।