गुरुग्राम, संदीप रतन। नगर निगम का खजाना लगातार खाली होता जा रहा है। नगर निगम के खातों में सिर्फ 650 करोड़ रुपये ही बचे हैं और नगर निगम का सालाना खर्च 1200 करोड़ से ज्यादा है। इसी बीच जीएमडीए ने (गुरुग्राम मेट्रोपालिटन डेवलपमेंट अथारिट) ने भी गुरुग्राम नगर निगम को एक बड़ा झटका दे दिया है। 2017-18 में नगर निगम ने जीएमडीए को 500 करोड़ रुपये दिए थे।

नगर निगम ने जब वापस मांगे तो जीएमडीए ने पत्र लिखकर 500 करोड़ रुपये देने से मना करते हुए कहा कि यह पैसा शहर में विकास कार्यों पर खर्च हो गया है। जीएमडीए की तरह ही नगर निगम ने अन्य विभागों को भी करोड़ों रुपये दिए थे, लेकिन पैसा वापस नहीं मिलने से नगर निगम की वित्तीय स्थिति गड़बड़ा गई है।

खास बात ये है कि कुछ महीनों में ही नगर निगम चुनाव भी होने वाले हैं। ऐसे में आगामी सदन (मेयर पार्षद) के सामने के सामने शहर में विकास कार्य कराने और निगम अधिकारियों को कर्मचारियों का वेतन देने में भी परेशानी हो सकती है। वर्ष 2019 से लगातार नगर निगम के सामने आय बढा़ने की चुनौती है।

चार साल पहले अधिकारियों ने 1077 करोड़ रुपये की एफडी (फिक्सड डिपाजिट) तोड़कर खर्च करना शुरू कर दिया था। नगर निगम में प्रापर्टी टैक्स और विज्ञापन आय का मुख्य स्त्रोत है, लेकिन विज्ञापनों से सिर्फ 15 करोड़ तथा प्रापर्टी टैक्स महज 155 करोड़ रुपये मिले हैं।

ऐसे खाली हो रहा है निगम का खजाना

-2010 में गुरुग्राम नगर निगम से फरीदाबाद नगर निगम ने 150 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था, 12 साल में इसका ब्याज 50 करोड़ रुपये हो गया है। कुल 200 करोड़ रुपये का कर्ज फरीदाबाद निगम पर है। कर्ज लौटाने को लेकर कई बार पत्राचार किया गया लेकिन फरीदाबाद निगम ने असमर्थता जता दी।

- 2017 में गुरुग्राम मेट्रोपालिटन डेवलपमेंट अथारिटी (जीएमडीए) का गठन हुआ और विकास कार्यों के नाम पर 500 करोड़ रुपये निगम से लिए गए थे, लेकिन अब लौटाने से मना कर दिया है।

- बंधवाड़ी में कूड़े का निपटान नहीं होने पर एनजीटी ने प्रदेश सरकार पर 100 करोड़ रुपये जुर्माना लगाया। मामला गुरुग्राम निगम से संबंधित होने के कारण निगम को ही वहन करना पड़ा। कूड़े का निपटान नहीं होने के कारण इससे पहले 2.80 करोड़ रुपये जुर्माना लग चुका है।

- हर महीने फरीदाबाद शहर का कूड़ा उठाने की एवज में लगभग ढाई करोड़ रुपये गुरुग्राम निगम के खजाने से दिए जा रहे हैं।

- सरकारी आदेश पर दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (डीएचबीवीएन) का प्रदेशभर के निकायों पर बिलों के बकाया 118 करोड़ का भुगतान गुरुग्राम नगर निगम के खजाने से किया गया।

Edited By: Abhishek Tiwari