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लाइफस्टाइल: हरियाली और संगीत के साथ कसरत का बढ़ रहा प्रचलन

फिटनेस एक्सपर्ट सुजाता ने बताया कि फिट रहने के लिए सबसे पहली चीज है सुकूनदायक वातावरण। इसके बाद प्राकृतिक संसाधन और संगीत।

By Mangal YadavEdited By: Published: Thu, 20 Feb 2020 03:30 PM (IST)Updated: Thu, 20 Feb 2020 03:30 PM (IST)
लाइफस्टाइल: हरियाली और संगीत के साथ कसरत का बढ़ रहा प्रचलन
लाइफस्टाइल: हरियाली और संगीत के साथ कसरत का बढ़ रहा प्रचलन

गुरुग्राम [प्रियंका दुबे मेहता]। फिटनेस को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ती जा रही है ऐसे में व्यायाम के तरीकों में भी खासे बदलाव आ रहे हैं। भले ही फिटनेस के क्षेत्र में टेक्नोलॉजी तेजी से विकसित हो रही है लेकिन देखने में आ रहा है कि नए प्रयोगों से लोग उकताने लगे हैं। लोगों को समझ में आने लगा है कि स्वस्थ जीवन पारंपरिक तरीकों से ही पाया जा सकता है।

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ऐसे में लोग फिर से जड़ों की ओर लौटने लगे हैं। लोग फिट रहने के लिए प्राकृतिक माहौल की तलाश कर रहे हैं। साथ ही घर और जिम के इंटीरियर में भी हरियाली को प्रधानता दी जा रही है।

प्रकृति संग सुरीला संगीत बना रहा है फिट

प्राकृतिक तरीके से फिटनेस पाने के लिए हरियाली के साथ-साथ नृत्य, संगीत व कविताओं कासहारा भी लिया जा रहा है। इसके लिए जिमों में खास तौर पर इंतजाम किए जा रहे हैं।

फिटनेस उपकरणों से हो रहा मोहभंग

फिटनेस उपकरणों का चार्म अब एक वर्ग के लोगों में कम होता नजर आ रहा है। सोशल मीडिया पर लोग मुहिम चला रहे हैं कि ग्रीन फिटनेस को अपनाया जाए। लोगों की मानसिकता को समझते हुए अब जिम और फिटनेस केंद्र भी उपकरणों से दूरी बना रहे हैं। फिटनेस एक्सपर्ट भव्या सलूजा का कहना है कि फिटनेस का मतलब अब कोई बॉडी बनाना या परफेक्ट फिगर पाना ही नहीं रह गया है। बदलते दौर में फिटनेस को मानसिक संतुलन, तनाव रहित जीवन और बेहतर व्यक्तित्व के साथ शारीरिक स्वास्थ्य का पैकेज माना जा रहा है। ऐसे में लोग प्रकृति का दामन पकड़ रहे हैं और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स व यांत्रिक उपकरणों से दूरी बनाकर सादगी से फिटनेस पा रहे हैं।

पारंपरिक तरीकों से पा रहे फिटनेस

फिटनेस एक्सपर्ट अमित का कहना है कि जितने शांत वातावरण और प्राकृतिक संसाधनों के बीच कसरत या योग किया जाएगा, उतना अधिक फायदा होगा। प्राचीन काल में ऋषि मुनि इसी तरह से भौतिकता से दूर रहकर योग व तप करके स्वस्थ जीवन जीते थे। अब इसी तर्ज पर लोग फिट रहने के प्रयास कर रहे हैं। अमित के मुताबिक प्रकृति नजदीकी तन व मन को स्वस्थ रखती है। यांत्रिक संसाधनों व उपकरणों से कहीं न कहीं आर्टिफिशियल फिटनेस को बढ़ावा मिलता है, जिसके दूरगामी परिणाम सही नहीं होते।

फिटनेस एक्सपर्ट सुजाता ने बताया कि फिट रहने के लिए सबसे पहली चीज है सुकूनदायक वातावरण। इसके बाद प्राकृतिक संसाधन और संगीत। इन चीजों का मेल हो जाए तो मानसिक सुकून तो अपने आप ही आ जाता है। मानसिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति के लिए शारीरिक फिटनेस पाना बेहद आसान हो जाता है। यह ट्रेंड लोगों को बहुत पसंद आ रहा है।

फिटनेस एक्सपर्ट सपना खन्ना ने कहा कि बिना उपकरण के किए जाने वाली एक्सरसाइज को बॉडी वेट के सहारे किया जा रहा है। इसके अलावा वातावरण में हरियाली, माहौल में संगीत जुंबा व एरोबिक्स जैसी गतिविधियों के जरिए फिटनेस पाने का ट्रेंड लोगों को लुभा रहा है और लोग इसे ग्रीन फिटनेस का नाम दे रहे हैं।


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