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Gurugram: प्रॉपर्टी डीलर की गिरफ्तारी के बाद विजिलेंस के रडार पर एक HSVP अफसर, खरीदा था कमर्शियल प्लॉट

Gurugram News फर्जी कागजात के आधार पर हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) के कामर्शियल प्लाट अपने नाम कराने के मामले में गिरफ्तार किए गए प्रापर्टी कारोबारी वशिष्ठ कुमार गोयल को न्यायिक हिरासत में भोंडसी जेल भेज दिया गया।

By Jagran NewsEdited By: GeetarjunPublished: Mon, 05 Dec 2022 11:25 PM (IST)Updated: Mon, 05 Dec 2022 11:25 PM (IST)
Gurugram: प्रॉपर्टी डीलर की गिरफ्तारी के बाद विजिलेंस के रडार पर एक HSVP अफसर, खरीदा था कमर्शियल प्लॉट
प्रॉपर्टी डीलर की गिरफ्तारी के बाद विजिलेंस के रडार पर एक HSVP अफसर

गुरुग्राम, जागरण संवाददाता। फर्जी कागजात के आधार पर हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) के कामर्शियल प्लाट अपने नाम कराने के मामले में गिरफ्तार किए गए प्रापर्टी कारोबारी वशिष्ठ कुमार गोयल को न्यायिक हिरासत में भोंडसी जेल भेज दिया गया। उन्हें शनिवार रात स्टेट विजिलेंस ब्यूरो की गुरुग्राम टीम ने गिरफ्तार किया था। मामला 2018 का है। उस समय एचएसवीपी में तैनात रहे एक एचसीएस आफिसर के साथ ही तीन कर्मचारियों की सीधी मिलीभगत सामने आई है।

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वर्ष 1997 के दौरान सेक्टर-23ए के मार्केट में एससीओ नंबर-30 की नीलामी की गई थी। इसे आरआर फाउंडेशन इंजीनियर प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी ने 39 लाख रुपये में लिया था। कंपनी ने कागज में अपना पता 24, बाराखंभा रोड दिल्ली दर्शाया था। एससीओ आवंटित करने के बाद जब छानबीन की गई तो पता चला कि मौके पर कंपनी का कार्यालय ही नहीं है। इस वजह से 10 अप्रैल 1998 को आवंटन रद कर दिया गया था।

इसके विरुद्ध कंपनी की ओर से उपभोक्ता फोरम में अर्जी दाखिल की गई, जो खारिज कर दी गई। आरोप है कि इसी एससीओ को 2018 में वशिष्ठ कुमार गोयल (वीके गोयल) ने एचएसवीपी के तत्कालीन एस्टेट आफिसर सहित कई अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ मिलीभगत करके अपने नाम वर्ष 1997 की दर से ही यानी 39 लाख रुपये में ही करा लिया। इससे सरकार के राजस्व को भारी नुकसान हुआ है। वर्तमान समय में एससीओ की कीमत आठ करोड़ रुपये से अधिक बताई जाती है।

एचसीएस आफिसर की गिरफ्तारी की तैयारी

वर्ष 2018 के दौरान एचएसवीपी में तैनात रहे एचसीएस आफिसर को गिरफ्तार करने के लिए प्रदेश सरकार से अनुमति लेने की तैयारी शुरू कर दी गई है। तीन कर्मचारियों को कभी भी गिरफ्तार किया जा सकता है। इनके अलावा भी कई अधिकारियों की भूमिका सामने आई है।

उनसे पूछताछ की जाएगी। एचएसीएस आफिसर से पूछताछ में साफ होगा कि फर्जीवाड़े के तार ऊपर तक तो नहीं जुड़े हैं। जिनके भी नाम सामने आएंगे, उन सभी को पहले पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा। पूछताछ में भूमिका सामने आने पर गिरफ्तार किया जाएगा। इधर, प्रापर्टी कारोबारी की गिरफ्तारी की चर्चा सोमवार को पूरे दिन शहर में चलती रही। सभी राजनीतिक पार्टियों के दिग्गज नेताओें से कारोबारी की नजदीकी बताई जाती है। कुछ दिन पहले ही परिवार में शादी थी। जिसमें हर क्षेत्र के कई दिग्गज शरीक हुए थे।


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