बहुचर्चित मारुति कांड में आया फैसला, 13 को उम्रकैद, 4 को पांच साल की सजा
बहुचर्चित मारुति कांड मामले में सजा का एलान हो चुका है। मामले में 4 दोषियों को पांच साल की सजा व 13 को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।
गुरुग्राम [जेएनएन]। बहुचर्चित मारुति कांड मामले में सजा का एलान हो चुका है। मामले में 4 दोषियों को पांच साल की सजा व 13 को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। मामले में शामिल अन्य को छोड़ते हुए अदालत की तरफ से कहा गया कि जेल में रहने को ही सजा माना जाए।
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश आरपी गोयल की अदालत ने यूनियन के तत्कालीन प्रधान राममेहर एवं मुख्य आरोपी जियालाल के अलावा संदीप, रामविलास, सर्वजीत, पवन, सोहन, प्रदीप गुर्जर, अजमेर, सुरेश, अमरजीत, धनराज एवं योगेश को कंपनी के तत्कालीन जीएम अवनीश देव की मौत का दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई।
2012 Maruti factory violence case: Haryana Court imprisons 13 for life; 5 year jail-term for 4; says sentence served by other 14 sufficient pic.twitter.com/aWQ3189j7n— ANI (@ANI_news) March 18, 2017
मारुति कांड में इन 13 श्रमिकों को उम्रकैद की सजा
- राममेहर पुत्र भाले राम, निवासी गांव गुलियाना, कैथल
- संदीप पुत्र सूबे सिंह, निवासी गांव देहोला, जींद
- रामविलास पुत्र सिलक राम, निवासी गांव घामड़ी, सोनीपत
- सर्वजीत पुत्र अवतार सिंह, निवासी गांव किशनगढ़, कुरुक्षेत्र
- पवन पुत्र गुलाब, निवासी गांव कवाली, सोनीपत
- सोहन पुत्र रघुवीरचंद, निवासी गांव जौनपुर, कुरुक्षेत्र
- प्रदीप पुत्र नकली, निवासी गांव पट्टीकला, पानीपत
- सुरेश कुमार पुत्र सेवा सिंह, निवासी गांव सेरहदा, कैथल
- अजमेर पुत्र जोगीराम, निवासी गांव समैनपट्टी, रोहतक
- अमरजीत पुत्र कपूर सिंह, निवासी गांव चांदी, रोहतक
- योगेश पुत्र रामेश्वर, निवासी गांव चमनपुरा, झज्जर
- धनराज पुत्र नारु बांबी, निवासी चित्तौड़गढ़, राजस्थान
- जियालाल पुत्र रामफल, निवासी गांव ढाकल, जींद
इससे पहले शुक्रवार को बहस के दौरान अभियोजन पक्ष ने कंपनी के तत्कालीन महाप्रबंधक अवनीश देव की मौत के लिए दोषी 13 श्रमिकों को सजा-ए-मौत और मारपीट व आगजनी मामले में दोषी 18 श्रमिकों को सात-सात साल की सजा सुनाने की मांग की। बचाव पक्ष ने कहा कि श्रमिकों के खिलाफ केवल मारपीट करने का मामला बनता है।
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बता दें कि आइएमटी मानेसर स्थित मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के श्रमिकों ने 18 जुलाई 2012 को प्लांट में उपद्रव किया था। इस दौरान आग लगने से कंपनी के तत्कालीन महाप्रबंधक अवनीश देव की जलने से मौत हो गई थी। घटना के बाद पुलिस ने 213 श्रमिकों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इनमें से 150 श्रमिक गिरफ्तार किए गए। दो श्रमिकों के केस अदालत में लंबित हैं, जबकि 62 फरार हैं। 148 श्रमिकों के बारे में अदालत ने 10 मार्च को फैसला सुनाते हुए 31 को दोषी ठहराया था, जबकि 117 को बरी कर दिया था।
पढ़ें कब क्या हुआ
18 जुलाई 2012 : सुबह 10 बजे श्रमिक जियालाल सुपरवाइजर मांझी से हुआ था विवाद
- सुबह 11 बजे श्रमिक को निलंबित किया गया था
- दोपहर 12 बजे श्रमिकों ने काम बंद किया था
- शाम 4 बजे प्रबंधन व यूनियन नेताओं में बातचीत शुरू हुई थी
- शाम 6 बजे श्रमिक मारपीट व कई जगह आग लगा अधिकारियों को बंधक बना पीटा था
- 15 मिनट बाद मानेसर थाना प्रभारी पहुंचे पर उग्र भीड़ को देख कुछ नहीं कर सके
- 7 बजे भारी पुलिस बल बुला डीसीपी ने कराया बल प्रयोग बंधकों को छुड़ा अस्पताल भेजा था
- रात 9:30 बजे जला शव मिला था
-रात दस बजे पुलिस आयुक्त ने मौके पर जा आरोपियों को पकड़ने के निर्देश दिए थे
- रात बारह बजे 40 श्रमिक किए गए गिरफ्तार
19 जुलाई : अलसुबह 4 बजे 30 दमकल गाड़ियों के सहारे आग पर पर काबू पाया था।
बृहस्पतिवार सुबह आठ बजे 48 श्रमिक और गिरफ्तार किए गए थे
- दोपहर करीब एक बजे डीजीपी रंजीव सिंह दलाल मौके पर आए एसआइटी को जांच में लगाया था
- शाम साढ़े तीन बजे जले शव की पहचान जीएम एचआर अवनीश कुमार देव के रूप में हुई थी
- शाम को गिरफ्तार किए गए श्रमिकों की संख्या 99 हुई थी
20 जुलाई : दोपहर करीब डेढ़ बजे जापानी दूतावास से प्रतिनिधिमंडल कंपनी के हालात देखने आया था
- इंजीनियरों ने क्षतिग्रस्त सर्वर व कंट्रोल रूम को सही करने की मुहिम छेड़ी थी
21 जुलाई : कंपनी के शीर्ष प्रबंधन ने जापानी हॉस्टल गुड़गांव में पांच घंटे तक चली बैठक में सुरक्षा की गारंटी न मिलने तक प्लांट बंद रखने का फैसला लिया था
22 जुलाई : नामजद आरोपी कर्मचारी यूनियन के संगठन सचिव योगेश को सहित सात आरोपियों की हुई गिरफ्तारी
- सर्वर सही होने से कंपनी आइटी सिस्टम से जुड़ी थी
23 जुलाई : योगेश व अन्य लिए गए पुलिस रिमांड पर
29 जुलाई : कंपनी ने मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी न होने पर असुरक्षा की बात कह प्लांट में तालाबंदी बढ़ाई
30 जुलाई : किरकिरी होते देख पुलिस ने आरोपियों को दबोचने के लिए नया पैंतरा चला था
1 अगस्त : सुबह दस बजे मिली सफलता मुख्य आरोपी राममेहर व नौ अन्य गिरफ्तार
-शाम पांच बजे डीजीपी ने प्रेस कांफ्रेस कर आरोपियों की गिरफ्तारी तथा मानेसर में रिजर्व बटालियन तैनात करने की की घोषणा की थी
2 अगस्त : राममेहर सहित नौ को पुलिस ने लिया सात दिन की रिमांड पर
- तीन आरोपी और हुए गिरफ्तार गए न्यायिक हिरासत में जेल गए थे
14 अगस्त- मुख्य आरोपी जियालाल पकड़ा गया था
21 अगस्त को मारुति के दोनों संयत्र शुरू हुए थे
10 मार्च 2017 : 31 आरोपियों को जिला अदालत ने दोषी करार दिया 117 को सबूतों के अभाव में बरी किया
17 मार्च 2017 : सजा कितनी हो दोनो पक्षों में हुई बहस
18 मार्च 2017 : 31 आरोपियों में से 13 को उम्र कैद की सजा 4 को पांच साल की सजा 14 के लिए जेल अवधि को माना सजा