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ग्रुरुग्राम की बेटी निशा ने UPSC में हासिल की 503वीं रैंक, कहा- पढ़ाई के प्रति समर्पण ने दिलाई सफलता

निशा के मुताबिक इस सफलता की प्रेरणा उनकी मां सुनीता देवी रहीं हैं। मां गृहणी होने के बावजूद अपनी बेटी को आगे लाने के दिन रात मेहनत करती रही है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Tue, 04 Aug 2020 07:35 PM (IST)Updated: Tue, 04 Aug 2020 07:35 PM (IST)
ग्रुरुग्राम की बेटी निशा ने UPSC में हासिल की 503वीं रैंक, कहा- पढ़ाई के प्रति समर्पण ने दिलाई सफलता
ग्रुरुग्राम की बेटी निशा ने UPSC में हासिल की 503वीं रैंक, कहा- पढ़ाई के प्रति समर्पण ने दिलाई सफलता

गुरुग्राम [प्रियंका दुबे मेहता]। मानेसर स्थित नखरौला गांव की निशा यादव ने अपनी मेहनत के बूते दिखा दिया

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कि सपने देखना और और उन्हें पूरा करना कितना आसान है, बशर्ते मन में कुछ कर गुजरने की चाह और लक्ष्य प्राप्ति का जज्बा हो। संघ लोक सेवा आयोग में देश में 503 वां स्थान प्राप्त करके अपने गांव से पहली अधिकारी होंगी।

महिलाओं के लिए काम करना है उद्देश्य

निशा का कहना है कि समाज में महिलाओं की स्थिति और उनके प्रति हो रहे अत्याचारों के खिलाफ लड़ना चाहती थी वे महिलाओं को समानता का अधिकार दिलाना चाहती थी और ऐसा करने के लिए उन्हें किसी विशेष क्षेत्र में जाने की जरूरत महसूस हुई। ऐसे में उन्होंने सोचा कि संघ लोक सेवा आयोग में जाकर वे बड़े स्तर पर महिलाओं की मदद कर सकती हैं। उनका  सपना था कि वह अधिकारी बनकर महिला समानता और शिक्षा के क्षेत्र में अपना सहयोग दें।

दो वर्षों की कठिन तपस्या का फल

निशा बीते 2 वर्षों से इस परीक्षा की तैयारी में जुटी हुई हैं। 25 वर्षीय निशा को सफलता दूसरे प्रयास में मिली है।  निशा बताती है कि इस परीक्षा को पास करने के लिए उन्होंने अपने अपने शौक, अपने सामाजिक जीवन को पूरी तरह खत्म कर दिया था। उन्होंने इस दौरान सोशल मीडिया से दूरी बना ली थी। इसके साथ ही परीक्षा की तैयारी के दौरान उनके पास अपने दोस्तों से बात करने का वक्त भी नहीं होता था। इसके चलते दोस्तों और रिश्तेदार भी उनसे दूर हुए।

पलवल में प्रशिक्षण ले रही हैं निशा

संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा की तैयारी के दौरान ही निशा हरियाणा सिविल सेवा परीक्षा 2019 पास कर चुकी हैं। वे इसका अभी  पलवल में प्रशिक्षण ले रही है।

मां से मिली प्रेरणा

निशा के मुताबिक इस सफलता की प्रेरणा उनकी मां सुनीता देवी रहीं हैं। मां गृहणी होने के बावजूद अपनी बेटी को आगे लाने के दिन रात मेहनत करती रही है। निशा का कहना है कि उन्होंने हर सपने को पूरा किया है। उन्होंने हमेशा इस बात का ध्यान रखा की बेटी अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में सही राह पर चले।


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