पूरे परिवार की हत्या और खुद सुसाइड करने के मामले में एक साल बाद सामने आयी ये नई जानकारी
पिछले साल 30 जून की रात उन्होंने अपनी पत्नी डॉ. सोनू सिंह (50) बेटी अदिति (22) एवं बेटे आदित्य (14) की हथौड़े व चाकू से हत्या करने के बाद खुद भी फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी।
गुरुग्राम (आदित्य राज)। सन फार्मा कंपनी में रिसर्च साइंटिस्ट सहित विभिन्न पदों पर कार्यरत रहे डॉ. श्रीप्रकाश सिंह के परिवार के खत्म होेने की जांच एक साल बाद भी पूरी नहीं। उन्होंने जो सुसाइड नोट लिखा था उसकी जांच करने में भी एक साल का समय लगा दिया गया। पिछले सप्ताह हैंडराइटिंग की जांच रिपोर्ट आई है। उसके मुताबिक साइंटिस्ट ने ही सुसाइड नोट लिखा था। इस बात की पुष्टि सेक्टर-50 थाना प्रभारी शाहिद अहमद ने की है। उनका कहना है कि जल्द ही पूरी जांच रिपोर्ट तैयार करने का प्रयास किया जाएगा।
मूल रूप से उत्तरप्रदेश के बनारस जिले के गांव रघुनाथपुरा निवासी डॉ. श्रीप्रकाश सिंह (55) सेक्टर-49 की उप्पल साउथएंड सोसायटी में परिवार सहित रह रहे थे। पिछले साल 30 जून की रात उन्होंने अपनी पत्नी डॉ. सोनू सिंह (50), बेटी अदिति (22) एवं बेटे आदित्य (14) की हथौड़े व चाकू से हत्या करने के बाद खुद भी फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। मामले की जांच सेक्टर-50 थाना पुलिस कर रही है।
चर्चित मामला होने की वजह से उम्मीद थी कि जल्द ही जांच रिपोर्ट सामने आएगी लेकिन एक साल बाद भी जांच जारी है। मौके से सुसाइड नोट मिला था। उसमें साइंटिस्ट ने लिखा था कि वह परिवार को नहीं चला पा रहे थे। इस बात को रिश्तेदार ही नहीं बल्कि पड़ोसी भी नहीं पचा पा रहे थे। इस वजह से सुसाइड नोट की जांच आवश्यक था। अब जाकर साफ हुआ है सुसाइड नोट उन्होंने ही लिखा था। अब उनके लैपटॉप की जांच रिपोर्ट सामने आनी है। चर्चा थी कि वारदात को अंजाम देने से पहले उन्होंने नेट पर काफी कुछ सर्च किया था। साइंटिस्ट ने अपनी पत्नी, बेटी एवं बेटे को बेरहमी से मारा था।
चार प्ले स्कूल चलाती थीं पत्नी
आर्थिक तंगी की बात किसी के गले इसलिए नहीं उतर रही थी कि क्योंकि डॉ. श्रीप्रकाश सिंह की पत्नी डॉ. सोनू सिंह गुरुग्राम एवं पलवल में कुल चार प्ले स्कूल का संचालन कर रही थीं। उनमें 25 से अधिक कर्मचारी काम करते थे। यही नहीं वह सोसायटी के हर सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर भूमिका निभाती थीं। शुरुआती जांच में ही एक बात निकलकर सामने आई थी कि साइंटिस्ट दो महीने से ड्यूटी नहीं जा रहे थे। दो महीने ही ड्यूटी नहीं जाने से वह आर्थिक संकट से जूझ रहे थे, यह बात आज भी किसी के गले नहीं उतर रही है। पूरी जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद ही पता चल सकेगा कि आखिर मुख्य वजह क्या थी।