Gurugram Prince Murder Case: आरोपित को वयस्क या नाबालिग मानने का मापदंड क्या हो, आज आ सकता है फैसला
Gurugram Prince Murder Case गुरुग्राम के बहुचर्चित प्रिंस हत्याकांड मामले में आरोपित को वयस्क माना जाए या नाबालिग इसके मापदंड को लेकर आज फैसला आ सकता है। नौ सितंबर 2017 को सात वर्षीय बच्चे की स्कूल के बाथरूम में गला रेतकर हत्या की गई थी।
गुरुग्राम [आदित्य राज]। बहुचर्चित प्रिंस हत्याकांड मामले की सुनवाई जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में आज यानी बुधवार को होगी। आरोपित को वयस्क याना नाबालिग मानने का मापदंड क्या हो, इस बारे में बोर्ड का फैसला आ सकता है। मनोवैज्ञानिक की रिपोर्ट के आधार पर बोर्ड अपना फैसला सुनाएगा।
मनोवैज्ञानिक आधार पर हो सकता है मूल्यांकन
रिपोर्ट में मनोवैज्ञानिक को दो बातों का उल्लेख करना है। पहली बात क्या अब आरोपित का मनोवैज्ञानिक आधार पर मूल्यांकन हो सकता है और दूसरी बात यदि हो सकता है तो फिर मापदंड क्या होना चाहिए। फैसले के बाद आगे की कार्यवाही शुरू होगी।
"न्यायपालिका पर पूरा भरोसा''
प्रिंस के पिता का कहना है कि उन्हें न्यायपालिका के ऊपर पूरा भरोसा है। उनके बेटे के साथ न्याय होगा। वह अपने बेटे को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष करते रहेंगे। अधिवक्ता सुशील टेकरीवाल का कहना है कि मनोवैज्ञानिक की रिपोर्ट आने के बाद ही मामले में सुनवाई आगे बढ़ेगी। आज रिपोर्ट आने की उम्मीद है।
वर्ष 2017 में हुई थी 7 वर्षीय प्रिंस की हत्या
बता दें कि नौ सितंबर 2017 को सात वर्षीय प्रिंस (अदालत द्वारा दिया गया नाम) की गला रेतकर हत्या सोहना रोड स्थित एक नामी स्कूल के बाथरूम में कर दी गई थी। वारदात के कुछ ही घंटे के भीतर गुरुग्राम पुलिस ने स्कूल के एक बस सहायक की पहचान आरोपित के रूप में की थी। उसे गिरफ्तार कर जेल तक भेज दिया गया था।
CBI को मिली जांच की जिम्मेदारी
कुछ दिनों बाद जब जांच की जिम्मेदारी सीबीआई को सौंपी गई तो पूरा मामला ही बदल गया था। सीबीआइ ने बस सहायक को आरोपित न मानते हुए स्कूल के ही एक छात्र भोलू (अदालत द्वारा दिया गया नाम) को आरोपित बनाया। उस समय से भोलू न्यायिक हिरासत में है।