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Gurugram News: यूआइडीएआइ में जांच के नाम पर भ्रष्टाचार का खेल

Gurugram News आधार आपरेटरों के बारे में आने वाली शिकायतों की जांच के नाम पर भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ स्टेट विजिलेंस ब्यूरो की गुरुग्राम टीम ने किया है। यूआइडीएआइ की ओर से चंडीगढ़ में तैनात असिस्टेंट मैनेजर अखिल शर्मा सहित तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया।

By Aditya RajEdited By: Published: Sat, 01 Oct 2022 04:29 PM (IST)Updated: Sat, 01 Oct 2022 04:29 PM (IST)
Gurugram News: यूआइडीएआइ में जांच के नाम पर भ्रष्टाचार का खेल
Gurugram News: यूआइडीएआइ में जांच के नाम पर भ्रष्टाचार का खेल : जागरण

गुरुग्राम, आदित्य राज: आधार आपरेटरों के बारे में आने वाली शिकायतों की जांच के नाम पर भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ स्टेट विजिलेंस ब्यूरो की गुरुग्राम टीम ने किया है। मामले में शुक्रवार को अलग-अलग स्थानों से भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआइडीएआइ) की ओर से चंडीगढ़ में तैनात असिस्टेंट मैनेजर अखिल शर्मा सहित तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। अन्य जो भी संलिप्त हैं, उनकी तलाश की जा रही है।

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असिस्टेंट मैनेजर पास पूरे हरियाणा की जिम्मेदारी थी। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआइडीएआइ) के पास आधार कार्ड बनाने से लेकर उसे अपडेट करने के साथ ही शिकायतों का समाधान करने की भी जिम्मेदारी है। पूरे प्रदेश में सैकड़ों आधार आपरेटर हैं। अकेले गुरुग्राम में 40 से अधिक आधार आपरेटर हैं। आपरेटरों के बारे में यूआइडीएआइ के बेंगलुरु स्थित मुख्यालय में शिकायत पहुंचती रहती है। खासकर आधार कार्ड बनाने में गलती करने की शिकायत पहुंचती है। मुख्यालय से शिकायतों की सूची तैयार करके जांच के लिए असिस्टेंट मैनेजर के पास भेजी जाती है। जांच करने के बाद रिपोर्ट ऊपर भेजी जाती है।

कुछ दिन पहले गुरुग्राम में काम करने वाले एक आधार आपरेटर की शिकायत बेंगलुरु मुख्यालय में पहुंची। वहां से जांच चंडीगढ़ में तैनात असिस्टेंट मैनेजर अखिल शर्मा के पास पहुंची। उसने शिकायत को रफा-दफा करने के नाम पर आपरेटर से एक लाख रुपये की मांग की। बातचीत 80 हजार रुपये में तय हुई। इसमें 40-40 हजार रुपये दो बार में देने की बात तय हुई। पैसे लेने की जिम्मेदारी अखिल शर्मा ने पलवल के वीरेंद्र को सौंपी। वीरेंद्र ने आगे गुरुग्राम निवासी सन्नी को जिम्मेदारी सौंपी।

इस बीच पैसे मांगने की शिकायत आपरेटर ने स्टेट विजिलेंस ब्यूरो की गुरुग्राम टीम को दे दी। शिकायत सामने आते ही ब्यूरो में तैनात पुलिस अधीक्षक चंद्रमोहन ने टीम बनाकर असिस्टेंट मैनेजर के पीछे लगाया। टीम ने अलग-अलग स्थानों से तीनों को गिरफ्तार कर लिया। सन्नी को 40 हजार रुपये लेते हुए गिरफ्तार किया गया।

प्रारंभिक छानबीन के मुताबिक लंबे समय से असिस्टेंट मैनेजर जांच के नाम पर खेल कर रहा था। वह मामले को रफा-दफा करने के लिए 50 से एक लाख रुपये तक लेता था। पूरे प्रदेश में उसने अपना नेटवर्क बना रखा था। स्वयं पैसे नहीं लेता था बल्कि किसी की जिम्मेदारी तय करता था। जिसे जिम्मेदारी तय करता था वह भी सीधे पैसे नहीं लेता था। आगे किसी और की जिम्मेदारी तय कर देता था। इस तरह कई स्तर से होती हुई भ्रष्टाचार की राशि असिस्टेंट मैनेजर तक पहुंचती थी। तीनों से पूछताछ जारी है। इससे पता चलेगा कि अब तक कितने आपरेटरों से पैसे लिए गए।

बता दें कि पिछले कुछ महीनों से स्टेट विजिलेंस ब्यूरो एचसीएस स्तर के अधिकारी तक की गिरफ्तारी टीम कर चुकी है। कई पुलिसकर्मी गिरफ्तार भी किए जा चुके हैं।

लोगों से अपील है कि किसी भी हाल में रिश्वत न दें। यदि कोई अधिकारी या कर्मचारी रिश्वत की मांग करता है तो विजिलेंस को सूचना दें। सूचना मिलते ही टीम कार्रवाई करेगी। किसी भी समय सूचना दे सकते हैं। कार्रवाई के लिए कोई समय निर्धारित नहीं है। जिस समय सूचना, उसी समय कार्रवाई। -चंद्रमोहन, पुलिस अधीक्षक, स्टेट विजिलेंस ब्यूरो, गुरुग्राम


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