Gurugram News: जालसाजों की शातिर चालों से बचना हुआ मुश्किल, नए-नए पैंतरों से लोगों को बना रहे शिकार
Gurugram जालसाजों के ऊपर पुलिस लगाम नहीं लग पा रही है। प्रतिदिन चार से पांच मामले दर्ज किए जा रहे हैं। मंगलवार को भी पांच मामले दर्ज किए गए। शिकायतों को देखते हुए पुलिस सावधान करती है मगर लोग फिर भी झांसे में आ जाते हैं।
गुरुग्राम, जागरण संवाददाता। जालसाजों के ऊपर पुलिस लगाम नहीं लग पा रही है। प्रतिदिन चार से पांच मामले दर्ज किए जा रहे हैं। मंगलवार को भी पांच मामले दर्ज किए गए। शिकायतों को देखते हुए पुलिस सावधान करती है, मगर लोग फिर भी झांसे में आ जाते हैं।
पार्ट टाइम काम देने के नाम पर 12.43 लाख गंवाए
सेक्टर-79 में रह रहे अनंता से एक व्यक्ति ने वाट्सएप के माध्यम से संपर्क किया। उसने अपने आपको अमेजन कंपनी से संबद्ध बताते हुए उन्हें पार्ट टाइम काम करने का आफर दिया। यह भी कहा कि यदि वह एक सदस्य के रूप में शामिल होते हैं यानी बिक्री बढ़ाने में मदद करते हैं। उन्हें मूल धन के साथ प्रत्येक लेन-देन पर 20 से 40 प्रतिशत का कमीशन दिया जाएगा। विश्वास करके वे पैसे लगाते चले गए। 12.43 लाख रुपये लगाने के बाद पता चला कि उनके साथ धोखाधड़ी की जा रही है।
जॉब दिलाने के नाम पर बनाया शिकार
राजेंद्रा पार्क में रह रहे अंकित के पास फोन करके एक व्यक्ति ने अपने आपको जिओ कंपनी का प्रतिनिधि बताया। उसने कंपनी में जाब दिलाने की बात करके सात बार में कुल 40,750 रुपये जमा करा लिए।
गाड़ी बुकिंग के नाम पर धोखाधड़ी
सूरत नगर में रह रहे रोहित ट्रांसपोर्ट का काम करते हैं। मोबाइल पर एक व्यक्ति ने फोन करके दो गाड़ियों की बुकिंग कराने की बात की। उन्होंने आगे एक ट्रांसपोर्टर से बातचीत करके गाड़ियां बुक करा दीं। साहिबाबाद से मणिपुर किताबें भेजनी थीं। तीन लाख रुपये का किराया तय हुआ। 70 प्रतिशत एडवांस पर बुकिंग की गई थी। गाड़ियां बुक कराने वाले विनय कुमार ने दो लाख 20 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए। पैसे जमा होने के बाद गाड़ियों के मालिक के फोन बंद आ रहे हैं।
वर्क फ्राम होम का झांसा देकर 5.95 लाख रुपये उड़ाए
सेक्टर-107 में रह रहे आशीष कुमार ने वर्क फ्राम होम के लिए इंटरनेट साइट से नंबर लेकर वाट्सएप काल की। काल रिसीव करने वाले ने उन्हें एक साइट पर रजिस्टर करवाया। इसके बादले 100 रुपये का रीचार्ज करने को बोला। रीचार्ज करते ही उनके खाते में 150 रुपये से अधिक आ गए। फिर दो हजार रीचार्ज करने के लिए कहा। फिर कुछ आर्डर दिए जो उन्हें अपने पैसे से खरीदने थे। इस चक्कर में वह पैसा लगाते चले गए। जब उन्हें सात लाख रुपये का रीचार्ज करवाने के लिए कहा फिर उन्हें लगा कि धोखाधड़ी की जा रही है। तब तक वह 5.95 लाख रुपये लगा चुके थे।
जालसाज ने खाली कर दिया खाता
वरिष्ठ अधिवक्ता जोगिंदर माहेश्वरी के खाते से जालसाज ने दो बार में 60 हजार रुपये से अधिक निकाल लिए। तीसरी बार भी प्रयास किया लेकिन खाते में पैसे नहीं थे। उनका कहना है कि न तो उन्होंने लिंक क्लिक किया, न ओटीपी शेयर किया, न किसी को खाते के बारे में जानकारी दी। इसके बाद भी पैसे निकल गए। उनका खाता लघु सचिवालय के नजदीक संचालित एसबीआइ की शाखा में है। उन्होंने बैंक में भी शिकायत दे दी है।