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गुरुग्राम का चर्चित प्रिंस हत्याकांड : शुक्रवार को तय होगा चारों पुलिस अधिकारियों का भविष्य

आठ सितंबर 2017 को सोहना रोड स्थित एक नामी स्कूल के बाथरूम में प्रिंस (बाल सत्र न्यायालय द्वारा दिया गया नाम) की गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। इसके कुछ ही घंटे बाद गुरुग्राम पुलिस ने स्कूल के बस सहायक को आरोपित मानते हुए गिरफ्तार कर लिया था।

By Prateek KumarEdited By: Published: Thu, 14 Jan 2021 04:47 PM (IST)Updated: Thu, 14 Jan 2021 04:47 PM (IST)
गुरुग्राम का चर्चित प्रिंस हत्याकांड : शुक्रवार को तय होगा चारों पुलिस अधिकारियों का भविष्य
बृहस्पतिवार को सीबीआइ ने गवाहों एवं दस्तावेजों की सूची विशेष सीबीआइ अदालत में सौंप दी।

गुरुग्राम (आदित्य राज)। प्रिंस हत्याकांड मामले में तथ्यों के साथ छेड़छाड़ करने के आरोपित तत्कालीन सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) बिरम सिंह, भोंडसी थाने के तत्कालीन प्रभारी नरेंद्र खटाना, सब-इंस्पेक्टर शमशेर सिंह एवं ईएएसआइ सुभाषचंद का भविष्य शुक्रवार को तय होगा। पिछले सप्ताह चालान पेश करने के बाद सीबीआइ ने बृहस्पतिवार को गवाहों एवं दस्तावेजों की सूची भी पेश कर दी। अब सभी पक्ष की नजर शुक्रवार को पंचकूला स्थित विशेष सीबीआइ अदालत के ऊपर टिकी है। यदि सीबीआइ द्वारा आवश्यक सभी दस्तावेज अदालत में सौंप दी गई होगी, वैसी स्थिति में शुक्रवार को हर हाल में चालान पर अदालत संज्ञान लेगी। संज्ञान लेते ही चारों के खिलाफ मुकदमा चलने का रास्ता साफ हो जाएगा। चारों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए प्रदेश सरकार से संस्तुति भी अनिवार्य है। संस्तुति ले ली गई है या नहीं, इस बारे में पूरी जानकारी सामने नहीं आ पाई है।

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बता दें कि आठ सितंबर 2017 को सोहना रोड स्थित एक नामी स्कूल के बाथरूम में प्रिंस (बाल सत्र न्यायालय द्वारा दिया गया नाम) की गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। इसके कुछ ही घंटे बाद गुरुग्राम पुलिस ने स्कूल के बस सहायक को आरोपित मानते हुए गिरफ्तार कर लिया था लेकिन जब जांच सीबीआइ ने शुरू की तो पूरा मामला ही उलट गया था। गुरुग्राम पुलिस ने जिस छात्र भोलू को मुख्य गवाह बनाया था वही छात्र सीबीआइ की जांच में आरोपित के रूप में सामने आया। इसके बाद सीबीआइ की रिपोर्ट के आधार पर अदालत ने बस सहायक को आरोप मुक्त कर दिया था।

सीबीआइ ने अदालत में चालान पेश कर कहा है कि पुलिस अधिकारियों ने तथ्यों के साथ छेड़छाड़ की थी। इस आधार पर सभी के खिलाफ मुकदमा चलना चाहिए। चालान पर अदालत शुक्रवार को संज्ञान लेगी। पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता सुशील टेकरीवाल का कहना है कि शुक्रवार को उन्हें चालान की कापी मिलेगी। उसे देखने के बाद आगे काम किया जाएगा। यदि सीबीआइ ने स्कूल को क्लीनचिट दे दी है तो किस आधार पर, यह देखना होगा। यही नहीं पूरी एसआइटी के खिलाफ चालान पेश क्यों नहीं किया गया जबकि तथ्यों के साथ छेड़छाड़ के आरोपित एसआइटी में शामिल सभी अधिकारी व कर्मचारी हैं।

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