Move to Jagran APP

लाइफस्टाइल: पैटर्न पौधों से घरों में उतरती हरियाली, लोगों को भा रहा कोविड इंटीरियर ट्रेंड

कोरोना महामारी ने शारीरिक बीमारी के साथ-साथ मानसिक सुकून भी छीन लिया है। ऐसे में लोग मानसिक शांति के लिए पौधों का सहारा ले रहे हैं।

By Mangal YadavEdited By: Published: Mon, 14 Sep 2020 01:35 PM (IST)Updated: Mon, 14 Sep 2020 01:35 PM (IST)
लाइफस्टाइल: पैटर्न पौधों से घरों में उतरती हरियाली, लोगों को भा रहा कोविड इंटीरियर ट्रेंड
लाइफस्टाइल: पैटर्न पौधों से घरों में उतरती हरियाली, लोगों को भा रहा कोविड इंटीरियर ट्रेंड

गुरुग्राम [प्रियंका दुबे मेहता]। इंटीरियर डिजाइनिंग व डेकोरेशन को भी कोरोना महामारी ने खासा प्रभावित किया है। ऐसे में इंटीरियर डेकोरेटर्स अब नए प्रयोगों में व्यस्त हो गए हैं। बड़े शहरों में इंटरनेशनल ट्रेंड को फॉलो किया जाता है। ऐसे में अब जो पोस्ट कोविड ट्रेंड आया है, उसमें पौधों को विशेष पैटर्न के साथ मिलाकर करके घरों की साज-सज्जा की जा रही है।

loksabha election banner

ऐसे में पॉट्स पर तो जोर दिया ही जा रहा है, साथ ही घरों के अंदर पैटर्न्ड प्लांट्स को तरजीह दी जा रही है।

कलात्मक गमलों को तरजीह

इंटीरियर एक्सपर्ट नुपुर सोढ़ी का कहना है कि आने वाले समय में पौधों पर विशेष जोर रहने वाला है। ड्राइंगरूम, ऑफिस, बेडरूम यहां तक कि किचन में भी पौधे रखना ट्रेंड बन रहा है। लोग अब इन पौधों के लिए इंटीरियर डेकोरेटर्स से गमलों को डिजाइन करवा रहे हैं। छोटे साइज के इन पौधों में एरेसा पाम, लेडी पाम, बैंबू पाम, रबर का पौधा, ड्रेसेना जैनेट क्रेक, इंग्लिश ईवी, पीस लिली, बौना डेट पाम, फाइकस आदि के अलावा भारतीय पौधों में तुलसी को भी वायु शुद्धिकरण का पौधा माना जाता है। खास यह है कि इन पौधों को लगाने के तरीकों में बदलाव किया गया है। पौधों के गमलों को बेहतरीन स्टाइलिश डिजाइनों में बनाया गया है। वहीं वाटर सर्कुलेंट प्लांट्स में को बेहतरीन डिजाइनों के शीशे के जार आदि में रखा जा रहा है।

तनाव मुक्ति के साथ खूबसूरती

कोरोना महामारी ने शारीरिक बीमारी के साथ-साथ मानसिक सुकून भी छीन लिया है। ऐसे में लोग मानसिक शांति के लिए पौधों का सहारा ले रहे हैं। बागवानी एक्सपर्ट प्रमोद सिंह का कहना है कि पौधे अपने भीतरी गुणों के कारण तो मददगार साबित होते ही हैं, साथ ही इंसान जब इन्हें लगाता है तो उस दौरान उसका दिमाग रचनात्मक कार्यो में लग जाता है जिससे वह तनाव व चिंता भूल जाता है। प्रकृति तनाव का सबसे अच्छा इलाज है।

उनके मुताबिक पौधे लगाने से से लेकर उसकी सेवा करना व उसे फलते फूलते देखना अपने आप में एक सुकून व एक आत्मविश्वास दे जाता है। बागवानी विशेषज्ञ व इंटीरियर डिजाइनर अमृता साहनी का कहना है कि आने वाले साल में लोग इंटीरियर को प्रकृति से जोड़कर अपनाएंगे। उनके मुताबिक इंटरनेशनल इंटीरियर वर्ल्ड में डिजाइन फोरकास्ट में ग्रीनरी को स्टाइल के साथ शामिल किया जा रहा है।

बागवानी विशेषज्ञ सुकीर्ता चोपड़ा ने बताया कि इंटीरियर को लेकर लोग अब बेसिक की तरफ लौट रहे हैं। इस बात को अब हर जगह माना जा रहा है। ऐसे में यह ट्रेंड लौटकर फिर से आ रहा है। इससे कई तरह के फायदे हो रहे हैं। एक तो घरों में शुद्धिकरण होता है, दूसरे खूबसूरती बढ़ती है और तीसरे रचनात्मक अप्रोच मानसिक सुकून देती है। इस दौर में इन चीजों की बहुत जरूरत है।

वहीं, इंटीरियर एक्सपर्ट मनु गुप्ता ने कहा कि कोरोना के कारण बदले वक्त में बागवानी अब इंटीरियर डिजाइनिंग के ट्रेंड में शामिल हो गई तो लोगों को इसका महत्व पता चल रहा है। वैसे भी इसके कई फायदे हैं। अब लोग घरों से लेकर ऑफिसों तक में पैटर्न्ड पौधों को विशेष पॉट्स में रखकर घरों को सजा रहे हैं। गमलों को पत्थर, मिट्टी व सीमेंट के गमलों को विशेष डिजाइनों व रंगों से सजाया जा रहा है।

Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.