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दिल्ली-NCR के भी लाखों यात्रियों के लिए गुड न्यूज, अब DMRC चलाएगा रैपिड मेट्रो रेल

मामले की सुनवाई के दौरान कंपनी के वकील ने कोर्ट को बताया कि सरकार व डीएमआरसी के बीच रैपिड मेट्रो रेल सेवा के परिचालन बारे में एक समझौता है। इसके तहत रैपिड मेट्रो का संचालन होगा।

By JP YadavEdited By: Published: Wed, 18 Sep 2019 08:51 AM (IST)Updated: Wed, 18 Sep 2019 04:27 PM (IST)
दिल्ली-NCR के भी लाखों यात्रियों के लिए गुड न्यूज, अब DMRC चलाएगा रैपिड मेट्रो रेल
दिल्ली-NCR के भी लाखों यात्रियों के लिए गुड न्यूज, अब DMRC चलाएगा रैपिड मेट्रो रेल

चंडीगढ़/गुरुग्राम, जेएनएन। रैपिड मेट्रो रेल सेवा के परिचालन शीघ्र ही दिल्ली मेट्रो रेल निगम (Delhi Metro Rail Corporation) के जिम्मे होगा। यह जानकारी मंगलवार को हरियाणा मास रैपिड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन लिमिटेड (Haryana Mass Rapid Transport Corporation Limited) की तरफ से पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट को दी गई। मामले की सुनवाई के दौरान कंपनी के वकील ने कोर्ट को बताया कि सरकार व डीएमआरसी के बीच रैपिड मेट्रो रेल सेवा के परिचालन बारे में एक समझौता है।

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हरियाणा सरकार ने कहा कि रैपिड मेट्रो रेल सेवा प्रदाता कंपनी ने कई वित्तीय अनियमितता की हुई हैं व ईडी (परिवर्तन निदेशालय) उसकी जांच भी कर रही है। ऐसे में डीएमआरसी को यह प्रोजेक्ट हैंडओवर करने की प्रकिया किसी हाईकोर्ट जज की निगरानी में होना चाहिये। इसमें कुछ समय सरकार इस पूरी प्रकिया की वीडियों ग्राफी करवाना चाहती है और इस काम में कुछ समय लग सकता है।

हाई कोर्ट बेंच ने सुबह मामले की सुनवाई के बाद दोनो पक्षों को जज का नाम दोपहर बाद बेंच को बताने को कहा। दोपहर बाद जैसे ही सुनवाई शुरू हुई दोनों ने सेवानिवृत्त जस्टिस कैलाश व जस्टिस वीके गुप्ता का नाम कोर्ट को बताया। हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई बुधवार तक स्थगित करते हुए दोनों पक्षों को कहा कि वो दो-दो जज के नाम बेंच को दें जिसमें से बेंच तय करेगी कि कौन सा जज इस मामले की निगरानी करेगा। ज्ञात रहे कि देश की राजधानी दिल्ली से सटे गुरुग्राम में निजी क्षेत्र की पहली मेट्रो सेवा आर्थिक संकट के कारण अपनी सेवा आगे जारी रखने में सक्षम नहीं हो पा रही है।

वित्तीय संकट से जूझ रही कंपनी आइएल एंड एफएस इन्फ्रास्ट्रक्चर ने हरियाणा सरकार को लिखा था कि कंपनी 9 सितंबर के बाद सेवा को आगे नहीं जारी रख सकती है। जिसके बाद हरियाणा मास रैपिड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन लिमिटेड ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। कंपनी ने रैपिड मेट्रो के अधिग्रहण के लिए हरियाणा सरकार को भी लिखा था, लेकिन कंपनी और सरकार के बीच के विवाद अभी एनसीएलए के पास विचाराधीन है। इसलिए सरकार रैपिड मेट्रो का अधिग्रहण नही कर सकती, जिस कारण वित्तीय खराब हालत के चलते कंपनी ने अपनी सेवा 9 सितंबर को बंद करने का निर्णय लिया था, लेकिन हाई कोर्ट के आदेश के चलते कंपनी ने फिलहाल सेवा जारी रखी हुई है।

हां पर बता दें कि रैपिड मेट्रो हरियाणा के गुरुग्राम शहर में संचालित एक मेट्रो प्रणाली है। यह प्रणाली सिकंदरपुर मेट्रो स्टेशन पर दिल्ली मेट्रो की येलो लाइन के साथ इंटरचेंज प्रदान करती है। रैपिड मेट्रो की कुल लंबाई 11.7 किलोमीटर है। इस रूट पर कुल 11 स्टेशन हैं।

पूरी मेट्रो प्रणाली में स्टैण्डर्ड गेज ट्रैक का इस्तेमाल हुआ है और पूरी तरह से एलिवेटेड है। रैपिड मेट्रो गुरुग्राम के वाणिज्यिक क्षेत्रों को जोड़ता है। साथ ही, दिल्ली मेट्रो के लिए फीडर लिंक के रूप में कार्य करता है।

रैपिड मेट्रो गुड़गांव लिमिटेड (आरएमजीएल) द्वारा निर्मित और संचालित यह मेट्रो प्रणाली दुनिया की पहली ऐसी प्रणाली है, जो पूरी तरह से निजी स्रोतों द्वारा वित्तपोषित है। कहने का मतलब इस उद्यम में केंद्र सरकार, हरियाणा सरकार या किसी भी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम से कोई निवेश नहीं है। रैपिड मेट्रो सेवाएं रोजाना छह बजे से शुरू होकर रात 12 बजे तक चलती है। सभी ट्रेनों में तीन कोच हैं।

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