दिल्ली- एनसीआर में उद्योग-व्यापार की राह में कई रोड़े, जानिए क्यों ढर्रे पर नहीं आ रही उद्योगों की गाड़ी
उद्यमियों का मानना है कि सीमावर्ती इलाकों के नाकों पर सख्ती से परेशान होकर अधिकतर श्रमिक अपने गांव निकल रहे हैं। जो इस समय गांव जा रहे हैं वे जल्द नहीं लौटने वाले।
गुरुग्राम, आदित्य राज। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर सभी विशेषज्ञ बार-बार यह कह रहे हैं कि कोरोना के साथ जीना सीखना होगा। यह कुछ दिनों की नहीं, बल्कि लंबी लड़ाई है। ऐसे में आर्थिक गतिविधियां लंबे समय तक रोकी नहीं जा सकतीं। इसे ध्यान में रखकर ही औद्योगिक इकाइयों को चालू करने की अनुमति दी जा रही है। अनुमति मिलने के बाद सैकड़ों इकाइयां काम करने को तैयार हैं, लेकिन श्रमिकों की कमी आड़े आने लगी है। वजह, दिल्ली-एनसीआर के भीतर अभी भी सामान्य रूप से आवाजाही पर रोक है। जिन लोगों ने पास बनवा रखा है, उन्हें भी कई बार रोक दिया जाता है।
उद्यमियों का मानना है कि सीमावर्ती इलाकों के नाकों पर सख्ती से परेशान होकर अधिकतर श्रमिक अपने गांव निकल रहे हैं। जो इस समय गांव जा रहे हैं, वे जल्द नहीं लौटने वाले। आवश्यकता है एनसीआर को एक यूनिट मानने की। पूरे एनसीआर में आवाजाही की छूट देनी चाहिए। जो इलाके अधिक संक्रमित हैं उन्हें कुछ समय के लिए सील कर दिया जाए। एनसीआर के भीतर जैसे लॉकडाउन से पहले लोग आते-जाते थे, वैसे ही आने-जाने दिया जाए।
जिस इलाके में ज्यादा है कोरोना संक्रमण उसे किया जाए सील
मुंजाल शोवा इंडिया लिमिटेट के पूर्व अध्यक्ष, जीआइए व सीएमडी योगेश मुंजाल ने बताया कि एनसीआर को एक यूनिट मानकर चलना होगा। एक यूनिट मानने का मतलब है कहीं भी आने-जाने में किसी भी प्रकार की बाधा नहीं। जिस इलाके में कोरोना वायरस का संक्रमण अधिक है, उसे सील किया जाए। उदाहरण स्वरूप पूरे कापसहेड़ा इलाके में तो संक्रमण अधिक नहीं होगा, कुछ गलियां होंगी जिनमें संक्रमण अधिक होगा। उन गलियों को ही सील करना चाहिए न कि पूरे कापसहेड़ा इलाके को।
एनसीआर के भीतर कहीं भी आवाजाही में नहीं होनी चाहिए रोक
श्यामा पावर इंडिया लिमिटेड के सीएमडी आरएस ठाकुर ने कहा कि सभी विशेषज्ञ मान रहे हैं कि कोरोना के साथ कुछ समय तक जीना होगा। ऐसे में एनसीआर के भीतर कहीं भी आवाजाही पर रोक नहीं होनी चाहिए। कहीं से भी कहीं लोग आ-जाकर काम कर सकें, ऐसा माहौल जल्द से जल्द बनाना होगा। काम बंद होने से अधिकतर श्रमिक अपने गांव जाने के लिए मन बना चुके हैं। रोकने के लिए सभी इकाइयों को काम शुरू करना होगा।