लाइफस्टाइल: कोविड ने बढ़ाई सस्टेनेबल कपड़ों की मांग
फैशन डिजाइनर शोभित सब्बरवाल का कहना है कि ऑर्गेनिक फैब्रिक वैसे तो काफी समय से तेजी से प्रचलित हो रहा था लेकिन अब कोरोना महामारी के बाद लोग इसका मांग ज्यादा करने लगे हैं।
गुरुग्राम [प्रियंका दुबे मेहता]। कोरोना महामारी के बाद फैशन इंडस्ट्री भी बड़े बदलाव से गुजर रही है। इस समय फैशन पर ऑर्गेनिक या सस्टेनेबल फैब्रिक को महत्व दिया जाने लगा है। इस तरह के परिधान बनाए जा रहे हैं जिसमें कैमिकल डाई या फिर किसी अन्य रसायन का प्रयोग नहीं किया गया हो।
क्या है सस्टेनेबल फैब्रिक
सस्टेनेबल, ऑर्गेनिक, इकोफ्रेंडली या फिर ग्रीन फैब्रिक कहिए। सब एक ही हैं। इसका मतलब यह है कि जो कपड़े प्राकृतिक पदार्थों से प्राकृतिक तरीके से बनाए गए हों। जिनके निर्माण में किसी प्रकार के रसायन का प्रयोग न हुआ हो। यह फैब्रिक न केवल त्वचा के लिए आरामदायक होते हैं बल्कि इनपर किसी प्रकार का बैक्टीरिया या वायरस इनपर ठहर नहीं सकता।
स्वास्थ्य जागरूकता ने बदला ट्रेंड
फैशन डिजाइनर शोभित सब्बरवाल का कहना है कि ऑर्गेनिक फैब्रिक वैसे तो काफी समय से तेजी से प्रचलित हो रहा था लेकिन अब कोरोना महामारी के बाद लोग इसका मांग ज्यादा करने लगे हैं।
इस तरह के फैब्रिक की मांग
फैशन डिजाइनर नेहा सिंह का कहना है कि डेनिम, कॉटन, लिनन, रिसाइकिल किया हुआ नायलॉन, बैंबू फैब्रिक, नेचुरल सिल्क, टेंसल, रेयॉन विस्कस आदि को ऑर्गेनिक फैब्रिक के तौर पर उपयोग में लाया जा रहा है।
फैशन डिजाइनर शिवानी का कहना है कि जिस तरह से माहौल और जरूरतें बदली हैं, उसमें फैशन पर भी प्रभाव पड़ा है। अब लोग जागरूक हो गए हैं और सिंथेटिक फैब्रिक से तौबा कर रहे हैं।
वहीं, फैशन डिजाइनर रितिका का कहना है कि लोग अब फैब्रिक को लेकर काफी चूजी हो गए हैं। लोग चाहते हैं कि ऐसा फैब्रिक हो जो की धूल मिट्टी वायरस बैक्टीरिया को आकर्षित न कर सके। इस तरह से फैशन इंडस्ट्री को एक नया लक्ष्य मिल गया है कि अब ऑर्गेनिक क्लॉथिंग के साथ प्रयोग किया जाएं। फैशन डिजाइनर इस बात का खास ध्यान रख रहे हैं कि परिधान और फैब्रिक जहां भी तैयार हो रहे हैं वहां शारीरिक दूरी के नियमों का पालन किया जा रहा है। फैशन डिजाइनर अमीषा खन्ना का कहना है कि वे उन्हीं जगहों से मेटेरियल ले रही हैं जहां कोविड के नियमों को ध्यान में रखकर काम हो रहा है।
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