Coronavirus: मास्क के साथ प्रति मर्श नस्य भी करें, मिलेगी दोहरी सुरक्षा
Coronavirus कोरोना का वायरस मुख्य रूप से नाक या मुंह के रास्ते से ही शरीर में प्रवेश करता है।
गुरुग्राम [अनिल भारद्वाज]। माना जा रहा है कि कोरोना वायरस का संक्रमण ड्रॉपलेट से हो रहा है। इसलिए हर व्यक्ति को मास्क पहनने की सलाह दी जा रही है, लेकिन इसके साथ अगर आयुर्वेदिक विधि अपनाई जाए तो दोहरी सुरक्षा मिल सकती है। प्रसिद्ध आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. परमेश्वर अरोड़ा का कहना है कि किसी भी महामारी के फैलने को चरक संहिता, सुश्रुत संहिता एवं आचार्य वागभट्ट रचित अष्टांग संग्रह आदि आयुर्वेद के ग्रंथों में जनपदोधवंस बताया गया है।
ऐसे समय में वातावरण में उपस्थित वायु में रोग उत्पन्न करने वाले विषाणु और जीवाणुओं के रहने की संभावना रहती है। इनसे बचने के लिए नाक में तेल लगाने का विधान है, जिसे प्रति मर्श नस्य भी कहा जाता है।
आंतरिक सुरक्षा कवच
चूंकि कोरोना का वायरस मुख्य रूप से नाक या मुंह के रास्ते से ही शरीर में प्रवेश करता है। ऐसे में यह तेल एक बायोलॉजिकल बैरियर यानी नाक और मुंह की म्यूकस सतह के ऊपर एक आंतरिक सुरक्षा कवच की तरह काम करता है और वायरस को शरीर में प्रवेश करने से रोकता है। अगर मास्क के साथ इस तरह से तैयार तेल को भी नाक और मुंह में लगाया जाए तो निश्चित ही दोहरी सुरक्षा मिलेगी, हम घातक वायरस से बच सकेंगे।
ऐसे तैयार करें तेल
500 ग्राम सरसों के तेल में पीपल, आम या पान का एक हरा पत्ता डालकर तेल को इतना उबालें कि पत्ता फ्राई हो जाए। अब इस तेल को छानकर ठंडा करके रख लें।
इस तरह करें उपयोग
दिन में तीन बार या कम से कम बाहर जाते समय इस तेल की कुछ बूंदों को हथेली पर रख लें और अंगुली से अपने होठों पर बाहर और अंदर दोनों ओर से लगाएं। छोटी अंगुली की सहायता से नाक के अंदर भी यह तेल लगाएं।