गुरुग्राम मेंं टूटा नए मरीज मिलने का रिकॉर्ड, रविवार को मिले 230 कोरोना संक्रमित
रविवार को गुरुग्राम में अबतक सबसे ज्यादा 230 कोरोना मरीज मिले। यहां कोरोना मरीजों को मिलना तेजी से बढ़ रहा है।
गुुरुग्राम (अनिल भारद्वाज)। गुरुग्राम में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। स्वास्थ्य विभाग से लेकर आमजन में चिंता का विषय बना हुआ है। रविवार को गुरुग्राम में अबतक सबसे ज्यादा 230 कोरोना मरीज मिले। यहां कोरोना मरीजों को मिलना तेजी से बढ़ रहा है तो कोरोना वायरस से ठीक होने वालों की संख्या भी बढ़ रही है।
रविवार को 108 लोगो को अस्पताल से छुट्टी देकर घर भेजा गया। यह स्वास्थ्य विभाग के लिए राहत भरी खबर थी। जिला में कोरोना मरीजों की संख्या 1922 हो गई है और ठीक होने वालों की संख्या 451 हो गई है। 1467 कोरोना मरीजों का इलाज चल रहा है।
सिविल सर्जन डॉक्टर जसवंत सिंह पूनिया ने कहा कि मरीजों के ठीक होने की संख्या बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि रविवार को 256 मरीजों के सैंपल लिए गए और अभीतक 16 हजार से ज्यादा लोगों के सैंपल लेकर जांच कराई जा चुकी है। जिला में अभीतक चार मरीजों की मौत हुई और कोरोना से मरीज जल्द ठीक हो रहे हैं।
इधर, कोरोना को लेकर अस्पतालों व अन्य सुविधाओं पर निगरानी के लिए लगाई गई अफसर ब्रिगेड ने रविवार को शहर के विभिन्न अस्पतालों के प्रबंधनों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की। इसमें विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। इसके साथ ही एचएसवीपी के संपदा अधिकारी-2 विवेक कालिया टीम ने व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए फोर्टिस, मेदांता समेत आधा दर्जन अस्पतालों का निरीक्षण भी किया।
बैठक में इन पर हुई चर्चा
-महामारी अधिनियम के तहत उपायुक्त गुरुग्राम के आदेशों के बारे में बताया गया कि कोई भी अस्पताल मरीजों को इलाज के लिए मना नहीं करेगा।
-मीडिया, सोशल मीडिया फोरम में उठाए जा रहे मामलों को उनके साथ साझा किया गया।
-अस्पतालों से रिपोर्ट मांगने के लिए प्रोफार्मा साझा किया गया।
-प्रोफार्मा के अनुसार बेड/मरीजों को दिन में दो बार अपडेट करें, यदि पोर्टल अपडेट नहीं होता है, तो जिम्मेदारी तय की जाएगी।
-निरीक्षण नियमित रूप से किए जाएंगे और यदि निरीक्षण रिपोर्ट में दी गई रिपोर्ट के साथ अस्पताल द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में कोई भिन्नता पाई जाती है तो कार्रवाई की जाएगी। -अस्पतालों के नोडल अधिकारी व उनके सीनियर सुपरवाइजर के नाम और नंबर तत्काल मुहैया कराए जाएं।
-अस्पतालों द्वारा वसूले जा रहे शुल्क पर निगरानी।
-कोरोना से संबंधित जानकारी के लिए अलग से काउंटर की स्थापना व स्टाफ प्रशिक्षण को लेकर जायजा लेना इत्यादि शामिल रहें।