नहीं बदल रही साइबर सिटी की डर्टी पिक्चर Gurugram News
शहर में सफाई नियमित रूप से नहीं होने इको ग्रीन द्वारा डंपिंग प्वाइंट्स से कचरा नहीं उठाने और डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन सौ फीसद नहीं होने के कारण सफाई व्यवस्था गड़बड़ा गई है।
गुरुग्राम, जेएनएन। हर माह लाखों रुपये खर्च करने के बावजूद शहर की डर्टी पिक्चर नहीं बदल रही है। ओडीएफ प्लस-प्लस, स्वच्छ सर्वेक्षण से लेकर कई पैरामीटर पर शहर में सफाई व्यवस्था का जायजा लिया जाएगा। ओडीएफ प्लस प्लस सर्वे भी इसी माह होगा।
नहीं हो रहा डोर-टू-डोर कचरा उठाव
स्वच्छ सर्वेक्षण तिमाही शुरू कर दिया गया है। लेकिन, शहर में सफाई नियमित रूप से नहीं होने, इको ग्रीन द्वारा डंपिंग प्वाइंट्स से कचरा नहीं उठाने और डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन सौ फीसद नहीं होने के कारण सफाई व्यवस्था गड़बड़ा गई है।
कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान
करोड़ों रुपये का बजट और संसाधन होने के बावजूद सुधार नहीं होने से नगर निगम अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लग रहे हैं।
3500 से ज्यादा हैं कर्मचारी नगर निगम में
3500 से ज्यादा कर्मचारी हैं और इनमें एजेंसी के कर्मचारी भी शामिल हैं। प्राइवेट एजेंसियों को भी हर माह लाखों रुपये का बजट और इको ग्रीन एनर्जी को भी लाखों रुपये के भुगतान के बावजूद शहर में जगह-जगह कचरा फैला हुआ है। डंपिंग प्वाइंट्स से रोजाना कूड़ा नहीं उठने से नागरिकों को परेशानी हो रही है।
हाईवे के किनारे कूड़े का ढेर
दिल्ली-जयपुर हाईवे की सर्विस लेन के किनारे गांव नरसिंहपुर में करीब 300 मीटर एरिया में कूड़े का ढेर लगा हुआ है। हाईवे के बरसाती नाले से निकलने वाले कचरे को भी यही पर डाला जा रहा है। पिछले एक साल से कचरे को नहीं उठाने के कारण यहां पर कूड़े का एक बड़ा ढेर लग गया है। आसपास के लोग भी अब यहां पर कूड़ा फेंकने लगे हैं।
निगम के जोन-1 का है क्षेत्र
नरसिंहपुर, मोहम्मदपुर झाड़सा नगर निगम के जोन-1 क्षेत्र में है। सेनिटेशन विंग द्वारा इस क्षेत्र में सफाई व्यवस्था को ठीक करने के लिए कोई प्रयास नहीं किए गए हैं। गांवों में सफाई के हालात बदतर हैं और कूड़े का उठान नहीं होने के कारण गंदगी फैल रही है।