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CDS से इस तरह बढ़ेगी सेना की ताकत, जानिए पूर्व सेना प्रमुख ने और क्या कहा Gurugram News

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का गठन किए जाने की घोषणा को पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल एनसी विज ने ऐतिहासिक कदम करार दिया है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Thu, 15 Aug 2019 06:38 PM (IST)Updated: Thu, 15 Aug 2019 06:38 PM (IST)
CDS से इस तरह बढ़ेगी सेना की ताकत, जानिए पूर्व सेना प्रमुख ने और क्या कहा Gurugram News
CDS से इस तरह बढ़ेगी सेना की ताकत, जानिए पूर्व सेना प्रमुख ने और क्या कहा Gurugram News

गुरुग्राम [आदित्य राज]। लालकिले के प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का गठन किए जाने की घोषणा को पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल एनसी विज ने ऐतिहासिक कदम करार दिया है। इसके गठन से सेना की ताकत काफी तेजी से बढ़ेगी। तीनों सेनाओं के बीच सामंजस्य और बेहतर होगा। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री ने घोषणा करके इसके महत्व को दर्शाया है।

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बृहस्पतिवार को दैनिक जागरण से बातचीत में पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल एनसी विज ने कहा कि पिछले 20 साल से इस बारे में चर्चा चल रही थी। तीनों सेनाओं के बीच हर स्तर पर सामंजस्य और अधिक बेहतर हो, इसके लिए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का गठन आवश्यक है। पिछली सरकारें भी इसकी आवश्यकता महसूस कर रही थीं लेकिन निर्णय वर्तमान सरकार ने लिया।

इसके गठन से तीनों की सेनाओं की ताकत सामान रूप से बढ़ेगी। किस सेना के भीतर क्या कमी है, किस स्तर पर सुधार की आवश्यकता है, समय के मुताबिक क्या-क्या सुविधाएं विकसित करने की आवश्यकता है, सहित कई विषयों के ऊपर गठन के बाद बेहतर तरीके से काम किया जाएगा। उन्होंने बताया कि तीनों सेना की बात एक साथ सरकार तक पहुंचेगी। वर्तमान में अलग-अलग जानकारी पहुंचती है।

भारतीय सेना दुनिया की सबसे अनुशासित सेना
भारतीय सेना दुनिया की सबसे अनुशासित सेना है। यही नहीं दुनिया की ताकतवर सेनाओं में से एक है। कई युद्ध के माध्यम से सेना अपनी क्षमता का परिचय दे चुकी है। आवश्यकता है कि समय के मुताबिक अत्याधुनिक हथियारों व अन्य सुविधाओं से लैस करने की। यही नहीं जो सुविधाएं पहले से विकसित हैं, उन्हें समय-समय पर अपग्रेड भी करने की आवश्यकता है। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के गठन के बाद इस दिशा में तेजी से काम हो सकेगा। यही नहीं किसी भी विषय पर चर्चा करना आसान हो जाएगा।

मजबूरी में पाकिस्तान युद्ध की भाषा बोल रहा है
जम्मू-कश्मीर से लद्दाख को अलग करने बाद से पाकिस्तान द्वारा युद्ध की धमकी देना उसकी मजबूरी है। वह ऐसा नहीं करेगा तो फिर क्या करेगा। वहां की जनता सरकार को चलने नहीं देगी। युद्ध की बात करके जनता का ध्यान भटकाने का प्रयास किया जा रहा है।

भारत से व्यापार को बंद करके पाकिस्तान ने परेशानी मोल ले ली है। कीमतें लगातार बढ़ती जा रही हैं। वहां की जनता त्राहि-त्राहि कर रही है। ऐसी स्थिति में पाकिस्तान की सरकार के पास भारत के खिलाफ आग उगलने के अलावा दूसरा कोई चारा नहीं है। भारत के खिलाफ आग उगलकर ही अपनी जनता को शांत किया जा सकता है। जहां तक युद्ध की बात है तो पाकिस्तान किसी भी स्तर पर भारत से मुकाबला नहीं कर सकता। यह बात पाकिस्तान ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया को भी पता है।

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