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Gurugram: आतंकवाद और आंतरिक सुरक्षा से संबंधित चुनौतियों से सुरक्षा बल एकजुट होकर निपटेंगे- सेना प्रमुख

सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा कि आतंकवाद और आंतरिक सुरक्षा से संबंधित चुनौतियां पहले भी सामने आई हैं और आगे ही आती रहेंगी। देश के सभी सुरक्षा बल एकजुट होकर इससे निपटेंगे। देश आज इन सभी चुनौतियों से निपटने में सक्षम भी है।

By govind kumarEdited By: GeetarjunPublished: Tue, 21 Mar 2023 07:30 PM (IST)Updated: Tue, 21 Mar 2023 07:30 PM (IST)
Gurugram: आतंकवाद और आंतरिक सुरक्षा से संबंधित चुनौतियों से सुरक्षा बल एकजुट होकर निपटेंगे- सेना प्रमुख
सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे(बाएं) को सम्मानित करते एनएसजी के महानिदेशक एम.ए गणपति।

गुरुग्राम, जागरण संवाददाता। सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा कि आतंकवाद और आंतरिक सुरक्षा से संबंधित चुनौतियां पहले भी सामने आई हैं और आगे ही आती रहेंगी। देश के सभी सुरक्षा बल एकजुट होकर इससे निपटेंगे। देश आज इन सभी चुनौतियों से निपटने में सक्षम भी है।

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जनरल मनोज पांडे मंगलवार को मानेसर स्थित एनएसजी कैंप में आयोजित होने वाली 10 दिवसीय अखिल भारतीय पुलिस कमांडो प्रतियोगिता का शुभारंभ करने पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि नए जमाने की तकनीकों के जरिए दुश्मन का ड्रोन हमले, इंटरनेट, सोशल मीडिया और कई तकनीकों से गतिविधियों को अंजाम देने का प्रयास जारी रहता है।

इसके साथ ही आतंकवादी हमले की किसी भी संभावनाओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। हमारी इंटेलिजेंस एजेंसियां किसी भी बड़े नेटवर्क को असफल करने में कामयाब हैं। उन्होंने कहा कि एनएसजी एक ऐसा दल है जो सभी दलों के साथ संयुक्त रूप से इस प्रकार के सभी खतरों और चुनौतियों से लड़ने के लिए हमेशा तैयार रहता है।

इस दौरान बम डिस्पोज दस्ते और ड्रोन हमले को असफल करने के लिए एनएसजी और अन्य सुरक्षा दलों की टीमों ने प्रदर्शन भी किया। उन्होंने कमांडो की प्रशंसा करते हुए कहा कि कमांडो का नाम सुनते ही हमारे मन में मजबूती और बहादुरी जैसे शब्द आते हैं।

समारोह में विशिष्ठ अतिथि के रूप में मौजूद पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने सभी कमांडों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आपकी पोस्ट की इज्जत आपके ऊपर है। जब हम भारत से बाहर खेलने जाते थे तो वहां हमारी पहचान खत्म हो जाती थी।

वहां हमें भारतीय टीम से पहचाना जाता था। वैसे ही कमांडो के एक्शन उसके दल की इज्जत बढ़ाते हैं। जिस मुकाबले के लिए आपको तैयार किया जा रहा है उसमें पीछे जाने का बटन नहीं है। उन्होंने कहा कि यहां पहुंचा हर एक कमांडो देश के लिए बलिदान देने जो तैयार है।

दिन हो या रात आप यह सोचकर प्रशिक्षण लें कि आपको बलिदान देना नहीं बल्कि दुश्मन का बलिदान लेना है। प्रतियोगिता में 24 टीमें भाग ले रही हैं। आने वाले 10 दिनों में सभी टीमें यहां प्रशिक्षण लेंगी और अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगी।


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