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Aravali: अरावली में बेफिक्र होकर घूम सकेंगे तेंदुआ समेत अन्य वन्य जीव, अब नहीं होगा जान का खतरा

पिछले कुछ सालों के दौरान वाहनों की चपेट में आने से 5 तेंदुओं की मौत हो चुकी है। इनमें से 4 तेंदुओं की मौत केवल मानेसर के नजदीक हुई है जबकि 2 की मौत गुरुग्राम-फरीदाबाद रोड पर हुई है।

By JP YadavEdited By: Published: Sat, 24 Oct 2020 09:22 AM (IST)Updated: Sat, 24 Oct 2020 09:56 AM (IST)
Aravali: अरावली में बेफिक्र होकर घूम सकेंगे तेंदुआ समेत अन्य वन्य जीव, अब नहीं होगा जान का खतरा
अरावली क्षेत्र में वाहनों की चपेट में आने से 5 तेंदुओं की मौत हो चुकी है।

गुरुग्राम [आदित्य राज]। अरावली पहाड़ी क्षेत्र के वन्य जीवों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर जगह-जगह सूचनात्मक बोर्ड लगाए जाएंगे। इसके लिए वन विभाग की वन्य जीव शाखा ने तैयारी कर ली है। अगले सप्ताह से बोर्ड लगाने का काम शुरू कर दिया जाएगा। बोर्ड उन स्थानों पर विशेष रूप से लगाए जाएंगे जहां से वन्य जीव सड़क पार करते हैं। बोर्ड को देखकर वाहन चालक रफ्तार कम कर लेंगे।

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यहां पर बता दें कि पिछले कुछ सालों के दौरान वाहनों की चपेट में आने से 5 तेंदुओं की मौत हो चुकी है। इनमें से 4 तेंदुओं की मौत केवल मानेसर के नजदीक हुई है, जबकि 2 की मौत गुरुग्राम-फरीदाबाद रोड पर हुई है। इसके पीछे मुख्य कारण यह है कि अरावली पहाड़ी से होकर गुजरने वाली सड़कों में वन्य जीवों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर पुलिया का प्रावधान नहीं किया गया है। अरावली पहाड़ी क्षेत्र से होकर दिल्ली-जयपुर हाईवे, गुरुग्राम-फरीदाबाद हाईवे सहित कई सड़कें गुजरती हैं। किसी भी सड़क में पुलिया का प्रावधान नहीं है। इस वजह से वन्य जीव सड़क पार करने को मजबूर होते हैं। इस बीच सड़क पार करने के दौरान वाहनों की चपेट में आ जाते हैं।

ऐसे में इसके लिए जहां जगह-जगह पुलिया का प्रावधान करने की आवश्यकता है। वहींं, दोनों तरफ जाली लगाने के ऊपर जोर देना होगा ताकि पुलिया बनाए जाने के बाद वन्य जीव सड़क के ऊपर से न निकलें। फिलहाल वन विभाग की वन्य जीव शाखा ने जहां से भी वन्य जीव सड़क पार करते हैं वहां पर सूचनात्मक बोर्ड लगाने की योजना बनाई है। काफी संख्या में बोर्ड तैयार कर लिए गए हैं। अगले सप्ताह से बोर्ड लगाने का काम शुरू कर दिया जाएगा। सूचनात्मक बोर्ड के माध्यम से वाहन चालकों से रफ्तार (जिस जगह से वन्य जीव अक्सर सड़क पार करते हैं) करने की अपील की गई है।

इस बाबत पर्यावरण कार्यकर्ता वैशाली राणा कहती हैं कि सूचनात्मक बोर्ड लगाने से भी काफी फर्क पड़ेगा। लोगों को पता ही नहीं है कि किस जगह वन्य जीव सड़क पार करते हैं। जब उन्हें पता चलेगा कि अमूक जगह से वन्य जीव सड़क पार करते हैं तो वे अपने वाहनों की रफ्तार कम कर लेंगे। इससे वन्य जीव वाहनों की चपेट में आने से बच जाएंगे। वैसे वन्य जीव पूरी तरह सुरक्षित तब होंगे जब सभी सड़कों में न केवल पुलिया का प्रावधान बल्कि सड़क के दाेनों तरफ जाली लगाने का प्रावधान किया जाएगा।

कुछ इलाकों में काफी संख्या में वन्य जीव

अरावली पहाड़ी क्षेत्र के कुछ इलाकों में काफी घनी हरियाली है। ऐसे इलाकों में काफी संख्या में वन्य जीव हैं। इन इलाकों में मंडावर, रायसीना, भोंडसी, दमदमा, मानेसर, मांगर, वजीराबाद, बंधवाड़ी आदि के नाम प्रमुख रूप से शामिल हैं। क्षेत्र में सबसे अधिक संख्या तेंदुओं की संख्या है। इसके अलावा गीदड़, लकड़बग्गा, खरगोश, हिरण, नीलगाय सहित कई प्रकार के वन्य जीव हैं।

एमएस मलिक (मुख्य वन संरक्षक (वन्य जीव), गुरुग्राम) का कहना है कि जहां से भी वन्य जीव सड़क पार करते हैं वहां पर सूचनात्मक बोर्ड लगाने की योजना बनाई गई है। काफी संख्या मेें बोर्ड तैयार हो चुके हैं। अगले सप्ताह से हर हाल में बोर्ड लगाने का काम शुरू कर दिया जाएगा। सूचनात्मक बोर्ड लगाए जाने से ही काफी फर्क पड़ जाएगा। जहां तक सभी सड़कों में पुलिया का प्रावधान कराने की बात है तो इस दिशा में भी प्रयास चल रहा है।

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