जानें- Rook के बारे में जिससे आतंकी भी खाएंगे मात, अमित शाह के सामने होगा प्रदर्शन
विध्वंसक रूक गाड़ी (Rook Vehicle) के मदद से कमांडो आसानी से दरवाजा तोड़कर अंदर प्रवेश कर सकेंगे। यही नहीं सामने से आ रही गोली भी कमांडो के सीने तक नहीं पहुंचेगी।
गुरुग्राम [आदित्य राज]। राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (National Security Guard) के लिए अब किसी भी इमारत से आतंकियों के चंगुल में फंसे बंधक को छुड़ाना आसान होगा। कमांडो आसानी से दरवाजा तोड़कर अंदर प्रवेश कर सकेंगे। यही नहीं सामने से आ रही गोली भी कमांडो के सीने तक नहीं पहुंचेगी। इसके लिए एनएसजी के सुरक्षा बेड़े में अमेरिका में निर्मित विध्वंसक रूक गाड़ी (Rook Vehicle) को शामिल किया गया है। इस गाड़ी की उपयोगिता का प्रदर्शन मंगलवार को एनएसजी के स्थापना दिवस समारोह में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के सामने करेंगे।
यहां पर बता दें कि लंबे समय से विध्वंसक रूक की आवश्यकता एनएसजी में महसूस की जा रही थी। कई बार आतंकवादी किसी इमारत में घुस जाते हैं। इसके बाद लोगों को बंधक बना लेते हैं। अंदर से ही फायरिंग शुरू कर देते हैं जिससे कमांडो को इमारत में घुसना काफी मुश्किल हो जाता है। यही नहीं कई बार इमारत का गेट बंद कर दिया जाता है। ऐसी स्थिति में कमांडो को अपना बचाव करते हुए गेट तोड़ना जरूरी होता है। इन सभी समस्याओं का समाधान विध्वंसक रूक है।
विध्वंसक रूक की खासियत
- इसकी खासियत यह है कि इसमें आठ से दस कमांडो बैठ सकते हैं।
- इसमें प्लेटफार्म है। यही नहीं प्लेटफार्म तीन तरफ से घिरा है।
- यह 12 फीट की ऊंचाई तक जा सकता है।
- तीन तरफ बुलेटप्रूफ दीवार है। इससे सामने से आने वाली गोली कमांडो के नजदीक नहीं पहुंच पाएगी।
बताया जाता है कि दुनिया के किसी भी हथियार से निकलने वाली गोली रूक की दीवार को भेद नहीं सकती है। इसमें बुलडोजर जैसा यंत्र है। जो किसी भी दीवार को तोड़ सकता है। यही नहीं गाड़ी में पांच कैमरे लगे हुए हैं, जिससे दीवार टूटते ही अंदर का पूरा दृश्य सामने आएगा। इस तरह किसी भी इमारत में बिना नुकसान के आसानी से कमांडो अब प्रवेश कर जाएंगे।
गृहमंत्री अमित शाह के सामने हैरतअंगेज प्रदर्शन करेंगे कमांडो
राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड हर साल अपना स्थापना दिवस समारोह मानेसर स्थित ट्रेनिंग सेंटर में मनाता है। इस बार समारोह के मुख्य अतिथि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह हैं। उनके सामने एनएसजी के कमांडो हैरतअंगेज प्रदर्शन करेंगे। यदि आतंकवादी किसी इमारत में घुसे हैं तो कैसे आपरेशन चलाया जाता है, आपरेशन के दौरान के-9 किस तरह से भूमिका निभाता है, सहित कई विषयों के बारे में कमांडो प्रदर्शन करेंगे। के-9 की खासियत यह है कि उसके सिर पर कैमरे लगे होते हैं। कहीं भी आपरेशन चलाने से पहले से उस जगह छोड़ दिया जाता है। कंट्रोल रूम में कैमरे से पूरी जानकारी आ जाती है।
एसएस देसवाल (महानिदेशक, डीजी, एनएसजी) के मुताबिक, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड की क्षमता इतनी बढ़ चुकी है कि किसी भी स्थिति का बेहतर तरीके से सामना किया जा सकता है। इसे लगातार अत्याधुनिक हथियारों व अन्य सुविधाओं से लैस किया जा रहा है। स्थापना दिवस समारोह में कमांडो अपनी क्षमता का प्रदर्शन करते हैं।
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