तीन माह बाद भी रिफंड का प्रस्ताव नहीं देने से एनबीसीसी केनिवेशक परेशान
सेक्टर-37सी स्थित नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कारपोरेशन (एनबीसीसी) की ग्रीन व्यू सोसायटी के निवेशकों को तीन माह बाद भी रिफंड का कोई प्रस्ताव नहीं मिला है। इसके चलते निवेशक बेहद परेशान हैं। उन्होंने बुधवार को उपायुक्त निशांत कुमार यादव से मुलाकात कर उन्हें अपनी पीड़ा सुनाई। उपायुक्त ने भी उनकी बातों को गंभीरता से सुना और उनको आश्वासन दिया कि उनकी समस्याओं का जल्द समाधान कराया जाएगा।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम : सेक्टर-37सी स्थित नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कारपोरेशन (एनबीसीसी) की ग्रीन व्यू सोसायटी के निवेशकों को तीन माह बाद भी रिफंड का कोई प्रस्ताव नहीं मिला है। इसके चलते निवेशक बेहद परेशान हैं। उन्होंने बुधवार को उपायुक्त निशांत कुमार यादव से मुलाकात कर उन्हें अपनी पीड़ा सुनाई। उपायुक्त ने भी उनकी बातों को गंभीरता से सुना और उनको आश्वासन दिया कि उनकी समस्याओं का जल्द समाधान कराया जाएगा।
एनबीसीसी ने 2010 में सेक्टर-37सी में जमीन खरीदने की प्रक्रिया शुरू कर रिहायशी प्रोजेक्ट बनाने की योजना तैयार की थी। भारत के नौ रत्नों में शामिल एनबीसीसी का नाम होने के कारण लोगों ने इस प्रोजेक्ट में खुश होकर निवेश किया। प्रोजेक्ट तैयार हुआ और 2017 में जिला नगर योजनाकार विभाग ने इस प्रोजेक्ट को आक्यूपेशन सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया। लोग यहां आकर रहने लगे। करीब एक साल बाद ही सोसायटी के पिलर में दरारें आने लगीं और छत से प्लास्टर झड़कर गिरने लगा। इसके अलावा बालकनी भी जर्जर हो गई। लोगों ने शिकायत की तो एनबीसीसी ने इसका स्ट्रक्चरल आडिट कराने के लिए दिल्ली आइआइटी की टीम को बुलाया। दिल्ली आइआइटी की टीम ने अक्टूबर 2020 में इस पूरी इमारत को खतरे की इमारत करार दे दिया। उसके बाद एनबीसीसी ने यहां रहने वाले लोगों से बिल्डिंग खाली करने के नोटिस देने शुरू किए। निवेशकों ने बिल्डिग खाली करने से पहले एनबीसीसी के सामने निवेश की गई राशि रिफंड करने की मांग रखी। फरवरी 2022 में सोसायटी में रहने वाले निवासियों तथा एनबीसीसी के अधिकारियों की जिला प्रशासन के साथ बैठक हुई। इसमें भी एनबीसीसी के अधिकारियों ने रिफंड देने की बात की थी। जिला प्रशासन के निर्देश पर लोगों ने पहली मार्च को पूरी बिल्डिग को खाली कर दिया।
तीन महीने बीतने के बाद भी एनबीसीसी ने निवेशकों को रिफंड देने के मुद्दे पर कोई गंभीरता नहीं दिखाई है। बुधवार को निवेशक जिला उपायुक्त निशांत कुमार यादव से मिलने पहुंचे। निवेशकों ने कहा कि एनबीसीसी के अधिकारी उनको बैठक के लिए भी समय नहीं दे रहे हैं। तीन महीने से अधिक समय बीत चुका है। एनबीसीसी के अधिकारियों ने रिफंड के बारे में भी अभी तक कोई ठोस प्रस्ताव न तो निवेशकों को और न ही जिला प्रशासन को दिया है। एनबीसीसी के अधिकारी आइआइटी रुड़की और सीबीआरआइ की रिपोर्ट भी साझा नहीं कर रहे हैं।
निवेशकों की बात सुनने के बाद उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने उनको आश्वासन दिया कि वह आवास और शहरी विकास मंत्रालय के सचिव के साथ रिफंड मामले में चर्चा करेंगे और उनसे ताजा स्थिति के बारे में जानकारी लेकर कोई समाधान निकालने का प्रयास करेंगे।