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आइएसए की पहली महासभा के भी केंद्र में रहेंगे नरेंद्र मोदी

जलवायु परिवर्तन के खिलाफ गठित अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन की पहली महासभा के केंद्र में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रहेंगे। सभा दो अक्टूबर को नई दिल्ली में आयोजित की जाएगी। शुभारंभ संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेश की उपस्थिति में प्रधानमंत्री मोदी करेंगे। इसमें शामिल होने के लिए गठबंधन के दायरे में आने वाले सभी 121 देशों को आमंत्रित किया गया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Sep 2018 06:22 PM (IST)Updated: Thu, 20 Sep 2018 06:22 PM (IST)
आइएसए की पहली महासभा के भी केंद्र में रहेंगे नरेंद्र मोदी
आइएसए की पहली महासभा के भी केंद्र में रहेंगे नरेंद्र मोदी

आदित्य राज, गुरुग्राम

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जलवायु परिवर्तन के खिलाफ गठित अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन की पहली महासभा के केंद्र में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रहेंगे। सभा दो अक्टूबर को नई दिल्ली में आयोजित की जाएगी। शुभारंभ संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेश की उपस्थिति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। इसमें शामिल होने के लिए गठबंधन के दायरे में आने वाले सभी 121 देशों को आमंत्रित किया गया है।

पिछले कई महीनों से महासभा की तैयारी चल रही थी। अब तैयारी को अंतिम रूप दे दिया गया है। पहले महासभा का शुभारंभ संयुक्त राष्ट्र के महासचिव द्वारा किए जाने की चर्चा थी। तैयारी के अंतिम रूप के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुभारंभ करेंगे जबकि संयुक्त राष्ट्र महासचिव मुख्य अतिथि होंगे। अपने भाषण के माध्यम से मोदी आइएसए के लिए भारत द्वारा अब तक किए गए प्रयासों पर न केवल प्रकाश डालेंगे बल्कि किस तरह कम से कम समय में सौर क्रांति तेज हो सकती है, इसके ऊपर भी अपने विचार रखेंगे। देश में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने की दिशा में क्या-क्या प्रयास किए जा रहे हैं, इस बारे में भी सभी देशों को अवगत कराया जाएगा। मोदी के प्रयास से ही अस्तित्व में आया था आइएसए

तीन साल पहले फ्रांस की राजधानी पेरिस में जलवायु परिवर्तन के ऊपर सम्मेलन आयोजित किया गया था। दुनिया के अधिकतर देशों ने उसमें हिस्सा लिया था। भारत की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं शामिल हुए थे। उसी सम्मेलन के दौरान 30 नवंबर 2015 को प्रधानमंत्री मोदी के विशेष प्रयास से अंतराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आइएसए) अस्तित्व में आया था। मोदी के प्रयास में फ्रांस के तत्कालीन राष्ट्रपति फ्रास्वां ओलांद ने सबसे सक्रिय भूमिका निभाई थी। सम्मेलन में ही तय कर दिया गया था कि आइएसए का मुख्यालय भारत में होगा। घोषणा के कुछ ही समय बाद गुरुग्राम-फरीदाबाद रोड स्थित राष्ट्रीय सौर ऊर्जा संस्थान के सूर्य भवन में मुख्यालय यानी सचिवालय शुरू कर दिया गया। ग्रेटर नोएडा में आयोजित होगा निवेशक सम्मेलन

दो अक्टूबर को नई दिल्ली में महासभा के बाद अगले तीन दिन यानी तीन से पांच अक्टूबर तक ग्रेटर नोएडा स्थित इंडियन एक्सपो मार्ट सेंटर में निवेशक सम्मेलन आयोजित होगा। इसके लिए भी तैयारी लगभग पूरी कर ली गई है। सम्मेलन में महासभा में भाग लेने वाले कई देशों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। वैसे अधिकतर देशों के उद्यमी हिस्सा लेंगे जो सौर ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश कर चुके हैं या आगे करने वाले हैं। आइएसए के गठन के बाद पहली महासभा देश में आयोजित होने जा रही है। यह देश के लिए काफी गर्व की बात है। 121 देशों के प्रतिनिधि देश में होंगे। इसके लिए तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया गया है। उम्मीद है कि महासभा के बाद सौर ऊर्जा के क्षेत्र में जबरदस्त क्रांति आएगी।

उपेंद्र त्रिपाठी, अंतरिम महानिदेशक, अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन


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