राव के कार्यालय में लगी हाजिरी, कुछ के तेवर अभी भी गरम
नगर निगम सदन में मेयर सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास करने के एक सप्ताह बाद राजनीतिक हस्तक्षेप हुआ। मंगलवार को केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने अपने पक्ष के पार्षदों के साथ दिल्ली में बैठक कर मामले की तह तक जाने का प्रयास किया।
संदीप रतन, गुरुग्राम
नगर निगम के सदन में आया राजनीतिक भूचाल कुछ कमजोर जरूर पड़ा है, लेकिन फिलहाल शांत नहीं हुआ है। मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास करने के एक सप्ताह बाद अब राजनीतिक हस्तक्षेप हुआ। सोमवार को केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने अपने पक्ष के पार्षदों के साथ दिल्ली में बैठक कर मामले की तह तक जाने का प्रयास किया। एक घंटे चली इस बैठक में पार्षदों के मन की बात जानी, नब्ज टटोली गई। इस खास बैठक में 12 पार्षद पहुंचे थे और कुछ पार्षदों को मंगलवार को राव इंद्रजीत सिंह ने बैठक के लिए बुलाया है। सूत्रों के मुताबिक ज्यादातर पार्षदों को सुनने के बाद अंत में मेयर को बुलाया जाएगा। एक सप्ताह बाद मेयर मधु आजाद सहित तीनों मेयर की बैठक राव इंद्रजीत सिंह से होने की उम्मीद है।
नाराजगी दूर करने का प्रयास
बैठक से लौटे पार्षदों का कहना है कि एक घंटे की इस बैठक में पार्षदों की नाराजगी दूर करने और उनके काम करवाने का आश्वासन दिया गया है। इस बैठक से कुछ पार्षद नरम पड़ते हुए नजर आ रहे हैं, लेकिन कुछ के तेवर अभी भी गरम है और वे मेयर की कुर्सी को बदलाने के मूड में है। सूत्रों के मुताबिक जब बैठक हो रही थी तो राव इंद्रजीत को पार्षद खुलकर अपनी बात नहीं बता पा रहे थे और वार्डों में काम नहीं होने और निगम अधिकारियों की मनमानी की चर्चा हुई तो एक पार्षद ने कहा कि हम यहां पर जेई, एसडीओ को बदलाने के लिए नहीं आए हैं, मेयर बदलना चाहिए। नगर निगम में फैले भ्रष्टाचार का मुद्दा भी इसी पार्षद ने उठाया। इस मुद्दे पर कई पार्षद अभी भी एकजुट हैं। दस दिन बाद तस्वीर होगी साफ
तीनों मेयर की कुर्सी सुरक्षित रहेगी या डगमगाएगी, यह तस्वीर दस दिन में साफ हो जाएगी। 18 दिसंबर को मंडलायुक्त के यहां पर हस्ताक्षरों की पुष्टि भी होनी है। इसके अलावा शेष पार्षर्दों और मेयर की राव इंद्रजीत सिंह के साथ बैठक होने के बाद पक्ष और विपक्ष के पार्षदों के चेहरे खुलकर सामने आ जाएंगे।