जरूरतमंदों व हमारे योद्धाओं की मसीहा बन गई हैं मैत्रेयी
मैत्रेयी सोशल मीडिया के जरिए लोगों की आवश्यकताओं को जानती हैं और फिर उन्हें आवश्यक चीजें उपलब्ध करवाती हैं।
प्रियंका दुबे मेहता, गुरुग्राम
कोरोना संकट के इस दौर में जहां लोग अपनी सुरक्षा और स्वास्थ्यवर्धन में लगे हुए हैं वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो कि दूसरों की सेवा और सुरक्षा का बीड़ा उठा रहे हैं। इन्हीं में से एक हैं मैत्रेयी अग्रवाल। मूलरूप से कानपुर से संबंध रखने वाली गुरुग्राम निवासी मैत्रेयी केवल जरूरतमंदों की ही नहीं बल्कि इस दौर में हमारे योद्धाओं की भी मदद कर रहे हैं। उनका कहना है कि जो लोग अपनी परवाह न करते हुए दूसरों को इस संकट से उबारने का प्रयत्न कर रहे हैं उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना सभी की जिम्मेदारी है। कानपुर से लेकर दिल्ली तक मैत्रेयी ने चिकित्सकों और नर्सिंग स्टाफ तक के लिए पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (पीपीई) किट व अन्य जरूर की सामग्री मुहैया करवा रही हैं। ऐसे हुई शुरुआत
उन्होंने शुरुआत में सोचा कि सरकार और प्रशासन लोगों की सुरक्षा को लेकर गंभीर हैं, लेकिन उनकी भी सामाजिक जिम्मेदारी बनती है कि वे भी इस काम में सरकार का सहयोग करें और उन लोगों को मदद पहुंचाएं जो बतौर योद्धा काम कर रहे हैं लेकिन उनके पास आवश्यक सुरक्षा उपकरण नहीं हैं। उन्होंने पहले अपने स्तर पर ही दिल्ली में काम करना शुरू किया था और कमजोर तबके के लोगों को राशन और भोजन मुहैया करवा रही थी। इस काम को करते हुए संपर्क बढ़े तो लीगल थिक टैंक गुड गवर्नेस चैंबर्स के साथ मिलकर मैत्रेयी ने इस काम की शुरुआत की। ऐसे करती हैं काम
मैत्रेयी सोशल मीडिया के जरिए लोगों की आवश्यकताओं को जानती हैं और फिर उन्हें आवश्यक चीजें उपलब्ध करवाती हैं। उन्हें विभिन्न राज्यों के लोकल वॉलंटियर फोन करते हैं। वे उस स्थान से अस्पताल या डॉक्टर से पड़ताल करके उनसे पत्र मंगवाती हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि इन चीजों का सही जगह उपयोग हो रहा है। कई जगहों पर पहुंचाई मदद
मैत्रेयी घर से बाहर नहीं निकली हैं लेकिन उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से फंड एकत्र करके जरूरतमंदों की मदद की है। कानपुर के अलावा दिल्ली नगर निगम के साथ मिलकर भी पीपीई किट बांटी हैं। उनके पास उत्तर बिहार में चंपारण से डिमांड आई है तो वे उसके लिए काम कर रही हैं। इसके वेंडर व मैन्यू्फैक्चरर 'ट्रुली हेल्दी' से बेहद कम कीमत पर उन्हें पीपीई किट मिल रही है। इसके अलावा अर्पण एनजीओ के साथ मिलकर इस काम को बड़े स्तर पर ले जा रही हैं। फोटोग्राफी का भी शौक
एमबीए कर चुकी मैत्रेयी टूरिज्म कंपनी में काम कर रही थी। इस दौरान लॉकडाउन में कार्य बंद होने के बाद से समाज सेवा का काम कर रही हैं। इसके अलावा मैत्रेयी को फोटोग्राफी का भी शौक है। उनका कहना है कि पर्यटन के क्षेत्र से जुड़ी होने के कारण उनकी कैमरे से दोस्ती हुई और फिर उन्हें स्थान-स्थान पर जाकर फोटोग्राफी करना रास आने लगा।