प्रदेश के पहले सीएंडडी वेस्ट प्लांट के लिए लंबा इंतजार
सीएंडडी (कंस्ट्रक्शन एंड डिमोलिशन) वेस्ट प्लांट के निर्माण की डेडलाइन कई बार बदलने के बावजूद निर्माण कार्य जल्द पूरा होने की उम्मीद नहीं है।
संदीप रतन, गुरुग्राम
सीएंडडी (कंस्ट्रक्शन एंड डिमॉलिशन) वेस्ट प्लांट के निर्माण की डेडलाइन कई बार बदलने के बावजूद निर्माण कार्य जल्द पूरा होने की उम्मीद नहीं है। बसई में प्लांट का निर्माण कर रही आइएल एंड एफएस कंपनी का दावा है कि सितंबर में प्लांट को चालू कर दिया जाएगा। लेकिन निर्माण की धीमी चाल को देखकर लगता नहीं है कि इस डेडलाइन पर भी निर्माण पूरा होगा। फिलहाल प्लांट का स्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है और मशीनरी को स्थापित किया जाना भी बाकी है।
बता दें कि बसई में करीब चार साल से सीएंडडी वेस्ट प्लांट लगाने की योजना चल रही है। एक एनजीओ द्वारा प्लांट की जमीन को वेटलैंड का हवाला देने और केस एनजीटी में चलने के कारण दो साल तक निर्माण शुरू नहीं हो पाया था। केस की उलझन खत्म होने के बाद प्लांट निर्माण कर रही कंपनी की लेटलतीफी के कारण प्लांट का निर्माण अभी तक नहीं हो पाया है। इस प्लांट में शहर की इमारतों को तोड़ने या निर्माण, सड़कों से निकलने वाले मलबे से टाइलें व ईंटे बनाने की योजना है ताकि इससे प्रदूषण न फैले। प्रदेश का यह पहला सीएंडडी वेस्ट प्लांट होगा। 500 से 600 टन होगी क्षमता
बसई में साढे तीन एकड़ में बन रहे प्लांट की क्षमता 500 से 600 टन प्रतिदिन होगी। यहां पर पूरे शहर से मलबा पहुंचेगा, जिसका टाइलें आदि बनाकर निपटान किया जाएगा। फिलहाल फरीदाबाद रोड, दिल्ली-जयपुर हाइवे और एसपीआर सहित काफी जगहों पर लोग मलबा फेंक रहे हैं, जिससे काफी प्रदूषण फैल रहा है। दो मोबाइल यूनिट भी नहीं मिली
नगर निगम की ओर से प्लांट निर्माण के साथ ही दो सीएंडडी मोबाइल यूनिट भी शहर में शुरू करने की योजना तैयार की गई थी। लेकिन न तो मोबाइल यूनिट खरीदी गई है और न ही कांट्रेक्ट पर यूनिट को लिया गया है। मोबाइल यूनिट से मलबे के ढेर वाली जगह पर जाकर ही इसके निपटान की योजना बनाई गई थी।
- प्लांट निर्माण कार्य चल रहा है, जो सितंबर तक पूरा कर लिया जाएगा।
- राजकुमार, प्लांट इंचार्ज आईएल एंड एफएस