प्रत्याशी के खर्च रजिस्टर का शैडो रजिस्टर से होगा मिलान
जागरण संवाददाता गुरुग्राम गुडगांव लोकसभा क्षेत्र में निष्पक्ष स्वतंत्र एवं शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराने को लेकर चुनाव पर्यवेक्षक (खर्च) के रूप में विनोद कुमार व नीरज कुमार की नियुक्ति की गई है। दोनों पर्यवेक्षक बृहस्पतिवार को लघु सचिवालय स्थित उपायुक्त कार्यालय में मीडिया से रूबरू हुए। इन्होंने कहा कि चुनाव को लेकर जिला प्रशासन सहित विभिन्न सरकारी विभागों व आमजन के बीच बेहतर तालमेल जरूरी है। चुनाव के दौरान प्रत्याशियों के खर्च पर बारीकी से नजर रखी जाएगी। हर प्रत्याशी को अपने चुनावी खर्च को रोजाना रजिस्टर में दर्ज किया जाना चाहिए। किसी भी समय उनके रजिस्टर की जांच की जा सकती है।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: गुड़गांव लोकसभा क्षेत्र में निष्पक्ष, स्वतंत्र एवं शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराने को लेकर चुनाव पर्यवेक्षक (खर्च) के रूप में विनोद कुमार व नीरज कुमार की नियुक्ति की गई है। दोनों पर्यवेक्षक बृहस्पतिवार को लघु सचिवालय स्थित उपायुक्त कार्यालय में मीडिया से रूबरू हुए। इन्होंने कहा कि चुनाव को लेकर जिला प्रशासन, सहित विभिन्न सरकारी विभागों व आमजन के बीच बेहतर तालमेल जरूरी है। चुनाव के दौरान प्रत्याशियों के खर्च पर बारीकी से नजर रखी जाएगी। हर प्रत्याशी को अपने चुनावी खर्च को रोजाना रजिस्टर में दर्ज करना चाहिए। किसी भी समय उनके रजिस्टर की जांच की जा सकती है।
विनोद कुमार ने कहा कि लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार द्वारा किए जाने वाले चुनावी खर्च के विषय को बहुत संवेदनशील माना जाता है। इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा विभिन्न टीमों का गठन किया गया है। इन टीमों द्वारा ज्यादा राशि के कैश ट्रांजेक्शन पर भी निगरानी रखी जाएगी ताकि चुनाव में किसी प्रकार का अवैध लेनदेन नहीं हो सके।
पर्यवेक्षक नीरज कुमार ने बताया कि चुनावी खर्च पर नजर रखने के लिए पुलिस, एक्साइज, इनकम टैक्स, जिला प्रशासन व पर्यवेक्षक खर्च के बीच में बेहतर तालमेल बिठाया जा रहा है। यदि चुनाव खर्च को लेकर किसी प्रकार की कोई शिकायत आती है तो उस पर तत्काल प्रभाव से कार्रवाई की जाएगी। चुनाव प्रक्रिया के दौरान उम्मीदवारों के चुनावी खर्च वाले रजिस्टर की कम से कम तीन बार जांच की जाएगी। इस रजिस्टर में दर्ज खर्च का मिलान प्रशासन की टीमों द्वारा बनाए गए शैडो रजिस्टर से किया जाएगा। अगर इन दोनों की जानकारी में ज्यादा अंतर दिखाई देता है तो पर्यवेक्षक द्वारा इस बारे में सूचना भारत निर्वाचन आयोग को भेजी जाएगी। अनियमितता मिलने पर उम्मीदवार का नामांकन भी रद भी हो सकता है।
चुनाव आयोग द्वारा प्रत्येक उम्मीदवार के चुनावी खर्च की सीमा 70 लाख रुपये रखी गई है। कि चुनावी खर्च पर नजर रखने के लिए जिला प्रशासन द्वारा वीडियो सर्विलांस टीम व फ्लाइंग स्क्वायड सहित कुछ अन्य टीमों का गठन किया गया है। जो अवैध वित्तीय लेनदेन व आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन पर नजर रख रही हैं। इस दौरान सी-विजिल मोबाइल एप के बारे में जानकारी दी गई।
उपायुक्त अमित खत्री ने बताया कि कोई भी उम्मीदवार एक दिन में चुनाव प्रचार के लिए 10 हजार से ज्यादा की नकद राशि का लेन-देन नहीं कर सकता। इससे ज्यादा राशि का लेनदेन डिजिटल मोड से ही करना होगा। उम्मीदवार के चुनावी खर्च का आकलन करने के लिए विभिन्न वस्तुओं की स्टैंडर्ड रेट लिस्ट बनाई गई है जिसमें पोस्टर, बैनर, कुर्सी व चुनाव प्रचार में इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं के रेट निर्धारित हैं। इस रेट लिस्ट के हिसाब से ही शैडो रजिस्टर में उम्मीदवार का खर्चा दर्ज किया जाएगा।