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फिटनेट के सफर पर निकली महक खन्ना बन गईं आयरन मैन

36 वर्षीया महक खन्ना ने 20 अक्टूबर को गोवा में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय ट्राइथेलॉन में आयरन मैन का खिताब जीता है। यह कोई साधारण प्रतियोगिता नहीं थी। इसमें महक ने लगातार करीब दो किमी (1.9) तैराकी की फिर 90 किमी साइकिलिग की और उसके बार 21.1 किमी दौड़ी तब जाकर इस लौह महिला ने आयरन मैन का खिताब पाया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Oct 2019 09:10 PM (IST)Updated: Wed, 23 Oct 2019 06:30 AM (IST)
फिटनेट के सफर पर निकली महक खन्ना बन गईं आयरन मैन
फिटनेट के सफर पर निकली महक खन्ना बन गईं आयरन मैन

पूनम, गुरुग्राम

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हौसला बुलंद हो तो पर्वत भी रास्ता दे देते हैं। ऐसे ही हौसले की जीती जागती मिसाल 36 वर्षीय महक खन्ना ने 20 अक्टूबर को गोवा में हुए अंतरराष्ट्रीय ट्राइथेलॉन में आयरन मैन का खिताब जीता है। इस प्रतियोगिता में विश्व भर के 947 महिला और पुरुषों ने हिस्सा लिया। इसमें 700 लोग कामयाब हुए थे और उन सबको आयरन मैन का खिताब दिया गया। यह कोई साधारण प्रतियोगिता नहीं थी। इसमें महक ने लगातार करीब दो किलोमीटर (1.9) तैराकी की। फिर 90 किमी साइकिलिग और उसके बाद 21.1 किमी दौड़ीं।

यह कठिन प्रतियोगिता इसलिए भी खास हो जाती है कि गुरुग्राम के सेक्टर-54 में रहने वाली महक एक आम महिला की तरह ही हैं। वह नौ साल की बेटी रेचल और सात साल के बेटे रिशान की मां हैं। मां की जिम्मेदारियों के साथ-साथ महक गुड़गांव रनर ग्रुप के माध्यम से गुरुग्राम के करीब 200 लोगों को रोज सुबह दौड़ाती हैं।

महक खन्ना ने अमृतसर से इसकी शुरुआत की थी। वह मूलत: अमृतसर की रहने वाली हैं। द अमृतसर रनर ग्रुप में करीब सौ लोग रोजाना उनके दिशा निर्देश के अनुसार दौड़ते हैं। आयरन मैन का खिताब अपने माता-पिता को समर्पित करते हुए वे कहती हैं कि मेरे पापा ने आठ साल की उम्र में मुझे तैरना सीखने के लिए तैयार किया था। आज उनकी तपस्या सफल हुई है। पांच साल पहले शुरू किया था फिटनेस का यह सफर

अपनी इस सफलता के बारे में महक का कहना है कि आमतौर पर लोग आठ-नौ महीने पहले इस प्रतियोगिता की तैयारी शुरू करते हैं। चूंकि मैं फिटनेस ट्रेनिग देती हूं, इसलिए मेरी प्रैक्टिस लोगों को सिखाते हुए ही ज्यादा हुई है। आयरन मैन के लिए मैंने एक महीने पहले तैयारी शुरू की। हालांकि खेलों से लगाव बचपन से था मगर पढ़ाई के बाद फिटनेस की विशेष ट्रेनिग। महक पांच साल पहले फिटनेस कोच बनीं। उन्होंने अमृतसर में द अमृतसर रनर ग्रुप शुरू किया। इसके बाद गुरुग्राम आ गई। गुरुग्राम और अमृतसर दोनों जगहों पर उनके प्रशिक्षण से लोग दौड़ते हैं।

वह कहती हैं कि अगर एक व्यक्ति भी मुझसे प्रेरित होकर अपने को स्वस्थ बनाता है तो मैं खुद को सफल समझूंगी। इसलिए ही गुड़गांव रनर ग्रुप तैयार किया है। इसमें मैं लोगों को नि:शुल्क ट्रेनिग देती हूं। इसके अलावा मैं बच्चों के लिए भी पांच किमी के मैराथन का आयोजन करती हूं। सुबह दौड़ लगाने से केवल तन ही स्वस्थ नहीं होता मन भी स्वस्थ होता है और आज की जिदगी में यह सबसे जरूरी है। द ग्रेट रन ऑफ पंजाब के माध्यम पंजाब के गांवों में दौड़ेंगे लोग

महक बताती हैं कि आने वाले 24 नवंबर को वे पंजाब में द ग्रेट रन ऑफ पंजाब का आयोजन कर रही हैं। चंडीगढ़ से अमृतसर तक की इस दौड़ की खास बात यह होगी कि यह दौड़ पंजाब के 14 गांवों और पांच शहरों से होकर गुजरेगी। महक पहले खुद भी ऐसी दौड़ में हिस्सा ले चुकी हैं। वे चाहती हैं कि इस दौड़ के साथ लोग पंजाब के गांवों को भी जाने और गांवों को भी ऐसे मैराथन से जुड़ने का मौका मिले।


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