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एचएसआइआइडीसी टोल प्लाजा के लिए 40 एकड़ भूमि देने को तैयार

केएमपी के नजदीक टोल प्लाजा बनाने के बारे में एनएचएआइ हर स्तर पर तैयार है। जमीन मिलते ही आगे की कार्यवाही शुरू कर दी जाएगी। खेड़कीदौला टोल प्लाजा में 26 लेन है जबकि केएमपी के नजदीक 36 लेन की सुविधा होगी। केएमपी के नजदीक ट्रैफिक का दबाव आधा हो जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 Sep 2018 07:35 PM (IST)Updated: Mon, 10 Sep 2018 07:35 PM (IST)
एचएसआइआइडीसी टोल प्लाजा के लिए 40 एकड़ भूमि देने को तैयार
एचएसआइआइडीसी टोल प्लाजा के लिए 40 एकड़ भूमि देने को तैयार

आदित्य राज, गुरुग्राम

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खेड़कीदौला टोल प्लाजा हटाने को लेकर एनएचएआइ ने योजना तैयार कर ली है। इसे हटाकर पचगांव में केएमपी के नजदीक बनाया जाएगा। इसके लिए 40 एकड़ भूमि की आवश्यकता है जो एचएसआइआइडीसी की तरफ से उपलब्ध कराई जाएगी। टोल प्लाजा 36 लेन का होगा। एनएचएआइ का दावा है कि 10 से 15 साल तक टोल प्लाजा का विस्तार करने की आवश्यकता नहीं होगी।

लंबे समय से दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे स्थित खेड़कीदौला टोल प्लाजा को हटाने की मांग चल रही है। अब जाकर इस दिशा में कामयाबी मिलती दिखाई दे रही है। कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) एक्सप्रेस-वे के नजदीक टोल प्लाजा बनाने के बारे में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने गुरुग्राम महानगरीय विकास प्राधिकरण को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। अब केवल हरियाणा राज्य औद्योगिक संरचना विकास निगम (एचएसआइआइडीसी) से जमीन मिलने का इंतजार है। जमीन उपलब्ध होते ही तीन से चार महीने के भीतर टोल प्लाजा बना दिया जाएगा। पचगांव में टोल प्लाजा का निर्माण पूरा होते ही खेड़कीदौला में टोल प्लाजा बंद कर दिया जाएगा। बता दें कि शहर से संबंधित अधिकतर योजनाओं को लेकर सभी विभागों के बीच तालमेल बैठाने का काम गुरुग्राम महानगरीय विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी वी. उमाशंकर कर रहे हैं। 10 से 15 साल को ध्यान में रखकर योजना

केएमपी के नजदीक टोल प्लाजा अगले 10 से 15 साल को ध्यान में रखकर बनाया जाएगा। 36 लेन का टोल प्लाजा होगा। इतनी लेन से एक लाख से अधिक वाहन आसानी से प्रतिदिन निकल सकते हैं जबकि फिलहाल यहां से अधिक से अधिक 40 हजार वाहन ही निकलते होंगे। खेड़कीदौला टोल प्लाजा से प्रतिदिन औसतन 80 हजार वाहन निकलते हैं। इनमें से लगभग 50 प्रतिशत वाहन मानेसर इलाके में चले जाते हैं। पचगांव मानेसर से आगे जयपुर की तरफ है। इस तरह मानेसर का लोड ही नहीं बल्कि एनएसजी ट्रे¨नग सेंटर तक के इलाके का ट्रैफिक लोड केएमपी के नजदीक बनाए जाने वाले टोल प्लाजा के ऊपर नहीं रहेगा। पहले सहरावन में थी टोल प्लाजा बनाने की योजना

पिछले लगभग दो साल से गांव सहरावन में हाईवे पर टोल प्लाजा बनाने की योजना थी। स्थानीय लोगों के साथ ही पर्यावरणकर्ताओं के विरोध के चलते मामला खटाई में पड़ गया। यही नहीं मामला एनजीटी में भी डाल दिया गया। पयरवरणकर्ताओं का कहना है कि जिस जगह पर टोल प्लाजा बनाने की योजना बनाई गई थी, वह वाइल्ड लाइफ कोरिडोर है यानी उसी जगह से वन्य जीव अरावली इलाके में एक तरफ से दूसरी तरफ जाते-आते हैं। दोनों तरफ न केवल घनी हरियाली है बल्कि काफी संख्या में वन्य जीव रहते हैं। पिछले कुछ सालों के दौरान चार तेंदुए सड़क दुर्घटना केशिकार हो चुके हैं। इन सभी विषयों को देखते हुए गांव सहरावन में टोल प्लाजा बनाने का फैसला टाल दिया गया। केएमपी के नजदीक टोल प्लाजा बनाने के बारे में एनएचएआइ हर स्तर पर तैयार है। जमीन मिलते ही आगे की कार्यवाही शुरू कर दी जाएगी। खेड़कीदौला टोल प्लाजा में 26 लेन है जबकि केएमपी के नजदीक 36 लेन की सुविधा होगी। केएमपी के नजदीक ट्रैफिक का दबाव आधा हो जाएगा।

- एके शर्मा, निदेशक (प्रोजेक्ट), एनएचएआइ, गुरुग्राम


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