खेड़की दौला टोल प्लाजा हटना तय, स्थानांतरण के लिए जमीन चिन्हित
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने दावा किया कि दिल्ली-जयपुर हाईवे पर बने खेड़की दौला टोल प्लाजा को यहां से हटाया जाना तय हो चुका है।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने दावा किया कि दिल्ली-जयपुर हाईवे पर बने खेड़की दौला टोल प्लाजा को यहां से हटाया जाना तय हो चुका है। इसके स्थानांतरण के लिए जमीन चिन्हित कर ली गई है। टोल स्थानांतरित करने वाली एजेंसी ने टोल प्लाजा का निर्माण करने तथा इसे स्थानांतरित करने के लिए एक साल का समय मांगा है।
मुख्यमंत्री बुधवार को गुरुग्राम में रियल स्टेट से संबंधित हितधारकों के साथ प्री बजट कंसल्टेशन बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने इन प्रतिनिधियों से बजट में शामिल करने योग्य सुझाव आमंत्रित किए। रियल एस्टेट डेवलपर्स के सामने सुझाव रखा कि वे दूरदराज के क्षेत्रों से शहर में काम पर आने वाले लोगों को शहर के नजदीक ही सस्ती रिहायशी सुविधा उपलब्ध करवाना चाहते हैं। और इसमें भी वे चाहते हैं कि लोगों को स्वयं कम से कम डेवलप करना पड़े।
मुख्यमंत्री ने इसे 'वॉक टू वर्क' (टहलते हुए भी कार्यस्थल पर पहुंच सकें) का नाम देते हुए कहा कि हर शहर में प्रतिदिन 15 से 20 किलोमीटर दूरी से लोग काम के लिए आते हैं। ऐसे लोगों के लिए रियल एस्टेट डेवलपर सस्ते मकान बना कर दें, जो रेंट (किराए), लीज या फ्री होल्ड पर उपलब्ध करवाए जाएं। जो व्यक्ति खरीदने की क्षमता रखता हो वह मकान खरीद ले और जो लीज पर लेना चाहे वह लीज पर ले ले और जो किराए पर लेना चाहे उसे किराए पर मकान मिले। यहीं नहीं कुछ समय के बाद यदि कोई परिवार उस मकान को बेचकर जाना चाहे तो उसके लिए भी बाईबैक की पॉलिसी हो।
मनोहर लाल ने कहा कि जिला मुख्यालय के पास 5000 मकान बनवाने का लक्ष्य है और पूरे प्रदेश में रियल एस्टेट डेवलपर्स से लगभग एक लाख ऐसे मकान बनवाने का लक्ष्य है। ऐसे मकान बिल्डर स्वयं जमीन खरीद कर बनाएं, राज्य सरकार केवल सुविधाएं मुहैया कराएगी। उन्होंने कहा कि हालांकि फरीदाबाद, गुरुग्राम तथा सोनीपत जिलों में ऐसे मकानों की जरूरत कम है लेकिन प्रदेश के पानीपत, करनाल, जींद आदि जिलों में ऐसे मकानों की जरूरत ज्यादा है। मुख्यमंत्री ने बताया कि इन दिनों गुरुग्राम प्रशासन द्वारा सर्कल रेट रिवाइज करने का प्रस्ताव जिला की वेबसाइट पर डालकर लोगों से 10 जनवरी तक सुझाव व दावे आमंत्रित किए हुए हैं, इन प्रस्तावित कलेक्टर रेट को देखें और प्रशासन को सुझाव दें।